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Anjali Singhal
White "राह कठिन है जीवन की। कर लेंगे पार धीरे-धीरे... जल्दी नहीं है हमें भी मरने की।।" ©Anjali Singhal "राह कठिन है जीवन की। कर लेंगे पार धीरे-धीरे... जल्दी नहीं है हमें भी मरने की।।" #AnjaliSinghal #shayari #life #explore #explorepage #statu
"राह कठिन है जीवन की। कर लेंगे पार धीरे-धीरे... जल्दी नहीं है हमें भी मरने की।।" #AnjaliSinghal #Shayari life #EXPLORE #explorepage statu
read moreSarvesh kumar kashyap
🤷 धीरे-धीरे सब..🤔👥 #Best #shayri #Motivational #status Life #Sarveshkashyap #viral #Emotional
read moreAnuradha T Gautam 6280
धीरे-धीरे रात बीतती रही और मैं #एक_टक खिड़की से आसमान को निहारती रही..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ 👀☁️👀
read moreहिमांशु Kulshreshtha
धीरे धीरे अंतस का सारा शोर थम जाता है.. सारी पीड़ाएं,सारे दुख सुन्न से हो सो जाते हैं.. फिर कुछ भी हैरान नहीं करता, कुछ भी परेशान नहीं करता.. पीछे मुड़कर देखने पर लगता है जिस जिंदगी को जीया, भावनाओं का जो ज्वार उमड़ा सब बचकाना था सब कुछ बेमानी था.... जिस को जाना था वो चला ही जाता है ख़ामोशी से बस, अपने निशाँ छोड़ कर धीमे धीमे जिदगी फ़िर ढर्रे पर आने लगती है किसी के बिना जी न पाने का डर कम होता जाता है बस.. कभी कभी सीने में एक आग सी उठती है एक ख़ामोश शोर कानों में गूंजता है फ़िर, सब सतह पर पहले सा हो जाता है ©हिमांशु Kulshreshtha धीरे धीरे...
धीरे धीरे...
read moreRakesh frnds4ever
White ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ढल रही है जिंदगानी धीरे धीरे डूब रहा है जीवन का सूरज धीरे धीरे घिर चुके हैं इस जंजाल में धीरे धीरे कि अस्त होते जा रहे हैं धीरे धीरे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, #ढल रही है #जिंदगानी #धीरे धीरे #डूब रहा है जीवन का #सूरज धीरे धीरे घिर चुके हैं इस जंजाल में धीरे धीर
Avinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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read moreAryan Shivam Mishra
धीरे–धीरे बिखर रहा हूं मैं लोगों को लगता है सादगी पसंद आ गई है मुझे ©Aryan Shivam Mishra धीरे धीरे बिखर रहा हूं मैं लाइफ कोट्स पॉजिटिव गुड मॉर्निंग कोट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स गोल्डन कोट्स इन हिंदी
धीरे धीरे बिखर रहा हूं मैं लाइफ कोट्स पॉजिटिव गुड मॉर्निंग कोट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स गोल्डन कोट्स इन हिंदी
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गैरों से मिल के तुम,मुझको जला रहे हो धीरे-धीरे दिल से,मुझको भुला रहे हो उनसे बात करके,मन भर गया तुम्हारा शायद वजह यही हैं, अब मुझको बुला
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White गैरों से मिल के तुम,मुझको जला रहे हो धीरे-धीरे दिल से,मुझको भुला रहे हो उनसे बात करके,मन भर गया तुम्हारा शायद वजह यही हैं, अब मुझको बुला रहे हो 💔 ✍️ || लखन ©loyal_lyrics #love_shayari गैरों से मिल के तुम,मुझको जला रहे हो धीरे-धीरे दिल से,मुझको भुला रहे हो उनसे बात करके,मन भर गया तुम्हारा शायद वजह यही हैं,म
#love_shayari गैरों से मिल के तुम,मुझको जला रहे हो धीरे-धीरे दिल से,मुझको भुला रहे हो उनसे बात करके,मन भर गया तुम्हारा शायद वजह यही हैं,म
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