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Dhaneshdwivediwriter
Unsplash मेरा सुख चैन खो रहा है, अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है। . ©Dhaneshdwivediwriter #camping मेरा सुख चैन खो रहा है अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है dhaneshdwivediwriter
#camping मेरा सुख चैन खो रहा है अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है dhaneshdwivediwriter
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मेरा सुख चैन खो रहा है अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है। ©Dhaneshdwivediwriter मेरा सुख चैन खो रहा है अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है
मेरा सुख चैन खो रहा है अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है
read moreहिमांशु Kulshreshtha
नहीं जानता क्या रिश्ता है मेरी रूह से तुम्हारी रूह का जो भी है ये, मगर खूब है ये अधूरा सा रिश्ता हमारा तन के रिश्ते, ना थे पहचान कभी मेरे इश्क की…. रूहों के मिलन से से होगा नायाब ये अधूरा सा रिश्ता हमारा ©हिमांशु Kulshreshtha क्या रिश्ता है..
क्या रिश्ता है..
read moreneelu
White लिखने का समय अलग होता है पढ़ने का समय अलग होता है और समझने का समय और भी अलग होता हैi लिखते रहिए पता नहीं ...किसको क्या पढ़ना है कहते रहिए पता नहीं.. किसको क्या सुनना है ©neelu #sad_quotes #लिखने का समय अलग होता है पढ़ने का समय अलग होता है और समझने का समय और भी अलग होता हैi लिखते रहिए पता नहीं ...किसको क्या पढ़न
#sad_quotes #लिखने का समय अलग होता है पढ़ने का समय अलग होता है और समझने का समय और भी अलग होता हैi लिखते रहिए पता नहीं ...किसको क्या पढ़न
read moreseema patidar
White तुम्हें क्या हुआ? कुछ नही! ये कुछ नहीं कितना छोटा वाक्य है पर ये बहुत विशाल है किसी का कुछ नही विशाल है तो सिर्फ एक सुनने, समझने वाले व्यक्ति के लिए किसी का कुछ नहीं विशाल है तो सिर्फ एक परम मित्र के लिए ये कुछ नहीं तो आसान जरिया है पुनः अपने दुख को न कुरेदने का इस कुछ नही को समझने का पूर्ण हक है तो सिर्फ एक परम मित्र का जो मरहम है इस कुछ नहीं का । ©seema patidar क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ...... कुछ नहीं .......
क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ...... कुछ नहीं .......
read moreShashi Bhushan Mishra
मनचाहा करते करतब, मर्यादा का क्या मतलब, नये ख़यालों के आलिम, अंग प्रदर्शन करे गज़ब, नदी लांघ देती मर्यादा, त्राहिमाम करते हैं सब, अपनी-अपनी हद में रहें, संस्कार सिखलाए अदब, पहनावे से बने आधुनिक, किन्तु विचार बड़े बेढव, आजादी का करें दिखावा, डांस, ड्रिंक,पार्टी और पब, 'गुंजन' खुशगवार मौसम में, क्यों मांगूं फ़ुर्सत जब तब, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #मर्यादा का क्या मतलब#
#मर्यादा का क्या मतलब#
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