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Pravin Jamod
राष्ट्रीय फुर्सत महोत्सव अर्थात लॉकडाउन लॉक डाउन के दौरान घटने वाली कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं- {१} राष्ट्रीय फुर्सत महोत्सव में मानव जाति ने जितने व्यंजन बनाये, उससे ज्यादा तो फ़ोटो और वीडियो,फ़ेसबुक, व्हाट्सएप पर अपलोड किये। {२} कुछ पुरूष अपनी देह की सीमाओं से परे जा कर मनमोहिनी बनते देखे गये। {नोट-यहाँ बात Tik tok की हो रही हैं}। {३} लोगों ने रसोई में बर्तन- पोछा करते हुए फ़ोटो डाल-डालकर इतने लाइक कमाए की अगर इसे करेंसी में बदला जाए,तो ये लोग भी छोटे- मोटे मुकेश अंबानी तो बन ही जायेंगे। {४} लाइक-कमेंट, का मानव जीवन में इतना महत्व हो चुका है, जितना की जिंदा रहने के लिए फेफड़ों का। एक बार तो फेफड़े न हो तो भी लोग काम चला लेंगे, पर फेसबुक पर कुछ अपलोड करने के बाद आध-पौन घंटे तक कोई लाइक न आये तो ऐसे बेचैनी उठती है, कि वेंटिलेटर की ज़रूरत पड़ जाए। हालांकि राष्ट्रीय फुर्सत महोत्सव में कुछ बातें अच्छी भी हुई- {५} देश में खेल की फील्ड में अपार संभावनाएं बढ़ी हैं।यकायक देश में लाखों नए 'खिलाड़ी' भी तैयार हो गए हैं,जिन्हें सरकार ओलंपिक में भेजे, तो वे गोल्ड मेडल जीत कर ही लौटेंगे।{नोट-हम यहां 'लूडो' खेल की बात कर रहे है}| {६} लोगों ने लूडो में जितने पर फ़ोटो तो फेसबुक पर ऐसे डाले जैसे लूडो चंद पर जाकर खेला हो और और जीत गए हों। {७} मुझे लगता है कि अब लाइक-कॉमेंट के मुरीदों की जनसंख्या इतनी अधिक हो चुकी है, कि धरती पर ही इनका एक अलग देश बन जायेगा और नाम होगा - लाइकिस्तान और कॉमेंटीस्तान। वैसे कोंई कुछ भी कहे और करे,पर फेसबुकियों और व्हॉट्सएपियों के लिये कोरोना काल बड़ा ही लाइकदायक और कॉमेंटदायक रहा है। -writer_Pravin Jamod #Rashtriya fursat mahotsav. #peace
#Rashtriya fursat mahotsav. #peace
read moreChiranjiv
कभी लगता है इस जिन्दगी में खुशियां बेशुमार है,तो कभी लगने लगता है जिन्दगी ही बेकार है।कभी लगता है लोगो में बहुत प्यार है,तो कभी लगता है रिश्तों में सिर्फ दरार है ।कभी लगता है हम भी जिन्दगी जीने के लिए बेकरार है ,तो कभी कभी लगता है सिर्फ हमे मौत का इंतजार है ।कभी लगता है हमको भी उनसे प्यार है,तो कभी लगता है सिर्फ प्यार का बुखार है।कभी लगता है शायद उनको भी हमसे इजहार है,फिर लगता है हम दोनों में तो सिर्फ तकरार है ।कभी लगता है सब अपने ही यार है,फिर लगता है इनमें भी छिपे गद्दार है ।कभी लगता है कितना प्यारा संसार है ,तो कभी लगता है ये संसार बस संसार है । ©Chiranjiv Kavita in Hindi poem
Kavita in Hindi poem #कविता
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