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Meenakshi
green-leaves चिट्ठी का जमाना चला गया, चैटिंग का जमाना आ गया, तब इंतजार में भी सुकून था, अब का इश्क सस्ता हो गया। ©Meenakshi #sad_shayari शायरी हिंदी में 'दर्द भरी शायरी'
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read moreBadnam Shayar
मसाले हैं बहुत दरमे आए खुदाया जिस्म है कैद रुख परेशान खुदाया जवानी में कमर झुकने लगी है मैं चंद दिन का लगता हूं मेहमान खुदाया बिकते हैं लोग मोहब्बत में अक्सर इश्क तो लगता है दुकान खुदाया मेरी जान ही मेरी जान ले रही है मेरा मौत से क्या नुकसान होगा खुदाया खिलौना जानकर वो तोड़ गया है मैं उसे शख्स को लगता हूं बेजान खुदाया ©Badnam Shayar #cycle शायरी दर्द 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी में
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read moreSangam Pipe Line Wala
हर रोज रंग बदलने वाली तू इक से जी ना भरे मतवाली तू रोज नए कितने यार बदलती हो बेहया कबूतर की नस्ल वाली तू... ©Sangam Pipe Line Wala शायरी दर्द शायरी शायरी लव 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी में
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read moreWriter hk
White तेरे से तो गैर ही अच्छे है, कभी उन्होंने हमें अपना नहीं समझा। ©Writer hk #शायरी शायरी हिंदी में 'दर्द भरी शायरी'
शायरी शायरी हिंदी में 'दर्द भरी शायरी'
read moreशर्मा निखिल
#ख्वाहिशों अपनी हर ख्वाहिशों को मार गिराया हूं मैं, खुद में अब एक नया इंसान बसाया हूं मैं, अलग शहर जाकर नया निखिल पाया था, उस शर्मा निखिल को तो अब भुलाया हूं मैं| ©शर्मा निखिल 'दर्द भरी शायरी' शायरी दर्द शायरी हिंदी में शेरो शायरी
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read moreSangam Pipe Line Wala
कोई था पागल सोचके जी लेना हो सके तो तुम माफ़ कर देना हो गई थी बहुत बड़ी ख़ता मुझसे अब मुझे हर जगह ब्लॉक कर देना... ©Sangam Pipe Line Wala शायरी हिंदी में शायरी 'दर्द भरी शायरी' शायरी दर्द शायरी हिंदी में
शायरी हिंदी में शायरी 'दर्द भरी शायरी' शायरी दर्द शायरी हिंदी में
read moreLalit Saxena
क़लाम -------- मुन्तज़िर सांसों का रूख़सते- वक़्त मुकर्रर हुआ है लगा है दरिचो पर परदे हया के दीदे- दुभर हुआ है --- बे - सम्त हवाओं ने फिर इस ओर रूख़ किया है खुशी से ये दिल फिर से आसमां के बराबर हुआ है --- न उठा निग़ाहें हम पर कुछ तो दर्मियां राज़ रहने दे दफ़्न है इन्हीं में हसरते-ख़्वाब जो उजागर हुआ है --- इक़ तेरे ही हिज़्र ने इस दिल को मज़रूह किया है वर्ना दुन्यां में ऐसा कुछ नहीं जो न मयस्सर हुआ है --- बड़ी मुक़द्दुस-निग़ाहो से देखा किया है शामो-सहर उन तल्ख़ निग़ाहों का क्या जो दिल पत्थर हुआ है --- जिस्म पे आ पड़ी जो ज़लालतो की बारिशें क्या हो मज़बूर ये खाना-बदौश इस दुन्यां में बे-घर हुआ है --- ' ललित'कौन आता है इस विरान में मेरा हाल पुछने सुना है की कभी इस ओर तेरा रह - गुज़र हुआ है ©Lalit Saxena #good_night 'दर्द भरी शायरी' 'दर्द भरी शायरी'
#good_night 'दर्द भरी शायरी' 'दर्द भरी शायरी'
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