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F M POETRY
Unsplash आख़री बार देखना है उसे.. फिर लगातार देखना है उसे.. वो दवाएं बहुत बताता है.. होके बीमाऱ देखना है उसे.. 🙏🙏🙏 ©F M POETRY #फिर लगातार देखना है उसे...
#फिर लगातार देखना है उसे...
read moreF M POETRY
Unsplash आज फिर याद वो आये मुझको.. याद आये तो रुलाये मुझको.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #आज फिर याद वो आये....
#आज फिर याद वो आये....
read moreRAVI PRAKASH
White लगता है आना पड़ेगा पूराने अंदाज में कुछ लोग हल्के में ले रहे है ©RAVI PRAKASH #sad_quotes लगता है आना पड़ेगा पूराने
#sad_quotes लगता है आना पड़ेगा पूराने
read moreSANIR SINGNORI
वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं... आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯 . ©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
read moreSANIR SINGNORI
वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं.. आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯 . ©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
read moreANSARI ANSARI
White आज सजरही है दुनिया। सजाने वाला चाहिए। जिन्दगी के हर मोड़ पर। रूठी है परेशानीया। उसे मनाने वाला चाहिए। ©ANSARI ANSARI आज सज रही है दुनिया।
आज सज रही है दुनिया।
read moreShort And Sweet Blog
आज फिर से मन कही तो उलझा है 🩵✍️। #kahaniya #kahaiyonkasafar #merikahanimerijubani #MeriKahani #hindistory #mankibaat #thoughtsinhindi #Reels
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी छाया है पूरा शहर,धुंध के आगोश में अफरातफरी का आलम है चेतती नही सरकारे दिल्ली आज फिर थमने के कगार पर है पाबंदिया के साये में पब्लिक है मगर प्रदूषण के बचाव में वाहनों से बसूली के फंड कहा पर है सब जिमेदारी का दामोदर पब्लिक पर है तो फिर रोल किया सरकारों का है इनकी बेतुकी हरकतो से दिल्ली आज दम तोड़ रही है बीमारियो की जद में बच्चों बुजुर्गों को ले रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Yaari दिल्ली आज फिर थमने के कगार पर है
#Yaari दिल्ली आज फिर थमने के कगार पर है
read moreनवनीत ठाकुर
मुसाफिर हूँ मैं, सफर की कोई मंजिल नहीं, हर मोड़ पे कोई नई दास्तान बाकी है। कदम कदम पर मिलते हैं कुछ हमसफर, मगर इस राह में अकेले चलने का इरादा बाकी है।। वक्त की चाल ने कितने राज़ छुपा रखे हैं, हर लम्हे में एक तजुर्बा बाकी है। बीते वक्त को कभी रोक न सके हम, मगर हर आने वाले लम्हे से मिलना बाकी है।। बरसात में हर बूंद में उसका एहसास बहता है, यादों की बारिश में उसका नाम बाकी है। भीगी ज़मीं पर वो पाँव के निशाँ छोड़ जाए, ऐसे मौसम में उसका आना बाकी है।। खामोशी में भी एक गूंज सी बसी रहती है, हर सन्नाटे में कोई बात बाकी है। ये खामोश लब्ज़ कुछ कहने को हैं आतुर, बस सुनने वाला कोई अजनबी बाकी है।। ©नवनीत ठाकुर #उसका आना बाकी है
#उसका आना बाकी है
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