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BROKENBOY
सारी दुनिया से लड़ सकता हूं , बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा, तेरे साथ की गई लड़ाई में , जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा, डर लगता है तुझे खोने से, तेरे दूर होने से, मेरे लबों पर बैठी कविता तू है, तुम ही मेरे जख्मों की दवा भी , तेरे ही दिल के कोने में मिले मुझे बंदगी , भले देता रह सजा ही, जिस ख्याल से यह कलम चले वो किस्सा तूं ही है, जिसके बिना मेरी कहानी और मैं अधूरा हूं, वो हिस्सा तू ही है, दूरियों की मजबूरियों के नीचे हम दोनों की चीखें दबी है, तुझे खोने से बेहतर है हांरूगा हर जंग में, यह कहकर मैं गलत और तू सही है, ©BROKENBOY #UskeHaath सारी दुनिया से लड़ सकता हूं , बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा, तेरे साथ की गई लड़ाई में , जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा, डर लगता है त
#UskeHaath सारी दुनिया से लड़ सकता हूं , बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा, तेरे साथ की गई लड़ाई में , जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा, डर लगता है त
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं, जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं। हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की, आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं। धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।। कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से , आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं। कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार। आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं
डरता हूं
read moreAjay Tanwar Mehrana
ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ कोई कह तो दे कि मैं बर्बाद हूं । मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं , कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं । मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने ना समाज की रिवाजों के भरम ने , झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं ! मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । ©Ajay Tanwar Mehrana मैं आजाद हूं
मैं आजाद हूं
read moreDil galti kr baitha h
White बस सह सकता हूं इस दर्द को कहने को कुछ बचा नहीं है उसके जाने के बाद जिन्दगी में अब और कुछ रहा नहीं है। ©Dil galti kr baitha h बस सह सकता हूं इस दर्द को कहने को कुछ बचा नहीं है उसके जाने के बाद जिन्दगी में अब और कुछ रहा नहीं है।
बस सह सकता हूं इस दर्द को कहने को कुछ बचा नहीं है उसके जाने के बाद जिन्दगी में अब और कुछ रहा नहीं है।
read moreBS NEGI
White स्वयं की खोज में हूँ, शांत एवं मौन मैं हूँ, पथिक हूँ सत्यपथ का, मैं स्वयं में ही व्यस्त हूँ! ©BS NEGI व्यस्त हूं
व्यस्त हूं
read moreSatish Kumar Meena
अकेले बैठ कहीं, ऐसा सोच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। मुझे लगा हालात, वक्त आने पर सुधर जाएंगे। अपने किरदार को, एक उदाहरण से निभाएंगे। मैं फिर से पुरानी तस्वीर, खरोंच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। ©Satish Kumar Meena सोच रही हूं
सोच रही हूं
read moreAshok Verma "Hamdard"
White आदतें मुझमें भी बुरी हैं, मगर, दिल में नफरत के शोले जलाता नहीं हूं। जो भी मिला, भगवान का करम है, दूसरों का देख कर ललचाता नहीं हूं। मंज़िलें दूर सही, हौसले मेरे बुलंद हैं, गिरता हूं, मगर उठकर संभल जाता हूं। चमकती दुनिया पर नज़र डाल लेता हूं, पर खुद को बेवजह बदलता नहीं हूं। जिंदगी के सफर में सबक सीखे हैं, अपने हिस्से की खुशी चुराता नहीं हूं। दूसरों की राहें, उनकी मेहनत है, किसी की तकदीर से जलता नहीं हूं। जो मिला उसे शुक्रिया अदा करता हूं, शिकायतों के पुलिंदा संभालता नहीं हूं। सच की राह पर चलने की आदत है, जूठे लिबास में कभी ढलता नहीं हूं। ©Ashok Verma "Hamdard" जलता नहीं हूं
जलता नहीं हूं
read morechahat
White अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं। दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।। किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं। टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।। कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ। अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।। ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं। में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।। कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं। कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।। मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं। शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं। आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।। शिल्पी जैन सतना ©chahat मुस्करा देती हूं
मुस्करा देती हूं
read moreSatish Kumar Meena
मैं कसम खाती हूठकी मैं कसम खाती हूं कि मैं आपके अकेलेपन में साथी, दुःख में हमसफर और महत्वपूर्ण समय में जब आपको मेरी जरूरत हो तो जीवनसाथी बनके अपने कर्तव्य को पूरा करूंगी। ©Satish Kumar Meena मैं कसम खाती हूं
मैं कसम खाती हूं
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