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मोरध्वज सिंह
Follow me Friends ©मोरध्वज सिंह नारियल पानी पीने के फायदे। #viral #Trending #Love #Life
Parasram Arora
White क्यों ठहरा है पानी सागर का और इसकी उछलने वाली वो लहर्रे कहा गई मेरे ख्याल से एक ककड पर्याप्त होगा इस सागर क़ी लहरों को जगाने के लिए नज़रे क्या बदली कि नजारे भी बदल गए लेकिन ये नजारे काफ़ी नहीं है मन को बहलाने के लिए ©Parasram Arora क्यों ठहरा है पानी
क्यों ठहरा है पानी
read moreGhumnam Gautam
कितने अच्छे शाइर हो तुम ! पेड़ पे शे'र कहा करते हो कितने बुद्धू लोग हैं हम सब! हर पेड़ को पानी देते हैं ©Ghumnam Gautam #शाइरी #पेड़ #पानी #लोग #ghumnamgautam
#शाइरी #पेड़ #पानी #लोग #ghumnamgautam
read moreMahesh Patel
सहेली...... उसकी एक आदत खूब थी.. मैं जब भी उससे मिलता था.. मुझे गले लगा लेती थी.. ऐसा भी क्या था मुझ में. मैं जब भी दूर रहता था.. आंखों में आंसू भर लेती थी... उसकी एक आदत खूब थी.. ना चाहते हुए भी वह मुझे मिल लेती थी.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White नहाना तेरा पानी में..... कि जैसे कयामत से आई हुई हो कि जैसे नजारा कोई जादुई हो जमाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में.. वो तेरा नदी में उतरना झिझकना तेरा जिस्म छूके नदी का महकना वो होंठों से पानी गुलाबी बनाना सभी मछलियों को शराबी बनाना कलम लिख न पाई ये कैसे बतायें अरे बाप रे जान लेवा अदाएं दिखाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में... वो सर से तेरा बांधना ओढ़नी को लगा जैसे बांधा हो सारी नदी को हंसी चांद बादल के आगोश में था तुम्हें देख कोई कहां होश में था अरे जागते जागते सो गया था तुम्हें देख कर इस तरह खो गया था दिवाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में..... वो पानी से अठखेलियां और मस्ती कि जैसे विखरने लगी मेरी हस्ती लगा तन वदन सारा जल जायेगा ये अभी बर्फ सा दिल पिघल जाएगा ये दुपट्टे का तेरे बदन से लिपटना मुझे देख कर तेरा खुद में सिमटना लजाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में... ©शुभम मिश्र बेलौरा #Sad_Status नहाना तेरा पानी में
#Sad_Status नहाना तेरा पानी में
read moreबदनाम
कल देखा था तुम्हे. छत पे, बाल सुखाती खुद की धुन में बहती हुई शांत खबर थी मोहल्ले को की तुम आई हो मगर गलियों में शांति बहुत थी एक दफा खिड़की से झांकती तुम नजर आई थी पलक झपकते कही गायब भी हो गई थी मेरी चाय वही मेज में रखी ठंडी हो रही थी और कलम सिर्फ तुम्हारा इंतजार कर रही थी शायद अब अगली मुलाकात ना हो तुमसे ये शहर तुम्हारे बिना अधूरे सा लगता है और घर की दीवारें, तुम्हारी यादें दिलाती है तुम्हारे हिस्से की खिचड़ी रख आया हु अगली दफा साथ में खाएंगे....... ©बदनाम अब में बूढ़ा होने लगा हु.....
अब में बूढ़ा होने लगा हु.....
read moreShashi Bhushan Mishra
New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार, नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार, दिल में रहा क़ायम ये भ्रम है प्यार उन्हें भी, नज़रें बचाकर देखते देखा है कई बार, सूरजमुखी सा आफ़ताब देख खिल उठे, हर सुब्ह रहा करता है इस कद्र इंतज़ार, फ़ुरसत में किसी रात चांद डूबता नहीं, मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार, हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए राह के पत्थर, रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार, महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से, बख़्शी ख़ुदा ने दुआ की दौलत भी बेशुमार, दीदार-ए-हुस्न मुकम्मल होता नहीं कभी, होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार, फूलों के ईर्द-गिर्द सुनूं भ्रमर का 'गुंजन', दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिल पर लगा दिया#
#दिल पर लगा दिया#
read moreVinod Mishra