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Mastan Sanghan

शायरी,19 मस्तान सिंह

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मने अपनी life का बहुत time खराब किया,
खुशी इस बात की है,
जो बी किया अपनों के लिए किया,


शायरी,मस्तान सिंह शायरी,19
मस्तान सिंह

Ragini Kamti 🐯

19-20 का फर्क #शायरी

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तुमने तो जाते_जाते मेरे और अगले     दिन में 19-20 का फासला
 तय कर दिया!!! 19-20 का फर्क

Ayush Raj

19 रुपिया का चमत्कार #Motivational

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Roshani 143

19 रूपय का ताकत #Motivational

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Akram Tilhari

[[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 13/11/19

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दिल की महफिल  सजाने से क्या फायेदा 
गीत   उल्फ़त  के  गाने   से  क्या  फायेदा 

जिन  को  तेरी  वफा  पर   यकी़ं   ही नहीं 
उन  के  घर  आने   जाने  से  क्या फायेदा 

सोने  चाँदी   के   महलों  में  रहते   हैं  जो 
उन  से   नज़रें   मिलाने  से  क्या  फायेदा 

जिस  ने  थामा   है  ग़ैरों  का  दामन  सदा 
उस  को  अपना  बनाने  से  क्या  फायेदा 

जिस   को  आगोश   में  मौत  ने ले  लिया 
उस  का  मातम   मनाने  से  क्या  फायेदा 

दिल  में   जब  कोई  बाक़ी  ख़ुशी  ना रही 
फ़िर   बहारों   के  आने   से  क्या  फायेदा 

ऐब  गर   तुम  को  अकरम  के  मालूम  थे 
हर  किसी   को  बताने  से   क्या  फायेदा [[  अकरम तिलहरी की शायरी  ]] 13/11/19

Akram Tilhari

[[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 23/11/19

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वो जो रह कर गुलों में जी रहे हैं 
वोही तो मुश्किलों में जी रहे हैं 

अभी निकला नहीं मग़रिब से सूरज 
अभी हम रहमतों में जी रहे हैं 

मसर्रत होगी कैसे हम को हासिल 
मुसलसल हम ग़मों में जी रहे हैं 

तुम्हारा जब से थामा हम ने दामन 
हमेशा ख़ुशबुओं में जी रहे हैं 

कहें हम बात अपने दिल की कैसे 
यहाँ हम जा़लिमों में जी रहे हैं 

कहाँ पहुँची है दुन्या ये तो सोचो 
हम अब तक मसलकों में जी रहे हैं 

नमाज़ों के हैं जो पाबंद अकरम 
वोही तो रहमतों में जी रहे हैं [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 23/11/19

Akram Tilhari

[[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 16/08/19 #2YearsOfNojoto

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#2YearsOfNojoto दिल    का    चैनो   क़रार    तुम     से   है 
ज़िंदगी       मेरी      यार       तुम     से       है 

ग़ैर    की     सिम्त      क्यूँ      उठें    नज़रें 
मुझ को   तो   सिर्फ़  प्यार  तुम  से  है 

तुम   नहीं     हो    तो    घर   है    वीराना 
घर     की    सारी    बहार    तुम    से    है 

इक  नज़र   प्यार   की  इधर   जानम 
इलतिजा     बार     बार      तुम    से      है 

इल्मो हिकमत की सारी ऐ अकरम 
रौशन       बे          शुमार       तुम        से         है [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 16/08/19

Akram Tilhari

[[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 20/11/19

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दिल  में   अब तो  हर  लम्हा  रहती बे  क़रारी  है 
आप   की   मोहब्बत   में  आँख    अश्कबारी  है 

उस की हर अदा हम को  जानो दिल  से प्यारी है 
मिटती   है  तो   मिटने  दो   ज़िंदिगी   हमारी   है 

तुम   कभी  तो  आओगे   ज़िंदिगी  मेरी  बन  कर 
हम  ने  इस  तवक़्क़ो   पर   ज़िंदिगी   गुज़ारी   है 

पूछते  हो   क्या   हम  से  कैसी  शब  कटी  यारो 
हम  ने  तारे  गिन   गिन  के  काटी  रात  सारी है 

इक  झलक  जो  देखी  थी  राह  में कभी  उस की 
रह वो आज तक मुझ  को जानो दिल से प्यारी है 

अब  ना  कुछ  दिखाई   दे अब  ना  कुछ सुनाई दे 
ज़हनो  दिल  पे  कुछ  ऐसी   इश्क़  की  खुमारी है 

उस के आने  से  सारा  घर   महेक  उठा   अकरम 
आज   औज    पर   क़िस्मत   दोस्तो    हमारी   है [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 20/11/19

Akram Tilhari

[[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 12/11/19

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उम्र में मेरी सराबों के सिवा कुछ  भी नहीं 
उस के दामन में बहारों के सिवा कुछ भी नहीं 

आज भी आप बनायेंगे  बहाना आख़िर 
आप के पास बहानों के सिवा कुछ भी नहीं 

इस ज़मीं पर हैं खिले फूल मोअत्तर कितने 
आसमाँ तुझ में तो तारों के सिवा कुछ भी नहीं 

ये मोहब्बत का शहर है यहाँ क्या ढूंडते हो 
इस शहर में तो दिवानों के सिवा कुछ भी नहीं 

हो गये जिन में फसादात के पौदे यारो 
उन मकानों पे तो तालों के सिवा कुछ भी नहीं 

कैसे आये हो यहाँ ढूंडते फिरते क्या हो 
मेरे आँगन में तो ख़ारों के सिवा कुछ भी नहीं 

कौन गुज़रा था तेरे दिल की ज़मीं पर अकरम 
जिस के क़दमों के निशानों के सिवा कुछ भी नहीं [[  अकरम तिलहरी की शायरी  ]] 12/11/19

Akram Tilhari

[[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 13/08/19

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अब  कहाँ  ज़ोरो  दम रह  गये 
जब से उल्फ़त के ग़म रह गये 

आज   बस्ती  में   देखा   लगा 
आदमी  कितने  कम  रह  गये 

सब को दिल से निकाला मगर 
दिल  में  तुम ही सनम रह गये 

जो  भी  शहरे  वफ़ा  में  गया 
उस के जम  के कदम रह गये 

तुम  ने  सब  को  लगाया  गले 
और  मुंह तकते  हम  रह  गये 

वो तो  अकरम  चला  ही  गया 
और  पलक  मेरे   नम  रह गये [[ अकरम तिलहरी की शायरी ]] 13/08/19
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