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kuch pal zindagi ke

पता नहीं कहां गुम हो गया हूं मैं 😔

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azad satyam

मैं तुम्हे सहेजना चाहता हूं, समेटना चाहता हूं अपने में, बस खोना नहीं चाहता...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa

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White मैं तुम्हे सहेजना चाहता हूं,
समेटना चाहता हूं अपने में,
बस खोना नहीं चाहता...✍🏻

💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞

#ek_panchi_diwana_sa

©azad satyam मैं तुम्हे सहेजना चाहता हूं,
समेटना चाहता हूं अपने में,
बस खोना नहीं चाहता...✍🏻

💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞

#ek_panchi_diwana_sa

Kuldeep KumarAUE

#sad_quotes पता नहीं क्यों मैं इतना ज्यादा सोचा करता हूं जब पता है वह मेरे साथ होने वाला नहीं है #kuldeepkumaraue

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White पता नहीं क्यों मैं इतना ज्यादा सोचा करता हूं 
जब पता है वह मेरे साथ होने वाला नहीं है

©Kuldeep KumarAUE #sad_quotes पता नहीं क्यों मैं इतना ज्यादा सोचा करता हूं 
जब पता है वह मेरे साथ होने वाला नहीं है #kuldeepkumaraue

Akash gautam s n

#lovelife मिलना तो लिखा ही था

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Unsplash करें तो किस से करे सीकबे करे किस से गिले कहां चले थे कहा पहुंचे है कहा पे मिले

©Akash gautam s n #lovelife मिलना तो लिखा ही था

Anjali Singhal

"इंतज़ार ही लिखा है तो इंतज़ार ही सही। आप आए और हमसे मिले भी नहीं।।" #intzaar #intzaarshayari #Shayari #Shayari nojoto #AnjaliSinghal

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Unsplash "इंतज़ार ही लिखा है तो इंतज़ार ही सही।
आप आए और हमसे मिले भी नहीं।।"

©Anjali Singhal "इंतज़ार ही लिखा है तो इंतज़ार ही सही।
आप आए और हमसे मिले भी नहीं।।"

#intzaar #intzaarshayari #shayari #Shayari #nojoto #AnjaliSinghal

Shyarana Andaaz (अज्ञात)

फिराक में हूं।

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विष्णु कांत

मैं बदल गया हूं

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Anuradha T Gautam 6280

#तनाव मैं तनाव में हूं पर मुझे लगता नहीं है कारण आंतरिक है इसलिए मैं डरती नहीं हूं..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ १२/१२/२४

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

डरता हूं

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White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं,
जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं।

हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की,
आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं।
धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।।

 कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से ,
आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं।

कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार।
आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं

विष्णु कांत

मैं मर गया हूं।

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