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Dharmraj lohar
गीता में दिए कर्म के सिद्धांत की व्याख्या। कर्म का सिद्धांत दो शक्तियों के माध्यम से कार्य करता है ज्ञान और अज्ञान ज्ञानयोग से किए कर्मो का फल अच्छा और अज्ञान योग से किए कर्मो का फल बुरा होता है ज्ञान से धर्म और कर्तव्य जुड़ा होता है अज्ञान से अधर्म और अकर्तव्य जुड़ा होता ©Dharmraj lohar गीता की व्याख्या
गीता की व्याख्या #विचार
read moreShakuntala Sharma
काली के गुस्से का प्रकोप देखकर देवता और दानव सभी घबराने लगे। तभी सृष्टि का विनाश होने की आंशका सें सारे देवता गण भगवान शंकर के पास दौड़े ताकि काली के क्रोध को शांत करने का उपाय ढुढ़ सके । काली माता पार्वती का ही रूप है। नौ दिन अलग अलग रूपों में माता पार्वती ही विध्यमान है । कोई पतिव्रता नारी अपने पति को पैर नही लगाती । और जिस वक्त माता पार्वती नें महिषासुर का वध करने के लिये विकराल रूप काली का धारण किया । तब वह क्रोध सें सृष्टि का विनाश करने लगी। तभी भगवान शिव ने काली के क्रोध को शांत करने के लिए उसके पैरों में लेट गए ' जैसे ही माता का पैर भगवान शिव के शरीर से स्पर्श हुआ तो पति व्रत धर्म के कारण उनका क्रोध एकदम से शांत हो गया । ©Shakuntala Sharma #navratri सातवा नवरात्रा माता काली की व्याख्या