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Umakant Banswar Kanhaiya
प्रकृति के आगे सारी खूबसूरती बकवास हैं| और मैं सच बोल रहा हूँ कि ऐसी ही खूबसूरती में मेरा आवास है| कभी रह कर देखो प्रकृति के संग, वह भी आपको ऐसे अपना लेगी जैसे आप हो उसके अंग| और सच कहता हूँ प्रकृति बहुत प्यारी और सुन्दर है, इसने छुपाये हजारों जीवनदायनी रत्न अपने अन्दर है| *Umakant Banswar #प्रकृति #सुन्दरता
Shubham Sajwan
#प्रकृति #सुन्दरता #ज्वालामुखी #आसमां
Geetkar Niraj
प्रकृति पर कविता/Poem on nature in hindi जलमग्न हुई कहीं धरा,कहीं बूंद-बूंद को तरसे धरती। किसने छेड़ा है इसको, क्यों गुस्से में है प्रकृति।। किसने घोला विष हवा में,किसने वृक्षों को काटा ? क्यों बढ़ा है ताप धरा का,क्यों ये धरती जल रही ? जिम्मेवार है इसका कौन,क्यों ग्लेशियर पिघल रही ? किसने इसका अपमान किया, कौन मिटा रहा इसकी कलाकृति ? किसने छेड़ा है इसको,क्यों गुस्से में..........? धरती माँ का छलनी कर सीना,प्यास बुझाकर नीर बहाया। जल स्तर और नैतिकता को भूतल के नीचे पहुँचाया। विलुप्त हुये जो जीव धरा से,जिम्मेवार है उसका कौन ? जुल्म सह-सहकर तेरा, अब नहीं रहेगी प्रकृति मौन। आनेवाले कल की जलवायु परिवर्तन झाकी है। टेलर है भूकंप, सुनामी, पिक्चर अभी बाकी है। फिर नहीं कहना कि क्यों कुदरत हो गई बेदर्दी ? किसने छेड़ा है इसको ,क्यों गुस्से में............3। ©Geetkar Niraj प्रकृति पर कविता। #natre #poemonnature #geetkarniraj
Naveen
तेरे चेहरे पर क्या नूर है वाह..वाह.. लगता है कि... चांद या कोई फूल है.. हम मर गये तेरे इन अदाओ पर पगली.. तभी तो तूझे इतना गुरूर है। चांद की सुन्दरता
leela
मै सुन्दर नही परिपूर्ण हूँ मै चाँद नही मगर समझदारी का अंकुश हूँ मेरे जिस्म मे कोई ज्वाला नही बस कस्तुरी का संगम हूँ मेरे विपरीत कोई मनमोहक बोल नही बस ठंडी चिलमन हूँ ©leela मन की सुन्दरता