Find the Latest Status about बे इंतेहा प्यार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बे इंतेहा प्यार.
Shyarana Andaaz (अज्ञात)
मुझसे न पूछो मेरी मोहब्बत की इंतेहा खुद की बर्बादी तक इश्क किया हमने ©Shyarana Andaaz (अज्ञात) #इश्क #बरबादी #इंतेहा
Unknown Shayar
Unsplash झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं ©Unknown Shayar #Book झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं shayari love
#Book झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं shayari love
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल आजादी के दीवानो को ठुकराया जा रहा है काला चेहरा सत्ताधीशो का अंग्रेजो जैसा बर्ताव जनता से किया जा रहा है बढ़ गया जोर जुर्म इनका टेक्सो से भुखमरी का शिकार बनाया जा रहा है नैतिकता संवेदना और सँविधान से ना इनका वास्ता हठधर्मिता से देश चलाया जा रहा है भगतसिंह सुभाष चन्द नेहरू अम्बेडकर सब गौण सिर्फ वीर सावरकर का गुणगान किया जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
#Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
read moreSunil Kumar Maurya Bekhud
प्यार कोई नहीं जाने कब किससे हो जाएगा प्यार बातों ही बातों में अपना दिल जायेंगे हार उसके ऊपर चल जाएगा अगर किसी का जादू वश में नहीं आयेगा फिर तो हो करके बेकाबू हम भूलेंगे तब से अपना हँसना व मुश्काना घूमेंगे हम इधर उधर फिर बन करके दिवाना बेखुद प्यार छीन लेता है हमसे सुख व चैन दिल को है तड़पाता इतना रो पड़ते हैं नैन ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #प्यार
Dr. H(s)uman , Homoeopath
तुम्हें देखना ही मेरी आँखों ने सारी जिम्मेदारियां ले ली है भला अब मैं आँखें खुली क्यों रखूं ©Dr. H(s)uman , Homoeopath #प्यार
Manju Vashishtha
रिश्तों में गरिमा बनी रहे दूरियां भी ना आए और खुशियां अपनी बनी रहे ©Manju Vashishtha #प्यार
Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
क्या क्या मेरा मेरे दिलदार लौटा पाओगे तुम दिल्लगी का शिकार मेरी हार लौटा पाओगे तुम मुद्द्त हुई लौटे हो 'मुझे भूल जाओ' कहने को मेरा बरसों का वो इंतजार लौटा पाओगे तुम तुम्हारी राह देखते देखते थक कर पथरा गईं मेरी आँखों से बही जलधार लौटा पाओगे तुम आती जाती रहीं तुम्हारी उम्मीद में कैसे कैसे मेरी स्वासों के तार तार लौटा पाओगे तुम जिस बेरुखी से कह गए भूल जाने को मुझे मेरा करार,एतबार,मेरा प्यार लौटा पाओगे तुम ©अज्ञात #प्यार
Shashi Bhushan Mishra
बे-दखल चाहत हुई है, भावना आहत हुई है, प्रेम का मरहम लगाया, तब कहीं राहत हुई है, बेवज़ह बेचैन हो मन, समझ लो उल्फ़त हुई है, देखता हरबार मुड़कर, जब कोई आहट हुई है, ध्यान में बैठे हो जबसे, फिर कहां फ़ुर्सत हुई है, हो मनोरथ सिद्ध अपना, ऐसी कब किस्मत हुई है, मुस्कुराकर भूल जाना, अपनी तो आदत हुई है, याद तड़पाती है 'गुंजन', घर गये मुद्दत हुई है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #बे-दखल चाहत हुई है#
#बे-दखल चाहत हुई है#
read moreShort And Sweet Blog
वक्त बे वक्त न जाने क्यों? || urdu sad love poetry #urdupoetry #lovepoetry #brokenlove #urdupoetry #urdushayari #urdukavita #tutadil bewafa
read more