Find the Latest Status about रही है दुल्हन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रही है दुल्हन.
jaiveer singh
Unsplash मौत मेरी राहें ऐसे तो न सजा।..... माना कि तू अपने इशारे पे नचा रही है जिंदगी... गाने तो मेरी पसंद के बजा।।... ©Jaiveer Singh #camping नाचा रही है जिंदगी
#camping नाचा रही है जिंदगी
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ठहरती नही खुशिया समझ आपसी ठहर नही पा रही है दस्तूर दुनियाँ में इतने है कद नारी का बढ़ाकर भी नींव परिवार की ढह जा रही है चुने हुये खुद के वर है फिर भी तेवरों से गृहस्थी बिगड़ी जा रही है समर्पण त्याग ममता की मूरत बनना था मगर न्यायालय में पुरुत्त्व को चुनौती दी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari समझ आपसी ठहर नही पा रही है
#love_shayari समझ आपसी ठहर नही पा रही है
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White मुझे खोज, कौन रहा है, मन से मन मौन रहा है। क्या कर खबर ले कि करे, पता न फिर गौण रहा है। जाहिर है, दुक्ख जताये, सुख तो छू पौन रहा है। जल लूं अपने कमरे में, कहीं कोप -भौन रहा है। ©BANDHETIYA OFFICIAL #sad_quotes #अनबन रही है।
#sad_quotes #अनबन रही है।
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी रप्तार की चपेट में जिंदगी आ चुकी है बहकी हुयी हर मंजिले जीवन को निपटा रही है विकारों से विगड़े है विचार तन मन मे तन्दुरुस्ती नही आ रही है हम हम की रट लगाकर रिश्तों की गाड़ी पटरी से उतरी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status तन मन मे तन्दुरुस्ती नही आ रही है
#Sad_Status तन मन मे तन्दुरुस्ती नही आ रही है
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी पहचान परिचय की मोहताज हो रही है अनजानी सफर जैसी जिंदगी हो रही है ना कोई रोक टोक ना कोई मानमनोबल है बिना दुआ बिना आशीर्वाद लिये आज की पीढ़ी आगे बढ़ रही है बदलाव के नाम पर दुनिया चल रही है टूट चुकी है सामाजिक व्यवस्था चौखते घरों की घायल है जिम्मेदारी कौन किसकी उठाये अपनी कमी जब पूरी हो, तब गरीब भाई बन्धुओं के प्रति संवेदना की अलख जग रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes पहचान परिचय की मोहताज हो रही है
#sad_quotes पहचान परिचय की मोहताज हो रही है
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी सर फिर से उठा चुके अधर्मी मर्यादा तब तार तार है होती तपस्या भंग सच्चाई की राक्षसों की प्रव्रत्ति सर उठा रही है माँस और सुरा सुंदरी का बढ़ा प्रचलन साधु भेष में हठधर्मिता पनपायी जा रही है असत्यता का कद बढ़ा कर त्यागी तपस्वी को मिटाने की धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है चीटी भी ना मारी हो जिसने उसे विधर्मी बताकर नींव धर्म की हिलायी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
#sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
read morePraveen Jain "पल्लव"
Unsplash पल्लव की डायरी जड़ो से काटकर शिक्षा कैसा ज्ञानी बना रही है उधेड़ रही परिवार समाज की बुनियाद आज रिश्तों की बाँट लगा रही है बढ़ रहे है चरित्रों में दोष वासनाओ में युवा डूबकी लगा रहे है लज्जा हया शर्म सब ताक पर है उच्च शिक्षा पाकर भी निखार उनके जीवन मे नही आ रहा है डिग्रियों के नाम पर भारत का स्वरूप बिगाड़ा जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #leafbook जड़ो से काटकर शिक्षा, कैसा ज्ञानी बना रही है
#leafbook जड़ो से काटकर शिक्षा, कैसा ज्ञानी बना रही है
read more