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Anjali Singhal
Rameshkumar Mehra Mehra
White मेरी आंखो में हमेशा है तू........ एक खूबसूरत से " ख्बाब " सी.....! महकती है..... हर दम मेरे ख्यालो में तू......!! पुरानी किताब में रखें " गुलाब " सी.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # मेरी आंखो में हमेशा है तू,एक खूबसूरत सें " ख्बाब " सी,महकती है,हर दम मेरे ख्यालो में तू,पुरानी किताब में रखे " गुलाब " सी.....
Kammal Kaant Joshii
RAVI PRAKASH
जंदगी अपने दम पे जी जाती है औरों के कंधों पर तो जनाजा उठा करता है ©RAVI PRAKASH #lakeview जंदगी अपने दम पे
Ashutosh Mishra
White मुझे रोके तेरी यादें अब उन्में ये दम नही मुझे रूलाएं तेरी यादें अब उन्में वो कसक नहीं खुश रहो तुम अपनी दुनिया में हमें जीने की कोई ललक नहीं। अलफाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #SAD मुझे रोकें तुम्हारी यादें अब उन्में ये दम नही मुझे रुलाएं तुम्हारी यादें उन्में वो कसक नही। खुश रहो तुम अपनी दुनियां में हमें अब जीने
✍️vishwakarma g
Blue Moon नज़्म गया था बहुत उसके प्यार में पड़कर, पर वह निकल पड़ी थी किसी का हाथ कसकर ! चार दीवारी में रहने पर विवश हो गया मैं , जिसके लिए इतना तड़पा वहीं चल दी हँसकर !! ©✍️vishwakarma g #bluemoon #VAIRAL #दम #प्यार #शायरी #Reels
i_m_charlie...
अगर आप में अकेले खड़े रहने का साहस नहीं है तो कोई भी आपके साथ खड़ा नही रहेगा, क्यूंकि लोग उन्ही लोगों का साथ देते है जिनमें लोगो का अकेले सामना करने का साहस हो, क्यूंकि कायरो का साथ कोई नही देता, जिनमे साहस है वो दुनिया जीत लेता है, और जिनमे साहस नहीं होगा वो बस उन लोगों की बुराई ही करेगा। ©i_m_charlie... #longdrive जीना है तो खुदके दम पर जिओ
Rameshkumar Mehra Mehra
भूल जाऊ तो.......... जी नही सकता.......! याद करु तो....!! दम निकलता है........ ©Rameshkumar Mehra Mehra # भूल जाऊ तो,जी नही सकता,याद करु तो,दम निकलता है....यादें...#
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
हम मोहताज़ नहीं किस्मत के हम अपने दम पर बहुत कुछ करना जानते हैं। ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). #shaheeddiwas #हम मोहताज़ नहीं किस्मत के हम अपने दम पर बहुत कुछ करना जानते हैं।
Shashi Bhushan Mishra
Meri Mati Mera Desh दम न रहा अब गठबंधन में, शीतलता मिलती चंदन में, बदले हुए भाव हैं नकली, लगे हुए छलिये वंदन में, कोई बटोरे सहानुभूति को, कोई करे भ्रम रघुनन्दन में, करो आकलन सच्चे मन से, दुष्ट लगे हैं राम भजन में, सीता शांति स्वरूपा मन की, निकले वेष बदल रावण में, कही सुनी बातों पर मत जा, देखे हैं विकास कण-कण में, फूलों के खिलने की ख़ुशियाँ, दिखता भ्रमरों के 'गुंजन' में, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #दम न रहा अब#