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Sangeeta Negi
एक बहरा आदमी था वाह बैंगन की कुडाई कर रहा था एक शहरी आदमी आया उसने बहरे को भाई साहब नमस्कार बहरे ने कहा अभी तो बैंगन की गुड आई कर रहा हूं शहरी आदमी ने फिर कहा बाल बच्चे ठीक हैं बहरे ने कहां एक तरफ से हो रहे हैं एक तरफ से खा रहे हैं ©Sangeeta Negi एक बहरे की कहानी
#गोविंदसखी
दिन रात हर किसी से उम्मीद लगाएं हम बैठे हैं, अपनी आवाज़ ख़ुद सुन न पाए इतने हम बहरे हैं, मूक बनके हम ज़िंदगी के मंजर देख रहे हैं, अन्तर्मन के द्वंद्व को हम हलाहल कर अब पी रहे हैं, ©रैन बहरे #WritingForYou
Anamika Gupta
ग़ज़ल मुहब्बत का' होगा असर धीरे धीरे। ज़माने को' होगी ख़बर धीरे धीरे॥ जो' करके गए थे मुहब्बत का' वादा, वो' होते गये बेख़बर धीरे धीरे। सनम जब से तुम बेवफा हुए हो , मुहब्बत के' सूखे शजर धीरे धीरे। तरन्नुम मे' मैंने ग़ज़ल जब पढ़ी तो , हुई मस्त महफ़िल, नगर धीरे धीरे। जिधर देखिए अब दरिंदे खड़े हैं , बशर हो रहा जानवर धीरे धीरे । सभी के लिए अनु दुआ माँगती है, मिले सबको शुहरत मगर धीरे धीरे। --अनामिका "अनु" गया , बिहार शायरी की ग़ज़ल
Sudha Tripathi
आप सभी को आज रात 9:00 बजे आमंत्रित करती हूं पहली बार औपचारिक रूप से nojoto पे live show में आ रही हूँ ©Sudha Tripathi ग़ज़ल की शाम
Anamika Gupta
किसी को किसी की ज़रूरत नहीं है। बशर को बशर से मुहब्बत नहीं है। तुम्हीं पे सभी कुछ ऐ जानम है वारा कहूँ कैसे तुमसे कि उल्फ़त नहीं है। हुई है मुहब्बत तुम्हीं से सजन रे कहूँ तुझसे कैसे कि हिम्मत नहीं है। बहुत ज्ञान बांचा रहम भी करो अब मुझे ज्ञान की अब ज़रूरत नहीं है। दरिंदे हुए 'अनु' बशर आज देखो नजर में किसी की शराफ़त नहीं है। -- अनामिका 'अनु' गयाजी शायरी की ग़ज़ल
Neema Pawal
इस शहर में, दीवारें ही नहीं, दिल भी पत्थर, के हो चुके हैं, कोई किसी की सुनता नहीं इंसान ही नहीं जज़्बात भी बेहरे हो चुके हैं। ©Neema Pawal #Love बहरे जज़्बात।
LAKSHMI KANT MUKUL
कोहरे से झांकता हुआ आया मांगी थी रोशनी ये क्या आया सूर्य - रथ पर सवार था कोई उसके आते ही जलजला आया घोंसले पंछियों के फिर उजड़े फिर कहीं से बहेलिया आया दूर अब भी बहार आँखों से दरमियाँ बस ये फ़ासला आया काकी की रेत में भूली बटुली मेघ गरजा तो जल बहा आया जो गया था उधर उम्मीदों से उसका चेहरा बुझा बुझा आया बागों में शोख तितलियां भी थीं पर नहीं फूल का पता आया _लक्ष्मीकांत मुकुल लक्ष्मीकांत मुकुल की ग़ज़ल