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नवनीत ठाकुर
ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में शिकायत क्या थी। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में श
#नवनीतठाकुर ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में श
read moreLili Dey
माना कि तेरे रास्ते और मेरे रास्ते अलग था, मगर एक रोज मुलाक़ात तो हुआ था, दोस्ती भी हुई थी और इश्क भी हुआ था, मेरे इज़हार तुझे नापसंद था और तेरे इनकार मुझे चुभता था, फिर भी हमारे बीच कुछ तो था, मगर यह बता ही नहीं जो था वह क्या था ? ©Lili Dey क्या था
क्या था
read moreDr.Priyanka Chandra
हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी ©Dr.Priyanka Chandra #Happy love हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी
#Happy love हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी
read moreनवनीत ठाकुर
ज़ुबां कहे भी तो किसे सुनाए ग़म, जिस दिल ने जिया है, वही समझे कम। बेनिशान थी आरज़ू, मगर गहरी छाप छोड़ गई, ज़ुबां खामोश रही, मगर दास्तां बोल गई। दिल के अंदर एक कहानी दबी थी, जो न कह सका, वो नरगिस ने सुनाई थी। गहरी छाप थी मोहब्बत की, वक़्त ने छोड़ दी, ज़ुबां की खामोशी में सच्चाई खोल दी। दर्द को छिपाकर, दिल ने उसे सहा, जिसे कह न सका, वही आह में बहा। मौन की गहराई में, दिल की आवाज़ पाई, जो अल्फ़ाज़ न थे, वो खामोशी ने जताई। ©नवनीत ठाकुर #जुबां खामोश थी
#जुबां खामोश थी
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
स्त्री प्रेम नहीं करती, पूजा करती है, उस पुरूष की, जो उसे प्यार और सम्मान देता है, स्त्री सौंप देती है अपना सब कुछ,, उस पुरूष को, जिसके स्पर्श और भाव से वो संतुष्ट होती है, स्त्री छूना चाहती है प्रेम में उस पुरूष को जिसके कांधे पर सिर रख खुद को सुरक्षित महसूस करती है, स्त्री होकर भी नहीं हो पाती उस पुरूष की, जो खुद के पौरुष की ताकत हर वक्त दिखाता रहता है कभी उसके तन पर तो कभी उसके कोमल मन पर, स्त्री नफरत करती है उस पुरूष से, जो उसके अस्तित्व को ठेस पहुँचाते है, स्त्री लड़ना नहीं चाहती पर लड़ जाती है उस पुरूष से, जिस पर अपना अधिकार समझती है, स्त्री बड़बोली होती है, पर खामोश हो जाती है तब जब प्रेम में किसी वस्तु की तरह ठुकरा दी जाती है, स्त्री कभी पलटकर नहीं देखती उस पुरूष को, जो प्रेम के नाम पर या तो उसके शरीर से प्रेम करता है या उसके यौवन से, स्त्रियाँ प्रेम नहीं करती, पूजा करती है उस पुरूष की जो उनका सम्मान करते है, जो उन्हें तब तक स्पर्श नहीं करते, जब तक वो उसके मन को छू नहीं लेते, स्त्रियाँ पुरूष के पौरुष से नहीं उसके व्यक्तित्व से प्रेम करती है, जो परमेश्वर नहीं होता बल्कि होता है प्रेमी, बस एक प्रेमी जो पढ़ना जानता हो उसके मौन को..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) स्त्रियां प्रेम नहीं करती,पूजा करती हैं ।🤔 #matangiupadhyay #Nojoto #Hindi #Love
स्त्रियां प्रेम नहीं करती,पूजा करती हैं ।🤔 #matangiupadhyay #Hindi #Love
read moreF M POETRY
White ग़मगीन है ये क़ल्ब बेशुमार क्या हुआ.. है क़ल्ब बहुत ज्यादा बेकरार क्या हुआ.. घर बार है हयात है दुनियाँ में सब तो है.. पाया न मैंने सिर्फ तेरा प्यार क्या हुआ.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #क्या हुआ...
#क्या हुआ...
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ वो क़ैद रहे अपनी ख़ुदी में हम अपना करम करते रहे वो मोहब्बत निभा न सके हम मुसलसल इश्क़ करते रहे ©हिमांशु Kulshreshtha क्या ग़ज़ब....
क्या ग़ज़ब....
read moreneelu
White अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे कुछ बातों में तो ......क्या होगा क्या हिंदू.. क्या मुस्लिम क्या गोरा ...क्या काला क्या पतला ..क्या मोटा आप किस बात का फर्क मिटाना चाहते हैं?, ©neelu #GoodMorning #अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे कुछ बातों में तो ......क्या होगा क्या हिंदू.. क्या #मुस्लिम क्या गोरा ...क्या काला क्या पतला ..
#GoodMorning #अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे कुछ बातों में तो ......क्या होगा क्या हिंदू.. क्या #मुस्लिम क्या गोरा ...क्या काला क्या पतला ..
read moreneelu
White मेरी नानी अक्सर कहा करती थी लोगों को पता ही नहीं क्या नहीं कहते हैं.. ..... शब्दों का अपमान किसी का सम्मान नहीं हो सकता हैं.. ©neelu #life_quotes #मेरी नानी #अक्सर कहा करती थी लोगों को पता ही नहीं क्या नहीं कहते हैं.. ..... शब्दों का #अपमान किसी का #सम्मान नहीं हो #सकता