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Dr. Devbrat Pundhir
तेरे घर के सामने से गुजरते हैं कभी तो, ये बंद खिड़कियां दिल को बहुत कचोटती हैं, जो कभी खुलती थी हमारे दीदार को, लगता है सालों से यूं ही हतास पड़ी हैं, अब तो तेरा छत पे आना भी नहीं होता है, चुपके से देखकर मुंडेर के पीछे छिप जाना भी नहीं होता है, अब हमारा वहां से गुजरना भी कहां होता है।। #घर#मुंडेर#छिपना#खिड़कियां#हतास#yqbaba#yadidi#hindipoems
GuptA Aman
#_दर्द में मुस्कुराना सिख रहा हूँ..!!😊 अपने आँसू अपनों से छिपना सिख रहा हूँ..!!💔 अपने आँसू अपनों से छिपना सिख रहा हूँ..!!💔 #yqbrokenheart #ihateyou #broken_heart_pain #brokentrust #alfaaz_hm_sabke
Rameshkumar Mehra Mehra
नही आता तेरी.... ..मोहब्बत को छिपना मुझे....! तेरी खुशबू मेरी...!! हर शायरी मे बसा. करती है...... ©Rameshkumar Mehra Mehra # नही आता तेरी , मोहब्बत को छिपना मुझे, तेरी खुशबू मेरी हर शायरी मे बसा करती है....💓
Shubhro K
AhMeD RaZa QurEsHi
....................... जज़्बात-फीलिंग्स,जज़्ब-Absorb, खलवत-अकेलापन,किल्क-कलम,पोशीदा-छिपना,वरक़-पेज,क़ल्ब-दिल #AhMeD_RaZa_QurEsHi @MiyA Er. Ambesh Kumar indira ishi VE
writervinayazad
✍️✍️ यदि आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं तो उचित समय पर छिपना सीखें ✍️✍️ सूर्यास्त किसी का इंतजार नहीं करता फिर से उदय होने लिए छिप जाता है ©writervinayazad ✍️✍️ यदि आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं तो उचित समय पर छिपना सीखें ✍️✍️ सूर्यास्त किसी का इंतजार नहीं करता फिर से उदय होने लिए छिप जाता है
Tyagi Lakshya
बारिश की कुछ बूंदे हमे कहाँ रोक पाएंगी । दिल मे बाढ़ आयी हो उस पल ! ये कहा हमे झुका पाएगी । बस...कर, एक दुआ पूरी मेरी । बरस जा तू तेज होकर । भूल जाऊ जिससे मैं अपने दुख और दर्द । बनाकर नदी - तालाब निकल फेंकू उन सबको जो आ जाते है बीच राह ।। ©Tyagi Lakshya बारिश की परछाई में छिपना चाहता हूँ, उसकी गहराई को मै, नापना चाहता हूँ । क्या मैं ऐसा कर सकता हूँ ? अगर हाँ तो मै अब क्यों ही वक़्त रोने में व
Vaghela Jateen
अब छीपना छिपाना छोड़ देते है इंतजार ख़तम हो रहा है इजहार कर देने में क्या गलती बोलकर फिर ना जाना नादान ए इश्क से प्यारी जान अब तो इश्तहार भी छपवा दिया है अखबार में आपके कोल की राह है ___________________________ "बहुत हुआ छिपना-छुपाना, खुल-ए-आम प्यार दे दूं क्या? मुझे बस इश्क़ है तुमसे, ये अख़बार में इस्तेहार दे दूं क्या??
Sarfaraj idrishi
या ख़ुदा तूने जो बक्शी हैं उस शान में रहने देना, नूर अपना मेरे ईमान में रहने देना। ओर घर मे छिपना नही आता मुझे बुज़दिल की तरह, मर्द हु में मुझे मैदान में रहने देना।। ©Sarfaraj idrishi या #ख़ुदा तूने जो #बक्शी हैं उस #शान में रहने देना, #नूर अपना मेरे #ईमान में रहने देना। ओर घर मे #छिपना नही आता मुझे #बुज़दिल की तरह, #मर्द हु
Sarfaraj idrishi
या ख़ुदा तूने जो बक्शी हैं उस शान में रहने देना, नूर अपना मेरे ईमान में रहने देना। ओर घर मे छिपना नही आता मुझे। बुज़दिल की तरह, मर्द हु में मुझे मैदान में रहने देना ।। ©Sarfaraj idrishi #Prayers या ख़ुदा तूने जो बक्शी हैं उस शान में रहने देना, नूर अपना मेरे ईमान में रहने देना। ओर घर मे छिपना नही आता मुझे। बुज़दिल की तरह,