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Akash Thakur MSVA
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} * अंत में भगवान् श्री कृष्ण जी को स्मरण करते हुए मरने वाला निश्चय ही भगवान् को प्राप्त होता है। भोगों का स्मरण करते हुए मरने वाला निश्चय ही नरकों में जाता है। ©N S Yadav GoldMine #SAD {Bolo Ji Radhey Radhey} * अंत में भगवान् श्री कृष्ण जी को स्मरण करते हुए मरने वाला निश्चय ही भगवान् को प्राप्त होता है। भोगों का स्म
AwadheshPSRathore_7773
"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा" 🙏आदरांजलि🇮🇳💐पुष्पांजलि💐🇮🇳अर्पित🙏 सिर्फ एक बात की टीस है मन में हमारे वो यह की 1857 से 1947 तक देश आजाद होने तक जो शहीदी हमारे देश ने दी और देश को अंग्रेजो की दासता से मुक्ति दिलाई वो विश्व में अखंड एकता आज भी अखंड है अटूट है सौभाग्यशाली है मगर विडंबना यह है की आज के इस स्वार्थी युग में व्यक्ति देश के लिए मरना तो दूर अपने सगे संबंधीयों की भी परवाह एक हद तक ही कर रहा है तब ईन तीनो शहीदों की आत्मा उपर बैठे बैठे अवश्य ही आंसू बहाती होगी की किन लोगों के लिए हाय कुर्बानी अपनी दे डाली। ©AwadheshPSRathore_7773 #shaheeddiwas बहुत सारे लोगों को तो यह नहीं पता की शहीद दिवस क्या होता है,किस युग में जा रहे हैं हम और हमारे बच्चे। बच्चे सिर्फ दो दिन जानते
Rashmi singh raghuvanshi "रश्मिमते"
सुबह उठते ही पांच बातें खुद से कहिए:- 🌄मैं सबसे अच्छा हूँ 🌄मैं अपने कार्य को बेहतर तरीके से कर सकता हूँ 🌄ईश्वर मेरे साथ है 🌄मैं एक winner हूँ 🌄आज का दिन मेरा है। ©Rashmi singh raghuvanshi "रश्मिमते" #सुबह जगने के बाद कुछ वाक्यों को हमेशा स्मरण में रखें🌄🌈
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} अन्तकालीन चिन्तन के अनुसार ही जीव की गति होती है। अत: मनुष्य को हरदम भगवान् श्री कृष्ण का स्मरण करते हुए, अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिये, जिससे अन्तकाल में भगवान् की स्मृति बनी रहे। ©N S Yadav GoldMine #GingerTea {Bolo Ji Radhey Radhey} अन्तकालीन चिन्तन के अनुसार ही जीव की गति होती है। अत: मनुष्य को हरदम भगवान् श्री कृष्ण का स्मरण करते ह
N S Yadav GoldMine
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशाख का महीना हिन्दू वर्ष का दूसरा माह होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी माह से त्रेता युग का आरंभ हुआ था। इस वजह से वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिये अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किये जाते हैं. वैशाख अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म :- 🌿प्रत्येक अमावस्या पर पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत अवश्य रखना चाहिए। वैशाख अमावस्या पर किये जाने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं. 🌿इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें। 🌿पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। 🌿वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव तिल, तेल और पुष्प आदि चढ़ाकर पूजन करनी चाहिए। 🌿अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए। 🌿निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन और यथाशक्ति वस्त्र और अन्न का दान करना चाहिए। पौराणिक कथा :- 🌿वैशाख अमावस्या के महत्व से जुड़ी एक कथा पौराणिक ग्रंथों में मिलती है। प्राचीन काल में धर्मवर्ण नाम के एक ब्राह्मण हुआ करते थे। वे बहुत ही धार्मिक और ऋषि-मुनियों का आदर करने वाले व्यक्ति थे। एक बार उन्होंने किसी महात्मा के मुख से सुना कि कलियुग में भगवान विष्णु के नाम स्मरण से ज्यादा पुण्य किसी भी कार्य में नहीं है। धर्मवर्ण ने इस बात को आत्मसात कर लिया और सांसारिक जीवन छोड़कर संन्यास लेकर भ्रमण करने लगा। एक दिन घूमते हुए वह पितृलोक पहुंचा। वहां धर्मवर्ण के पितर बहुत कष्ट में थे। पितरों ने उसे बताया कि उनकी ऐसी हालत तुम्हारे संन्यास के कारण हुई है। क्योंकि अब उनके लिये पिंडदान करने वाला कोई शेष नहीं है। यदि तुम वापस जाकर गृहस्थ जीवन की शुरुआत करो, संतान उत्पन्न करो तो हमें राहत मिल सकती है। साथ ही वैशाख अमावस्या के दिन विधि-विधान से पिंडदान करो। धर्मवर्ण ने उन्हें वचन दिया कि वह उनकी अपेक्षाओं को अवश्य पूर्ण करेगा। इसके बाद धर्मवर्ण ने संन्यासी जीवन छोड़कर पुनः सांसारिक जीवन को अपनाया और वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पिंडदान कर अपने पितरों को मुक्ति दिलाई। ©N S Yadav GoldMine #wholegrain अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशा
Divya Joshi
कुछ ख्वाब बस ख्वाब ही रह जाते हैं। समय कितना परिवर्तित कर देता है सब कुछ। इस वक़्त ने मुझसे मेरी स्वतंत्र अभिव्यक्ति छीनी है। उन्मुक्तताएँ लील गया ये। इस वक़्त ने हँसी छीनी है। इसने आत्मविश्वास छीना है। बुद्धिमत्ता से लेकर स्मरण शक्ति जो मेरी सबसे बड़ी विशेषता थी, वो भी छीन ली। इसने जो रिक्तियां भरी हैं, कभी मिट नहीं पाएंगी। मैं जो लिखना चाहती थी वे शब्द, वे भाव इसने छीने और भर दी गहरी नीरसता, उदासी और अनिश्चितताएं। पर हाँ! इतनी नकारात्मकताओं के बावजूद इस वक्त ने मुझमें जो साहस पैदा किया उसके लिए इसकी आभारी हूँ। समर्पण का भाव मुझमें शुरू से रहा, लेकिन इस वक़्त ने मुझमें बसे उस समर्पण भाव को दुगुना किया। इसने रिश्तों की अहमियत बताई और अपने पराए का बोध कराया। इसी वक्त ने बताया कि मैं उतनी कमज़ोर नहीं हूँ, जितना मैं खुद को समझती हूँ। बल्कि हर आँसूं को पोंछ कर चट्टान की तरह हर मुसीबत के सामने खड़े रह जाने की काबिलियत भी है मुझमें। ये वक्त ही है जिसने मुझे बताया कि जितना...... नीचे कैप्शन में पढ़ें... ©Divya Joshi #Time मनकही: एहसान वक्त के कुछ ख्वाब बस ख्वाब ही रह जाते हैं। समय कितना परिवर्तित कर देता है सब कुछ। इस वक़्त ने मुझसे मेरी स्वतंत्र अभिव्य
Shaarang Deepak
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