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Nikhil Kumar Rai
White ग़र हो इजाजत तो लबों को छूके भी गुजर जाएं हम, बताइए मोहतरमा चाहती हैं क्या,मर जाएं या संवर जाएं हम। ©Nikhil Kumar Rai #Night ग़र हो इजाजत तो लबों को छूके भी गुजर जाएं हम, बताइए मोहतरमा चाहती हैं क्या,मर जाएं या संवर जाएं हम।
Alpha_Infinity
White वो वक्त जो बीत गया। बचपन वो कितना सुहाना था। गर्मी की वो रातें, खुले आसमान के नीचे ठिकाना था। मोबाइल था नहीं, किताबों के बाद विचारों में रहा करते थे। किसी प्रेमी की याद में चांद को यूं देखा करते थे। ढूंढते थे वो कबूतर जो हमारा दिले हाल भी कह आए। सुकून से सोते थे जब जब पुरवाई बह आए। हाए बड़ा दुख होता है इस आधुनिक जमाने में। शहरो में आसमां इतना जगमगाए की तारे सारे छुप जाएं। चांद में भी वो बात ना रही, सबको उसके गढ्ढे नज़र आए। बदल गई है जीवन सैली, पल पल इंसान बदल जाएं। ©0 सोचा आज आप सभी से कल के दिले हाल को लिखकर बयां करूं।। आप सभी पूरा पढ़े, बहुत पसंद आएगा।। #Couple #Nojoto #Love #Jiwan #Satya #sehar #0 yours
चारण गोविन्द
मिलना बाहर, अपने डेरे, यह तय करना है तुमको, केवल दिन या शाम सवेरे, यह तय करना है तुमको, कॉफी, डेट, सिनेमा वाला इश्क़ करोगे या फिर तुम साथ रहोगे, लोगे फेरे? यह तय करना है तुमको। चारण गोविन्द #चारण_गोविन्द की #शायरी #govindkesher #पढ़ कर आपकी #Feeling ज़रूर बताइए। #CharanGovindG #Happy होंगे। #proposeday
Shivani Goyal
Gondwana Sherni 750
"नयन हमारे खूब दुखे हैं अश्क सारे सूख चुके हैं ऊपर वाला भी निरूत्तर है, हम सारे प्रश्न पूछ चुके हैं सजा जो दे रहा उसी के पास, हमारी बेगुनाही के सबूत छुपे हैं मेरी क्या बिसात जो बच निकलूँ, असंख्य प्रेम के दरिया में डूब चुके हैं पढकर आपको मजा आता होगा, हम लिख लिखकर ऊब चुके हैं preeti uikye 750 03/03/24 ©Gondwana Sherni 750 #mobileaddict हम लिख लिखकर थक चूके है
Bijendar Kumar
YouTubeBudhraj
अपनों ने लूटा गैरों में कहां चलता है अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था और हम जहां गए तो असल ©YouTubeBudhraj #beautifulhouse छोटी शायरियां वीडियो अच्छे कमेंट करना
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया छन्द :- विषय वसंत लिखकर पाती एक दिन, कर लेना तुम अंत । पर जीने की ये कला, देता नहीं वसंत ।। देता नहीं वसंत, जिओ तुम जीवन ऐसे । रहो नहीं भयभीत, खिलोगे मेरे जैसे ।। देख प्रखर को आज, जिओ अब तुम भी जी भर । देता है संदेश , आज कुण्डलिया लिखकर ।। ०९/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया छन्द :- विषय वसंत लिखकर पाती एक दिन, कर लेना तुम अंत । पर जीने की ये कला, देता नहीं वसंत ।। देता नहीं वसंत, जिओ तुम जीवन ऐसे ।
Ashutosh Mishra
हाल दर्दे दिल का लिखकर, दिल के घाव गहरे और हो गए। दिल के फफोले फूट आंखों की राह बह गए। हुआ दिल हल्का नहीं दर्दे दिल और बढ़ गया। अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #dardedil हाल दर्दे दिल का लिखकर, दिल के घाव और गहरी हो गए। दिल के फफोले फूट आंखों की राह बह गए, हुआ दिल का दर्द हल्का हुआ नहीं दर्दे दिल औ