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Lalit Saxena
Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा बेताब करते है।।।।। गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते ..............तो क्या मैं लिखता? कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार कलम कही पड़ी होती किसी कोने में और कागज़ हवा में उड़ रहे होते कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते। मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!! ©Lalit Saxena #Book दिल से
#Book दिल से
read moreनवनीत ठाकुर
White रिश्तों का मकां पत्थरों से नहीं बनता, भरोसे के बिना ये कभी नहीं टिकता। झूठ की दरारें जो इसमें पड़ जाएं, तो हर एहसास रेत में धीरे-धीरे सिसकता। प्यार से सींचो, तो ये फूल खिलते हैं, वरना हर रिश्ता कांटे जैसा चुभते हैं। प्यार से सींचो, तो ये अमर हो जाते हैं, वरना ये जख्म बनकर सदा रुलाते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर रिश्तों का मकां पत्थरों से नहीं बनता, भरोसे के बिना ये कभी नहीं टिकता। झूठ की दरारें जो इसमें पड़ जाएं, तो हर एहसास रेत में धीर
#नवनीतठाकुर रिश्तों का मकां पत्थरों से नहीं बनता, भरोसे के बिना ये कभी नहीं टिकता। झूठ की दरारें जो इसमें पड़ जाएं, तो हर एहसास रेत में धीर
read moreShishpal Chauhan
White अपनी लेखनी से कभी लिखता हूँ, कभी लिखकर मिटाता हूँ । कभी हृदय का प्रेम छुपाता हूँ, कभी सोए हुए को जगाता हूँ । लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुमने मेरी लेखनी से प्यार नहीं किया यह तुम्हें मैं क्यों बताता हूँ , तुमने तो मेरे व्यक्तित्व से प्रेम किया; यह सोचकर सहम-सा जाता हूँ । तुम्हें पढ़ने की फुर्सत नहीं है ; यूँ ही दिल को ठेस पहुँचाता हूँ, मुझे वो चेहरा पसंद नहीं है ; केवल दिखावा करता है मैं आपनी लेखनी से ही मन को बहला लिया करता हूँ । अ मेरे जीवन साथी शायद तुम्हें पता ही नहीं मेरी जिंदगी को तुमने कितना बदल दिया सोते हुए नींद में भी लिख लिया करता हूँ , लेकिन तुम्हें क्या फर्क पड़ता है मेरी नींद हराम करने वाली बेकार में ही दिल की धड़कन बढ़ा लिया करता हूँ। तुमने मेरी प्रेम की गहराईयों को समझा ही नहीं तेरी यादों से ही बेरहम अंधेरी रात काट लिया करता हूँ, तुम साथ न दो कोई बात नहीं ; अश्कों को ही स्याही बना लिया करता हूँ। मैं तुमसे मिलने से पहले एक बेजान-सा पुतला था तुमने ही मुझे दिया नाम, पी लिया करता हूँ गमों का जाम। पहचान और शोहरत दी बस तू मेरे साथ रहे यही मैं चाहता हूँ, जैसे सुनार सोने को पिघलाकर आकार देता है तुमने मेरी जिंदगी ही बदल दी तुम से जुदा न हो पाऊँगा बस तुझमें ही खो जाना चाहता हूँ। कितने लोग आए और कितने चले गए कईयों के रिश्ते बिगड़ गए तो कईयों के संवर गए सुख हो दुख हो तुम्हारे संग हर लम्हा बिताना चाहता हूँ, कुछ लोग प्यार की गंभीरता को समझते हैं वे दुनिया को बहुत कुछ दे जाते हैं शायद मैं भी उनमें से एक हूँ अपने मधुर शब्दों से यादें छोड़ देना चाहता हूँ। प्यार में झूठे वायदे झूठी कसमें खाई जाती है उनको निभाता है कोई-कोई ऐसे बंधन में नहीं मैं बंद जाना चाहता हूँ, प्रेम ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफ़ा है; उसमें एक अलग खुशबू है अपनी पवित्रता का ख्याल रखना चाहता हूँ । लेखन बयां कर देता है दिल का हाल – चौहान, लेखनी है मेरी जान ।। ©Shishpal Chauhan #मेरी लेखनी से
#मेरी लेखनी से
read moreवीrendra yadav
White ye रास्ते मकबूल होते गए हम भी अपने आप में खोते गए पहुंचने की कवायद में गुमनाम रास्तों से एक लंबे सफर में दिन बिताते हुए चलते रहे मगर पहुंच न सके उस इंतकाम तक जो किसी से लेना था हमें ©वीrendra yadav # appriciat #सदा
# appriciat #सदा
read moreShiv Narayan Saxena
White जोबन मद रमणी तजे, रिश्ते नाक चढ़ाय। सब दिन रहें न एक से, प्रौढ़ भये पछताय।। चार दिनों की बात है, क्यों करता अभिमान। सब दिन रहें न एक से, सबका हो अवसान।। सब ही हैं भगवान के, सब में ही भगवान। इसी भॉंति जीवन जिये, हरिजन सोई जान।। जो आया सो जायगा, चार दिनों की शान। किसके रोके रुक सका, विधि का यही विधान।। ©Shiv Narayan Saxena #Sad_Status सदा रहे न एक सि hindi poetry
#Sad_Status सदा रहे न एक सि hindi poetry
read moreनवनीत ठाकुर
वक्त की आगोश में खोए लम्हों की सदा दिन का उजाला काली रात में जब घुल सा जाता है, काले बालों पर सफेदी का रंग यूं धीरे-धीरे छाता है। दरख़्तों को देखता हूँ, जो कभी थे हरियाली की मिसाल, अब बिन पत्तों के खड़े हैं, वक्त का ये भी एक हाल। ग्रीष्म में जो राहगीरों को ठंडक पहुंचाते थे हर बार, आज वो सूखे ढेरों में बदल गए, जैसे वक्त ने की है मार। तब सोचता हूँ, तेरी खूबसूरती का क्या होगा अंजाम, इस वक्त के साये में, रहेगा क्या तेरा कोई नाम? वक्त की धार हर हुस्न को मिटा के जाती है, नई खुशबू के संग पुरानी यादों को दबा जाती है। वक्त की दराँती से कौन बच सका है यहाँ, किसे है खबर इस सफर की आखिरी मंजिल है कहां? पर एक उम्मीद है, जो तेरी बनाए रखेगी पहचान, जो तेरा नाम यूं ही रोशन करेगी, वो है तेरी संतान। ©नवनीत ठाकुर #वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा
#वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा
read moreपूर्वार्थ
White बैठी हैं क्यों दर्द लिए; आतीत-सा मन को शान्त किये । जो बीते पल माहुर से थे; आज क्यों उनके जाम पिए। भविष्य सुनहरा राह देखता; तेरे हर पल आने की, हौसले से तोड़ बेड़ियाँ जख्म भरे अल्फाजों की देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने; आगे बढ़ तू इसी बहाने , दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ; भूल न उसे ; जो कहता तू आगे बढ़। जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ; शत्रु हो जाए छितर - बितर।। मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए , तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।। ©पूर्वार्थ #जख्म से जीता
#जख्म से जीता
read moreAnil Bairwa
White Happy dipawali bro ©Anil Bairwa #diwali_wishes दिवाली पर शायरी पटाखों की आवाज से गूंज रहा संसार, पटाखों की दीपक की रोशनी अपनों का प्यार, सदा खुश रहे आपका परिवार, मुबारक हो
#diwali_wishes दिवाली पर शायरी पटाखों की आवाज से गूंज रहा संसार, पटाखों की दीपक की रोशनी अपनों का प्यार, सदा खुश रहे आपका परिवार, मुबारक हो
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