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Stories related to अष्टविनायका तुझा महिमा कसा

royal_shetkari

#leafbook बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽

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Unsplash बाप माझा शेतकरी  जगाचा कैवारी  ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी  सांगा तुम्ही कसा आहे  दिनदूबळा शेतकरी 🌽

©royal_shetkari #leafbook बाप माझा शेतकरी  जगाचा कैवारी  ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी  सांगा तुम्ही कसा आहे  दिनदूबळा शेतकरी 🌽

नवनीत ठाकुर

#शिव हैं भोले, पूरी करते भक्तों की मुराद, माथे पे चंद्र, गले में विष, त्रिनेत्र के नाथ, स्वयं महिष। कालकूट पीने वाले, पशुपति महाकाल, महादेव

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"शिव हैं भोले, पूरी करते भक्तों की मुराद,
माथे पे चंद्र, गले में विष,
 त्रिनेत्र के नाथ, स्वयं महिष।
कालकूट पीने वाले, पशुपति महाकाल,
महादेव हैं सृष्टि के आदि और अंत का आधार।
अर्धनरेश्वर रूप, जहां शक्ति संग विराज,
गले में सर्प, हाथों में त्रिशूल का राज।
वृत्रासुर संहारी, करुणा के सागर,
शिव की महिमा में जग गाता है जैकार।"

©नवनीत ठाकुर #शिव हैं भोले, पूरी करते भक्तों की मुराद,
माथे पे चंद्र, गले में विष, त्रिनेत्र के नाथ, स्वयं महिष।
कालकूट पीने वाले, पशुपति महाकाल,
महादेव

Ravendra

गुरु महिमा अपरंपार है

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संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वलिखित हिन्दी रचना संस्कृत अनुवाद सहित अनुवाद सहित शीर्षक राधा नाम जप श्रीराधाराधा प्रत्येकं कणेषु वर्तते। लहर लहर श्री राधा राधा लह

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gudiya

#sad_shayari nojotophoto #nojotohindi ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं, बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है । नव

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White ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं,
बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है ।

नवीन आंखों में जो नवीन सपने हैं
 वे ग़ालिब  के सपने हैं ।

गालिब ने खोली गांठ जटिल जीवन की, 
बात और वह बोली नपीतुली थी, हल्के पान का नाम नहीं था।

 सुख की आंखों ने दुख देखा और टिटौली की,
 यों जी भर बहलाया।

 बेशक दाम नहीं था उनकी अंटी में, दुनिया से काम नहीं था 
लेकिन उस को सांस सांस पर तौल रहे थे ।

अपना कहने को क्या था, धन-धान नहीं था
 सत्य बोलता था जब मुंह खोल रहे थे ।

ग़ालिब होकर रहे जीत कर दुनिया छोड़ी
 कवि थे, अक्षर में अक्षर की महिमा जोड़ी।
-त्रिलोचन

©gudiya #sad_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotoquote #nojotohindi 
ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं,
बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है ।

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