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Stories related to राजपूतों के झगड़ा दीजिए

Anjali Singhal

"सब्र का इम्तिहान न लीजिए। तरस रहीं हैं अँखियाँ दीदार को... दीदार दीजिए।।" #AnjaliSinghal love nojoto

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"सब्र का इम्तिहान न लीजिए।
तरस रहीं हैं अँखियाँ दीदार को... दीदार दीजिए।।"

©Anjali Singhal "सब्र का इम्तिहान न लीजिए।
तरस रहीं हैं अँखियाँ दीदार को... दीदार दीजिए।।"

#AnjaliSinghal
#love 
#nojoto

हिमांशु Kulshreshtha

लोगों के

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White लोगों के 
फरेबी चेहरे देख कर, 
जज़्बातों से रिस रहा हूँ ,
दिल और दिमाग की 
इस रस्साकशी में, 
मैं पिस रहा हूँ ...!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha लोगों के

हिमांशु Kulshreshtha

कर के..

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Unsplash कर के 
मोहब्बत भरपूर तुमसे ..
हिस्से में 
सिर्फ तेरी बेरुखी के हक़दार हुए .. 
ख़बर भी ना लगी 
कब दिल खो गया
कब तेरी चाहतों के 
शिद्दत से तलबगार हुए ..

©हिमांशु Kulshreshtha कर के..

Ghanshyam Ratre

जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन

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जंगल उपवन के छेड़छाड़ पेड़ -पौधों की कटाई कर रहें हैं।
वन्य प्राणी पशु-पक्षियों का जीवन संकटों से प्रभावित हो रहें हैं।।
जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियां गांवों- शहरों में आ रहें हैं।
खेती-बाड़ी फसल को उजाड़ कर बर्बाद कर रहे हैं।।

©Ghanshyam Ratre जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन

अनिल कसेर "उजाला"

सुना दीजिए

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F M POETRY

#समंदर के किनारे आ के अक्सर..

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ..

सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है..


यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्

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मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत',
तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए।

जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश,
उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए।
ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ,
तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए।

मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है,
राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए।
रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से,
वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए।
हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे,
हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए।

कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए,
वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत',
तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए।

जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश,
उस रास्

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों

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जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।

लगे जब भी जीने की राह कठिन,
इरादों से रास्ते अपने बना दीजिए।
हर ख्वाहिश को हासिल करने का रखो हौसला,
खुद में हर मुश्किल को हल दीजिए।

हो गर आसमान की ऊँचाई छूने का इरादा,
तो जमीन से अपनी उड़ान दीजिए।
हो दर्द जो दिल में छुपा गहरा,
अपनी ताकत का हिस्सा उसे बना दीजिए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ

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Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए,
जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए।
कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए,
आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए।

जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए,
जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए।
कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए,
आपके भीतर छ

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत

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Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए,
अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए।
मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई,
उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए।

अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी,
उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए।
जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में,
उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए,
अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए।
मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई,
उन्हें अपनी मेहनत
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