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Himanshu Prajapati
White नहीं करना Prapose मुझे उसे, जो मेरी Feeling से ज्यादा किसी और कि बातें समझाती है.! ©Himanshu Prajapati #love_shayari नहीं करना Prapose मुझे उसे, जो मेरी Feeling से ज्यादा किसी और कि बातें समझाती है.! #praposeday #36gyan #hpstrange p
#love_shayari नहीं करना Prapose मुझे उसे, जो मेरी Feeling से ज्यादा किसी और कि बातें समझाती है.! #praposeday #36gyan #hpstrange p
read moreDimple_thought21
पति अपनी वफादार बीवी को कभी नहीं संभाल पता कभी अहम् में और कभी वहम् में. ©Dimple_thought21 वफादार बीवी #Love ❤ {**श्री राधा **} @Gudiya***** Swati sharma Sethi Ji लेख श्रृंखला
वफादार बीवी Love ❤ {**श्री राधा **} @Gudiya***** Swati sharma Sethi Ji लेख श्रृंखला
read moreदीक्षा गुणवंत
तू बाँध ले अपने ईश्क़ की डोर से मुझे, आग लगे मेरी इस आज़ादी को। -लफ्ज़-ए-आशना "पहाड़ी" , ©दीक्षा गुणवंत तू बाँध ले अपने ईश्क़ की डोर से मुझे, आग लगे मेरी इस आज़ादी को। -लफ्ज़-ए-आशना "पहाड़ी"
तू बाँध ले अपने ईश्क़ की डोर से मुझे, आग लगे मेरी इस आज़ादी को। -लफ्ज़-ए-आशना "पहाड़ी"
read moreहिमांशु Kulshreshtha
मुझे बिल्कुल भी प्यार नही तुम्हारे झुमकों, तुम्हारी खूबसूरत आँखों, मख़मली गालों से शायद... तुम्हारे अंदर कुछ है जो इन सब के होने से पहले और न होने के बाद भी मुझे तुम्हारी तरफ हमेशा खींचता रहा है और शायद खींचता रहेगा भी कुछ है तुम्हारे अंदर जो शायद मुझसे टूट कर, छूट कर रह गया होगा तुममे कभी हाँ मगर कुछ ऐसा है तुममे जो तुम्हारे खुश रहने पर मुझे भी ख़ुशी देता है शायद इसे ही प्यार कहते होंगे... ©हिमांशु Kulshreshtha मुझे...
मुझे...
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset हर इक झोंका हवा का कह रहा है.. कोई तो है जो दिल में रह रहा है.. जो दिल में है वही दिल तोड़ता है.. मेरी आँखों से दरिया बह रहा है.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #मेरी आँखों से दरिया बह रहा है....
#मेरी आँखों से दरिया बह रहा है....
read mores गोल्डी
कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वाली सबसे अलग है...! 💔😥 ©s गोल्डी कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वली मुझे से ही शादी करेंगी...!💔😥
कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वली मुझे से ही शादी करेंगी...!💔😥
read moreF M POETRY
Unsplash मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है.. पर तेरे महल से खिड़की नज़र नहीं आती.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...
#मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...
read moreSANIR SINGNORI
पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की पैसे के लालच में आज, साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने, बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की सहस्र जीवों का जीवन थी जो, इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण, जै बच जाए जान 'काटली' की पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की . ©SANIR SINGNORI #DesertWalk नदी बचाओ
#DesertWalk नदी बचाओ
read moreShishpal Chauhan
White अपनी लेखनी से कभी लिखता हूँ, कभी लिखकर मिटाता हूँ । कभी हृदय का प्रेम छुपाता हूँ, कभी सोए हुए को जगाता हूँ । लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुमने मेरी लेखनी से प्यार नहीं किया यह तुम्हें मैं क्यों बताता हूँ , तुमने तो मेरे व्यक्तित्व से प्रेम किया; यह सोचकर सहम-सा जाता हूँ । तुम्हें पढ़ने की फुर्सत नहीं है ; यूँ ही दिल को ठेस पहुँचाता हूँ, मुझे वो चेहरा पसंद नहीं है ; केवल दिखावा करता है मैं आपनी लेखनी से ही मन को बहला लिया करता हूँ । अ मेरे जीवन साथी शायद तुम्हें पता ही नहीं मेरी जिंदगी को तुमने कितना बदल दिया सोते हुए नींद में भी लिख लिया करता हूँ , लेकिन तुम्हें क्या फर्क पड़ता है मेरी नींद हराम करने वाली बेकार में ही दिल की धड़कन बढ़ा लिया करता हूँ। तुमने मेरी प्रेम की गहराईयों को समझा ही नहीं तेरी यादों से ही बेरहम अंधेरी रात काट लिया करता हूँ, तुम साथ न दो कोई बात नहीं ; अश्कों को ही स्याही बना लिया करता हूँ। मैं तुमसे मिलने से पहले एक बेजान-सा पुतला था तुमने ही मुझे दिया नाम, पी लिया करता हूँ गमों का जाम। पहचान और शोहरत दी बस तू मेरे साथ रहे यही मैं चाहता हूँ, जैसे सुनार सोने को पिघलाकर आकार देता है तुमने मेरी जिंदगी ही बदल दी तुम से जुदा न हो पाऊँगा बस तुझमें ही खो जाना चाहता हूँ। कितने लोग आए और कितने चले गए कईयों के रिश्ते बिगड़ गए तो कईयों के संवर गए सुख हो दुख हो तुम्हारे संग हर लम्हा बिताना चाहता हूँ, कुछ लोग प्यार की गंभीरता को समझते हैं वे दुनिया को बहुत कुछ दे जाते हैं शायद मैं भी उनमें से एक हूँ अपने मधुर शब्दों से यादें छोड़ देना चाहता हूँ। प्यार में झूठे वायदे झूठी कसमें खाई जाती है उनको निभाता है कोई-कोई ऐसे बंधन में नहीं मैं बंद जाना चाहता हूँ, प्रेम ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफ़ा है; उसमें एक अलग खुशबू है अपनी पवित्रता का ख्याल रखना चाहता हूँ । लेखन बयां कर देता है दिल का हाल – चौहान, लेखनी है मेरी जान ।। ©Shishpal Chauhan #मेरी लेखनी से
#मेरी लेखनी से
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