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Urmeela Raikwar (parihar)

#Sad_Status रात की कहानी

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White देखों ना रात की कहानी 
अब भानु ने भी
 ख़त्म कर दी,  
अब लौट आओ तुम ,,

written by
Urmee ki Diary

©Urmeela Raikwar (parihar) #Sad_Status रात की कहानी

sanatani vikram ji

#love_shayari पागल की कहानी poetry on love

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White चलो आज एक पाग़ल की कहानी सुनाता हूं....

एक लड़का था जो इक लड़की से बेइंतहा मोहब्बत करता था, उसने जब उसको पहली बार देखा था तभी वो उसके दिल मे बस गयी थी,, बेचारा बहुत भोला था इश्क़ से बहुत डरता था, इसिलए उसने कभी उस लड़की से अपने दिल की बात नही कही,, 2-4 महीने गुज़र गये उसके पास ना लड़की के नम्बर थे ना ही देखने की जगह, याद था तो सिर्फ़ उसका नाम उसकी एक फोटो, एक दिन अख़बार में उसकी फ़ोटो देख ली थी क्योंकि वो पढ़ाई में बहुत होशियार थी, उसने उस फ़ोटो को अख़बार से निकाल कर अपने पर्स में रख ली थी,, ओर उसे देख देख के पागलों की तरह मुस्कुराने लगा... अचानक उसको एक प्रोग्राम में जाना पड़ा ओर उस प्रोग्राम में वो लड़की भी आने वाली थी,, जब उसे ये बात पता चली तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नही रहा वो ऐसे तैयार हो रहा था जैसे शादी में जा रहा हो,, वो उस प्रोग्राम के लिये सोचता हुआ निकल पड़ा लेकिन जिस बस में उसे जाना था वो भी उसी में आ गयी,

उसे देखते ही वो तो घबराने लगा,

उसकी आंखों में अज़ब ख़ुमार छाने लगा..

वो तो उसे टकटकी लगाकर देखता ही रह गया,

फिर वो पागलो की तरह गीत गाने लगा...

उसकी तो बात करने की हिम्मत भी नही हुई, वो उस प्रोग्राम में उस लड़की के साथ शाम तक रहा पर बस देखता ही रहा उसने कोई बात नही की,, थोड़ी बहुत बात जरूर हो गयी थी क्योंकि सब बच्चे साथ बैठे थे, ओर उनके साथ वो भी बैठ गया उसके सामने तो बोल भी नी पा रहा था,, उस लड़की ने अपनी ममी को उस लड़के के मोबाईल से फोन किया तो लड़के के नम्बर उसके पास चले गये,, शाम को उसका मेसज आया,, लड़का पहचान नही पाया.. उस लड़की ने बात की शुरुआत की, धीरे धीरे दोनों की बाते होने लगी, दोनों आपस मे खोने लगे,, अब वो दोनों खास दोस्त बन गये थे,, दोस्त बनने में उसे ज्यादा समय ना लगा,, वो चाहता तो उसे प्रपोज़ कर सकता था और वो भी हां बोल देती,, पर मोहब्बत में होता हे बहुत दर्द इसका उसे अंदाजा था,, इसलिए उसने कभी उसे अपने दिल की बात नही बताई,, एक साल निकल गया था वो सिर्फ उसे अपना दोस्त मानती थी और वो लड़का उसे अपनी जिंदगी समझ बैठा था.. एक बार दोनों की मुलाकात हुई.. अच्छे से बात हुई.. जब लड़का गया तो उस लड़की ने उसकी आंखों में प्यार देख लिया.. ओर उस लड़की ने ही उस लड़के को प्रपोज कर दिया पर दोनों का अंदाज अलग था उस वक़्त दोनों ने प्यार के वो तीन शब्द भी नही बोले इशारो में एक दूसरे को समझा दिया था,, लड़के को दर्द का अंदाजा पहले से था पर उस वक़्त वो सब भूल गया था,, दोनों एक दूसरे को अपनी जान से भी ज्यादा चाहने लगे थे.. उस लड़के के भी आंखों में उस लड़की के लिये प्यार और इज्जत थी तो लड़की भी लड़के से प्रेम में पागल थी.. उन दोनों में लड़ाई भी बहुत होती और प्यार में मिठास भी बहुत थी.. उन दोनों के सपने अब एक से दिखने लगे थे, जब ये प्रेम होता हे तो लोग वर्तमान को भूल ही जाते है और भविष्य सोचने लगते है,, लेकिन प्रकृति के नियमो को कौन भूल सकता है.. प्यार के एक दो साल बाद ही इक मोड़ ऐसा आया जो दोनों की जिंदगी में तूफान ले आया... लड़के को तो पहले से अंदाजा ऐसा कुछ जरूर होगा अभी वो लड़का बहुत छोटा था और पढ़ाई भी पूरी नही हुई थी,, ओर वो इस तूफान से जा भीड़ा,, इक दिन लड़की ने गुस्से में आकर उस लड़के को सुना दिया कि वो कैसे रहेगी उसके साथ,ओर रूठ के बैठ गयी.....!!

लड़का जानता था वो गुस्से में थी गुस्सा ठंडा होगा तो समझेगी.. पर उस रात वो लड़का बहुत परेशां रहा,, उसको पता था अभी तो वो सम्भाल लेगा पर आगे जब ऐसा कुछ हुआ तो क्या करेगा....; उस रात हार कर उसने मरने की तो सोची पर वो उस लड़की को अकेला नही छोड़ सकता था,, उस रात उसने एक पैगाम उस लड़की के नाम लिखा,, ये सोचते हुए की वो भविष्य में उसकी मदद करेगा,, ये वो खत था जो उस लड़के की जिंदगी में एक कलंक का काम करने वाला था,,, उसने अपनी परवाह ना करते हुए कलेजे पे पथ्थर रख के लिखा जब लिखने लगा तो उसे ऐसा लगा जैसे तलवार पे चल रहा हे और कोई उसे कोड़े मार रहा है... फिर भी उसने एक बेहद ख़तरनाक झूठ को अपने खून की स्याही से लिखा,, उस खत में उसने उस लड़की के इज्ज़त पे वार किया था और उसे दिलों का सौदागर कहा था,, जो लड़का जिसे अपनी ज़िंदगी कहता आज उसने उसे ये सब क्यों कहा होगा,, ये किसी ने नही सोचा.. जब उस लड़की ने ये सब पड़ा होगा तो उस पे क्या बीतेगी लड़के को इस बात का अंदाजा था जैसे लड़के ने सोचा वैसा ही हुआ अब वो लड़की उससे नफ़रत करने लगी थी,, उस लड़के की अब कोई इज्ज़त नही रही थी.. ये सब करके वो लड़की की नज़रों में नही खुद की नज़रों में गिर गया था,,, हां वो लड़का उस लड़की को जिंदगी जीना सिखाना चाहता था,,क्योकि वो लड़की बहुत कमज़ोर थी,, आज वो इतनी मज़बूत हे कि वो लड़का उसके सामने आ जाये तो उसे मारने में भी नही हिचकिचाये... वो सोचता था बाद में भी ऐसे हालात हो सकते हे कि दोनों को इक दूजे से अलग होना पड़े,, ऐसा होता तो शायद दोनों ही जी नही पाते.. पर हालात ऐसे होते उससे पहले उस लड़के ने ऐसे हालात खड़े कर दिये ताकि वो उस लड़की को उन सबसे लड़ने की शक्ति दे सके,,,, हो सकता हे उसकी सोच गलत हो, उसका तरीका भी ग़लत हो पर उसने वो सब किया... ओर अब वो लड़की कहती हे कि वो लड़का उसे नही समझता,, उसे क्या पता,, ये सब सुनकर भी लड़का ख़ामोश रह जाता है.....।

अब वो लड़का उसे पाने के लिये वो सब कर रहा हे जो वो कर सकता है और अब उसने फैसला रब ओर किस्मत पे छोड़ दिया है...

प्यार में हार उसने अब तक भी नही मानी है,,

लड़ रहा हे अकेले ही खुद्दारी उसकी पुरानी है...

जीत होगी उसकी, विश्वास की ये निशानी है,,

जिन्दगी से लड़ रहा जंग उस पाग़ल की ये कहानी है...।।

©sanatani vikram ji #love_shayari पागल की कहानी poetry on love

Br.Raj Gaurav

#Thinking बचपन

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White बचपन 

एक बचपन था बहुत शानदार बचपन कुछ बाध्यताओं के साथ वाला रंगीन बचपन!
अनेक रंग थे जो जिंदगी रौशन किये रहते थे!
उस बचपन का एक मौसम था ठंड का मौसम! तब इतनी सुख सुविधाएं नहीं थी! न बिजली न फोन न इतनी महत्वाकांक्षाएं हम और हमारा बचपन बहुत खुश था!
 किसी अलाव के चारों तरफ बैठ के किसी बुजुर्ग की  शीत बसंत और राजा रानी की कहानी सुन के!
कभी कभी तो कहानियां इतनी गंभीर होती थी कि हम रो देते थे!
और अब हक़ीक़त पर भी रोने का समय नही है!
ख़ैर .......
ज़िंदगी की इस रफ़्तार में अब ना वो ठंड है ना वो अलाव है और न ही वो बुज़ुर्ग!
अब सिवाय अफ़सोस के इस जवानी में कुछ बचा नहीं है!
बचपन की सुबह रोज़ तैयार होकर जल्दी स्कूल पहुंचने  के लिए जिन रास्तों पर दौड़ लगाते थे! 
आज वो रास्ते तरस गए होंगे हमारे पैरों की थपक सुनने को जैसे अब हम तरस रहे हैं उन रास्तों पर पैदल चलने को!
वो आम की डाली जिस पर ओला पाती खेल के हमने उसे जमीन से सटा दिया था!
बरसों से वो झुकी हुई डाली एकटक गांव की तरफ़ देख रही है!
उसकी आस को पता ही नही है कि आज का बचपन मोबाइल की स्क्रीन में डूब के असमय मर चुका है! 
और कल जो बचपन उसका साथी था वो कंधे पर बस्ता लटका के स्कूल की तरफ ऐसा दौड़ा कि फ़िर कभी वापस ही नही आया!
वो बचपन अब जवान हो चुका है! उस बचपन के पास अब हफ़्ते के दिन  और महीनों के मौसम को समझने का समय नही है!
जो बचपन सौमनस्य से भरा था उस बचपन की जवानी अब वैमनस्य की शिकार है!
ये सब आधी रात को लिखते हुए!
सुदर्शन फ़ाक़ीर की एक ग़ज़ल 
याद आ रही है!
ना मोहब्बत न दोस्ती के लिए 
वक्त रुकता नहीं किसी के लिए
वक्त के साथ साथ चलता रहे 
यही बेहतर है आदमी के लिए 
वक्त रुकता नही किसी के लिए

अलविदा बचपन!

©Br.Raj Gaurav #Thinking बचपन

Diya

🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰

©Diya #मासूम #नजर #बचपन#बचपन #diyakikalamse

Akash gautam s n

#love_shayari कहानी उम्र भर की मगर कोई बात नहीं

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White अगर सुनो तो कहानी है उम्र भर की मगर नहीं है मन तो चलो और कोई बात करे

©Akash gautam s n #love_shayari कहानी उम्र भर की मगर कोई बात नहीं

Shyarana Andaaz (अज्ञात)

रात की कहानी

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दिन तो गुजर जाता है दुनिया की चकाचौंध में
मसला तो रात की कहानी का है।।

©Shyarana Andaaz (अज्ञात) रात की कहानी

Radhe Radhe

कहानी

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White ऐ दर्द का आलम बताओ ना
और ऐ तो समझाओ ना 
तुम वियोग में जल रहे 
तो मैं वियोगिता सी 
बात उसूल पे आ गयी 
तो हा अब कहानी 
दोहराओ ना। 
जय श्री राधे

©Radhe Radhe कहानी

आधुनिक कवयित्री

बचपन की यादें......

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RUPESH Kr SINHA

#बुलनदी की कहानी खुद की

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Sumit Kumar

बचपन की यादें..

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