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Shiv Narayan Saxena
चार मिले चौंसठ खिले बीस रहे कर जोड़। प्रेमी सज्जन जब मिले, खिल गये सात करोड़।। ©Shiv Narayan Saxena #sunflower नमस्कार का महत्त्व poetry in hindi
#sunflower नमस्कार का महत्त्व poetry in hindi
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
अगर मर्यादा की सीमा को लांघकर, कोई भी आपके आत्मसम्मान पर प्रहार करेगा, तो फिर उससे आपका रिश्ता कुछ भी हो, उसे उसी की भाषा में जवाब देकर उसकी जुबान पर लगाम लगाना, आपका धर्म बन जाता है बहुत हुआ मान सम्मान अब आत्मसम्मान से कोई खिलवाड़ नहीं...! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) , आत्मसम्मान का महत्व 😊 #matangiupadhyay #Nojoto #Hindi #Life #my
, आत्मसम्मान का महत्व 😊 #matangiupadhyay #Hindi Life #my
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White अंतर का गृह-युद्ध हमेशा मन से ही तो होता है। मन के ऐसे हालातों का मन खुद आप विजेता है।। मन में ठान लिया सरिता को सागर से मिलवाता है। निरुद्देश्य नालों में बहता जल बस सड़ता जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi
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White सबसे बड़ी विडंबना , अंतर का गृह-युद्ध। मुश्किल खुद को जीतना, जीते सोई बुद्ध।। अंतर का गृह-युद्ध यह, किया करे संकेत। खुद को जीते चेत वह, बाकी सभी अचेत।। अंतर के गृह - युद्ध से, बल-मद टूटा जाय। हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।। ©Shiv Narayan Saxena #sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry
#sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
वो पुरुष कभी प्रेम की पवित्रता को समझ नहीं सकते जो स्त्रियों को भोग की वस्तु समझते है जो दैहिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रेम करने का नाटक करते है वो ताउम्र बस देह तक रह जाते है कभी स्त्रियों के अंतर्मन तक पहुँच पाना संभव ही नहीं उनसे.. ©Matangi Upadhyay( चिंका ) एक स्त्री का अंतर मन 🤔 #matangiupadhyay #Nojoto #Hindi
एक स्त्री का अंतर मन 🤔 #matangiupadhyay #Hindi
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White ख़ुश हो जाते नेता सब जब, वक़्त वोट का आता है। छुपे हितों को पूरा करने, वादे लेकर आता है।। जनता देश ठगे जाते हैं, नेता ख़ूब कमाता है। सत्ता का उद्योग जहॉं पर, फलीभूत हो जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #election2024 जब वक़्त वोट का आता है..... hindi poetry
#election2024 जब वक़्त वोट का आता है..... hindi poetry
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White ढलता सूरज शाम का, रह रह दे आवाज़। सुबह नयी नये लक्ष्य का, करिये फिर आगाज़।। ढलता सूरज शाम का, कह बतलाये बात। समय चुके पछताय क्या, मत कर आलस तात।। कठिन समय से जीतना, सबसे कठिन मुकाम। बिना समय के एक भी, बने न बिगड़े काम।। ©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning ढलता सूरज शाम का... hindi poetry
#GoodMorning ढलता सूरज शाम का... hindi poetry
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