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NC
White दूर थे तो शांत थे पास आए तो शोर हुआ कभी शून्य कभी अनंत थे न रात हुई न निशांत हुआ उम्र बीती अजब कश्मकश में पास आए तो अफसोस हुआ दूर गए तो मांगी दुआ न सब्र हुआ न कबूल दुआ।। ©NC #Sad_Status #कविता कविता हिंदी कविता
Sad_Status कविता कविता हिंदी कविता
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White हर इम्तेहान में रहे वो अव्वल जिंदगी का रुख देख टूटा मनोबल किताबी बातें काम न आईं फलसफा नहीं है ये जिंदगी असल यहां ईमानदारी की नही कीमत कोई सच्चाई एक अकेले कोने में रोई यहां किताबों का न होता अमल यहां कर्मों का उल्टा मिलता फल ।। ©NC #Sad_shayri #कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता
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read moreHeer
White एकान्त कभी कभी यूं ही अकेले बैठना भी अच्छा लगता है, सबसे दूर खुद से मिलना भी अच्छा लगता है, बिना शब्दों की खामोशी भी सुनना अच्छा लगता है। कभी कभी खुद को समझना ओरौ के समझने से बेहतर लगता है, खुद से ही खुद की कमियां जानना अच्छा लगता है। समझा कर खुद को खुद ही निखारना ओरो की वकालत से अच्छा लगता है, कभी कभी सिर्फ खुद को जबाव देना अच्छा लगता है। अकेले में बैठकर चार बातें करके खुद का अस्तित्व पहचानना अच्छा लगता है, कोई हस्ती नहीं हूं में ये जानकर भी अपना सम्मान करना अच्छा लगता है। कभी कभी यूं ही अकेले बैठना भी अच्छा लगता। ©Heer #Sad_shayri #alone #एकांत poetry
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read moreRushikesh bhadange
अंधार आणि एकांताचा जणू काहीतरी घनिष्ट सबंध असावा! या दोघांच्या सानिध्यातच माणूस अगदी शांत आणि अबोल होतो. दुनियेशी हितगुज करू पाहणारा दमलेला जीव या क्षणी स्वतःमध्येच इतका गुरफटून जातो की त्याला स्वतःचच भान राहत नाही. सुखाच्या तरंगांवर हेलकावे खात असलेली त्याची नाव बघता बघता कधी दुःखाच्या खोल दरीत कोसळते त्याचं त्यालाही समजत नाही. आणि तेव्हाच सुरू होते बुडू पाहणाऱ्या जीवाला काटावर पोहोचवण्याची केविलवाणी धडपड! पण नेमकं तिथेच तुमच्या प्रयत्नांना चपराक लगावून मिळणाऱ्या यशाला पराभूत करून तुमचाच पराजय तुमच्यावर हसू पाहतो आणि तेव्हाच मनुष्य दुःखाच्या दरीत असलेल्या वेदना आणि यातनांच्या सानिध्यात घटांगळ्या खात राहतो. अगदी निष्प्राण होईपर्यंत! ©Rushikesh bhadange #cycle माझ्या लेखणीतून #अंधार आणि एकांत!
#cycle माझ्या लेखणीतून #अंधार आणि एकांत! #मराठीविचार
read moreVikram Kumar Anujaya
White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद, हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।" मैं सोचता हूँ, नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है, हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है, ये धरती, ग्रह, नक्षत्र, सबके-सब घूमते क्यों हैं? चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है, और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है? क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद के लिए किसी की तलाश में है? ©Vikram Kumar Anujaya #moon_day कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेम कविता हिंदी कविता
#moon_day कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेम कविता हिंदी कविता
read moreशर्मा निखिल
#पापा उंगली पकड़कर चलना सिखाया, कंधे पर बैठा कर शहर है घुमाया, आप को पाकर लगता है ऐसा, आपके रूप में प्रभु को है पाया| आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. धूप में मेरी छाया बने हो, मुसीबत में बने मेरा सहारा, आपका जो मिला मुझे साथ, निखिल फिर कभी नहीं हारा आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. हर सपनों को मेरे पूरा है किया, जो चाहिए था बिन मांगे हैं दिया, आई जो मुझ पर कभी कोई आंच, उसको आप ने अपने सर है लिया| आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. ©शर्मा निखिल #foryoupapa हिंदी कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविता कोश
#foryoupapa हिंदी कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविता कोश #पापा
read morePragati Dutt
White यह एकांत जो हमें , हमसे मिलाता है । यह एकांत जो हमें , जीना सिखाता है । यह एकांत जो हमें , शक्तिशाली बनाता है । यह एकांत जो हमारे , गुणों को बाहर लाता है । यह एकांत जो हमारे , ह्रदय में चैन लाता है । और धीरे धीरे यह , हमारे जीवन का , महत्वपूर्ण भाग बन जाता है । होता यह नितांत अपना , दिखाता प्रतिदिन नया सपना । सारी चिंता यह मिटाता , ह्रदय में भाव सुंदर जगाता । हां यह एकांत ---- अपना निजी एकांत । शीर्षक - एकांत प्रगति दत्त ©Pragati Dutt # एकांत
# एकांत #कविता
read morealka mishra
#एकांत इस डिजिटल युग ने कर दिया सबको शांत स्वप्रेम प्रदर्शन को मुझे नहीं ढूढ़ना पड़ता एकांत। घर की चारदीवारी लगे गहरा रहस्यमयी प्रशांत। कानों में दक्कन लगाए सभी बैठे सिर झुकाए झुंड में बैठे सभी पर खुद मन्द-मन्द मुस्काये ट्रेंडिंग सोशल मीडिया पर हैशटैग लगा शोर करें इमोजी भेज चिल्लाये कोई डिजिटल गेमिंग में जीत दर्ज कर चैट किये जाये तो कैसा लगा संज्ञाहरण(स्पर्श) का ये अद्भुत अद्वितीय वृतांत। अब आप ही मुझे बतायें क्या पसन्द है आपको अवसादग्रस्त करता एकांत। ©अलका मिश्रा ©alka mishra #एकांत