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हिमांशु Kulshreshtha
घने कोहरे में भी दिखाई देता है मुझे अक्स तेरा तेरी यादों ने इस क़दर भिगोया है मुझे ©हिमांशु Kulshreshtha अक्स तेरा...
अक्स तेरा...
read moreआधुनिक कवयित्री
White दिल से कोई रिश्ता नहीं तुमसे, पर मेरी हर कविता का किस्सा हो। निभा न पाऊं इस जन्म में मैं, ऐसा ही तुम एक रिश्ता हो। हर बार जिंदगी में आ जाते हो, जैसे कोई जिंदगी का हिस्सा हो। मेरे हर गम में साथ खड़े हो जाते, जैसे कोई फरिश्ता हो। मेरे जीवन का संगीत नहीं हो तुम, पर हर संगीत जैसे तुझ पर लिखा हो। धड़कने भी थम सी जाती हैं देखकर तुम्हें, मानो हर सुकुन तुमसे मिलता हो। कलियां भी छिप गई तेरे जानें से, मानो हर फूल तेरे आने से ही खिलता हो। समझ जाते हर खामोशी, मानो मेरी हर सांस का तुम्हें पता हो। ©आधुनिक कवयित्री तेरा किस्सा......
तेरा किस्सा......
read moreBanarasi..
Unsplash गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप का आशियां होता। गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। ©Banarasi.. #lovelife गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप क
#lovelife गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप क
read moreF M POETRY
Unsplash मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है.. पर तेरे महल से खिड़की नज़र नहीं आती.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...
#मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...
read moreनवनीत ठाकुर
कमियां मेरी, मेरी पहचान बन गई, हर ठोकर से मेरी राह जान बन गई। हर मोड़ पर मिला एक नया इम्तिहान, उन्हीं सबकों से मेरी उड़ान बन गई।। अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।। ©नवनीत ठाकुर अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।
अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।
read moreAnjali Singhal
"हर पल ही मैं देखूँ तुझको, बसा हुआ है तू मेरी आँखों में; मैं तेरा चेहरा हूँ तू मेरा दर्पण है। रूह को जो रूह से बाँधे, ऐसा तेरा मेरा बंधन है;
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