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s गोल्डी
जोड़ा बहुत था मैंने खुद को.. फ़िर भी उसकी महोब्बत में टूटता चला गया । ©s गोल्डी जोड़ा बहुत था मैंने खुद को.. फ़िर भी उसकी महोब्बत में टूटती चली गयी। sad shayari
जोड़ा बहुत था मैंने खुद को.. फ़िर भी उसकी महोब्बत में टूटती चली गयी। sad shayari
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पाने की कोशिश की मैंने। बिखरे तिनकों को संभालकर जोड़ा, हर हंसी को लौटाने की कोशिश की मैंने। पल-पल में छुपी हर खुशी को महसूस कर, मुस्कुराहटें जगाने की कोशिश की मैंने। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Mountains लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पान
#Mountains लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पान
read moreLili Dey
माना कि तेरे रास्ते और मेरे रास्ते अलग था, मगर एक रोज मुलाक़ात तो हुआ था, दोस्ती भी हुई थी और इश्क भी हुआ था, मेरे इज़हार तुझे नापसंद था और तेरे इनकार मुझे चुभता था, फिर भी हमारे बीच कुछ तो था, मगर यह बता ही नहीं जो था वह क्या था ? ©Lili Dey क्या था
क्या था
read moreF M POETRY
White फिर से दुबारा पाएंगे तुझको ये ख्वाब है.. मिलना था खुश्नसीबी बिछड़ना अज़ाब है.. यूसुफ़ आर खान ल... ©F M POETRY #मिलना था.....
#मिलना था.....
read moreनवनीत ठाकुर
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका तलबगार न था। ©नवनीत ठाकुर मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
read moreAnjali Singhal
"खोला जब मैंने पिंजरा अल्फ़ाज़ का, उड़ चला मन लिए मुझे ऊँची उड़ान सा। एक तसव्वुर से सजा मुझमें ख़्वाबगाह था, ख़्वाब-ओ-ख़्याल रहता था जिसमें
read moreRajesh Sharma
सोचा आज प्यार लिखूं प्यार का मतलब क्या लिखूं ऊपर वाले की नियामत लिखूं या चाहने वाले की अदावत लिखूं मां का ममत्व लिखूं या पत्नी की मोहब्बत लिखूं बहनों का स्वाभिमान लिखूं या प्रेमी, प्रेमिका की जान लिखूं बेटियों की माथे की पप्पियां लिखूं या बेटों को बाहों में भर झपिया लिखूं सोचा आज प्यार लिखूं तुम्हीं बताओं और क्या लिखूं प्यार समर्पण लिखूं या प्यार निश्छल दर्पण लिखूं प्यार खुशी लिखूं या प्यार खुशहाली लिखूं तुम्हीं बताओं और क्या लिखूं सोचा आज प्यार लिखूं ©Rajesh Sharma #Love सोचा आज प्यार लिखूं
Love सोचा आज प्यार लिखूं
read moreF M POETRY
White दर-ब-दर ठोंकरें खाएंगे तेरे प्यार में हम.. हमने सोचा भी न था तूने बताया भी न था.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #हमने सोचा भी न था...
#हमने सोचा भी न था...
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