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Devang shukla
पूछते है नफ़्सियाती से क्यों रहते हो आज कल तुम? अब कौन बताए इनको मेरे साथ हो आज कल तुम। मैं सुनता नहीं जब कहते है सब, बड़े मुख्तलिफ से लगते हो तुम। मुझे बस याद आता है, तुम कहती हो बिल्कुल मेरे जैसे हो तुम। मुख्तलिफ: different नफ़्सियाती: physco
Sk Sarafat Ali
जब अपने क़ल्ब उस बाक़ी से जुड जायेंगे, तब आप ख़ुद अपनी नफ़्स पे काबू पायेंगे; सिर्फ अहद की ज़िक्र होगी हमेशा इन लबोँ पे, सारी मादियत ख़्वाहिशें दिल से छूट जायेंगी; इब्तिदाई ये कोशिशेँ थोड़ी मुश्किल लगेंगी जरुर, पर तहजीब से करोगे तो रहमत बरसेंगे उसकी बा-दस्तूर। नफ़्स, ईबादत, रहमत बाक़ी: eternal नफ्स: soul मादियत: materialistic इब्तदाई: initially
Abeer Saifi
है बहोत अरमाँ-ए-दिल के तज्दीद करूं खुद को, मगर हाय ये ज़ुल्म-ए-नफ़्स के तेरा ख़्याल आए اا तज्दीद - नया बनाना, नफ़्स - आत्मा #yqdidi #yqbhaijan #yqwriters #yqquotes #yqlife #yqlove #yqtales #yqaestheticthoughts
Ms Khan
हुक्म था नफ़्स को मारने का, अफसोस लोगों ने ज़मीर मार दिए... हुक्म था नफ़्स को मारने का, अफसोस लोगों ने ज़मीर मार दिए...
Devang shukla
इबारत मायने नहीं रखती इबादत में। नफ़्स में नज़ाफ़त होनी चाहिए। बेहतर बुढ़ापे के खातिर, नौजवानी में जियारत हो ये जरूरी नहीं। कोशिश रहे मां बाप की सेवा होनी चाहिए। इबारत= बोली भाषा इबादत= प्रार्थना नज़ाफ़त= शुद्धता नफ़्स= आत्मा जियारत= तीर्थ स्थान पर जाना
Abeer Saifi
है बहोत अरमाँ-ए-दिल के तज्दीद करूं खुद को, मगर हाय ये ज़ुल्म-ए-नफ़्स के तेरा ख़्याल आए اا तज्दीद - नया बनाना, नफ़्स - आत्मा #yqdidi #yqbhaijan #yqwriters #yqquotes #yqlife #yqlove #yqtales #yqaestheticthoughts
Alisha Phillips
Agar Kuch unme hai baaki,To bas vo beeti hui yadein hai tumhari. Jo Kabhi hoto pe muskaan to kabhi ankho me ashk hai de jati. #yqbaba #yqdidi #yourquote #memories #love #lovequotes तेरा प्यार अब सिर्फ रुलाता है। #YourQuoteAndMine #Asha Collaborating with नफ़्स-ए-कल
Abeer Saifi
'इल्लत-ए-नफ़्स पर कुछ इस तरह वार कर, ता-दम-ए-ज़ीस्त तक जंग का इक़रार कर اا कुछ हराम हैं ख़्वाहिशें बहोत हैं माना मगर, तू तो ये कर' अबीर' के बुलंद मेयार कर اا 'इल्लत-ए-नफ़्स - खुद की बुरी आदत, ता-दम-ए-ज़ीस्त - आखिरी साँस तक, हराम - अपवित्र, मेयार - क़ायदा, नियम, standard #yqdidi #yqbhaijan #yqquotes
Abeer Saifi
'इल्लत-ए-नफ़्स पर कुछ इस तरह वार कर, ता-दम-ए-ज़ीस्त तक जंग का इक़रार कर اا कुछ हराम हैं ख़्वाहिशें बहोत हैं माना मगर, तू तो ये कर' अबीर' के बुलंद मेयार कर اا 'इल्लत-ए-नफ़्स - खुद की बुरी आदत, ता-दम-ए-ज़ीस्त - आखिरी साँस तक, हराम - अपवित्र, मेयार - क़ायदा, नियम, standard #yqdidi #yqbhaijan #yqquotes
Akib Javed
I thought कैद है नफ़्स के दरमियाँ उसकी दो उंगलियाँ जो कभी मचली थी दिल पे और धड़क उठा था दिल उसका और वो ही थी जो जेहन में बे इख़्तियारी रखे हुए बे कस थी खुद अपने दरमियाँ।। -आकिब जावेद कैद है नफ़्स के दरमियाँ उसकी दो उंगलियाँ जो कभी मचली थी दिल पे और धड़क उठा था दिल उसका और वो ही थी जो जेहन में बे इख़्तियारी रखे हुए बे कस थ