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Mohmad Tanveer
मोहब्बत ने मोहब्बत का रुसवा किया है इश्क के बाजार में नीलाम क्या है ©Mohmad Tanveer इश्क के बाजार में नीलाम क्या है
इश्क के बाजार में नीलाम क्या है #Shayari
read moreshayrana baba
एक् मुह्बब्त् मे लाचार् लडका अपना अन्तिम् सन्स्कार् करवा बैठा ©shayrana baba आशिकी का हारा
आशिकी का हारा #SAD
read moreKuldeep kushwaha
White हंसते हुए चैहरे पर आजाती है अचानक बेखैयाली । मोहब्बत के शहर में हर किसी का गुजारा थोड़ई है।। ©Kuldeep kushwaha आशिकी
आशिकी #शायरी
read moreRuchi Jha
White दुकानदारी दुकानें सजा कर बैठे हैं सब यहां, अपना सामान उम्दा दिखाने की कोशिश में, जो जितना बेहतर दिख जायेगा, वो उतनी कीमत में बिक जायेगा, बेशकीमती चीजों को कोई दौलतमंद, अपने रूतबे के दम पर ले जायेगा, आम सी दिखनी वाली, आम व्यक्ति ले जाएंगे, रह जायेंगे वो किसी कोने में, जो आम से कमतर दिखते होंगे, कभी किसी की नजर पड़ी तो, बिन मोल भाव के वो भी कभी ले जाएंगे। ©Ruchi Jha #बाजार #दुकानदारी #nojotopoetry #nojohindi #Reality
#बाजार #दुकानदारी #nojotopoetry #nojohindi #Reality #कविता
read moreAnuj Ray
लुटा लुटा सा दिखाई देता है, आज हर कोई यहां, दिल के बाजार में। अब वो सादगी ना रही मोहब्बत में, ज़िन्दगी भर के लिए, किसी के प्यार में। ©Anuj Ray # दिल के बाजार में"
# दिल के बाजार में" #शायरी
read moreSharif Shaikh
White मै हुं आशिक, मेरा हर अंदाज है निराला. जिन हादसो से, लोग डरते है. ऊन्ही हादसोने, मुझे है पाला. ©Sharif Shaikh #love_shayari आशिकी
#love_shayari आशिकी #शायरी
read moreK L MAHOBIA
सुन तिहारे रोज़ झांसे में नहीं आएंगे। मत पुकारों लोग फांसे में नहीं आएंगे। नार रखते और होंगे द्यूत क्रीड़ा खेलने, हम बिसातों और पांसे में नहीं आएंगे। गम बुरा है रोग का छुपता नहीं छुपाने से, दिल बुझा रम जान रासे में नहीं आएंगे। उड़ गई रंगत बुझा चहरा तिरी चाहत में, इश्क में मर कर दिलासे में नहीं आएंगे। ओढ़ चादर सो गया वो आप गुमनामी में। छुप गया फिर हम जगाने नहीं आएंगे। ✍️के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #आशिकी में :- के एल महोबिया
K L MAHOBIA
मेरी महकती सांसों में तुझको बसा लूंगा। कितना भी बचो खुद से मैं अपना बना लूंगा। मुझसे छुपा ओ कितना मैं तुझको चुरा लूंगा। तेरी महक उड़ती नभ में अपना खुदा लूंगा। देखो तड़प मेरी सपनों में आ मिलो खुद ही तेरी कसम से मैं खुद से सपना भुना लूंगा। तोड़ेंगे कसम फिर वो हम आके मिले दिल से मेरी धडकनों में फिर मैं तुझको सज़ा लूंगा। मौके की नजाकत को तुम समझो अभी जाने तेरी महक खुशबू को इक सपना बना लूंगा। वैसे सबक देना तुमको चढ़ता नशा दिन का मेरे सनम तुमको दिल से अपना दुआ लूंगा। तेरी चमक होगी महफ़िल में फिर नज़ारे की तेरी महक को दिल में ले नगमा सज़ा लूंगा। के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #आशिकी :- के एल महोबिया