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Rameshkumar Mehra Mehra
Unsplash महकता रहेगा मेरा प्यार सैदब..... तुम्हारे मन में...! तुम करो या ना करो..!! हम हमेशा तुम्हे याद आयेगे... ©Rameshkumar Mehra Mehra # महकता रहेगा प्यार मेरा सैदब,तुम करो या ना करो,हम हमेशा तुम्हे याद आयेगे....
# महकता रहेगा प्यार मेरा सैदब,तुम करो या ना करो,हम हमेशा तुम्हे याद आयेगे....
read morerahulyadav_0ah
White लोग हमेशा यकीन तब तोड़ते हैं जब हम उनके वफादारी के मिसाल दे रहे होते हैं। ©rahulyadav_0ah #भरोसा सस्ते लोग पे मत करो
#भरोसा सस्ते लोग पे मत करो
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White देखों ना तुम्हारे प्रेम ने मुझे कहा ला दिया, ना आगे जा सकती, ना वापस आ सकती. wrote by Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar) #sad_qoute देखो ना?
#sad_qoute देखो ना?
read moreamar gupta
White मैं तो तेरे प्रेम मे डुबा हुआ हूँ , मेरी तो अब बुद्धि भी काम नही करती हैं ... तू समझदार है ना, तू ही बता ना मुझे क्या करना है ? अगर मैं और मेरा साथ तुझे अब पसंद नही तो, आजाद कर दे ना मुझे अपनी आंखो से , क्यू तुने मुझे उनमे उलझाये रखा है ।।। ©amar gupta #आजाद कर दे ना...
#आजाद कर दे ना...
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White रोशनी भी कम होने लगी, पर देख अब आस और बड़ने लगी, ये रोशनी फिर आएगी, तुम भी लौट आओगे ना? wrote by Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar) #sad_quotes लौट आओगे ना?
#sad_quotes लौट आओगे ना?
read moreneelu
White भजन सुनते थे बचपन में.. घर ना किसी का बसा सको तो झोपड़िया मत जला देना.. मरहम पट्टी कर ना सको तो घाव भी मत लगा देना दीपक बनकर जल ना सको तो अंधाय1रा भी मत करना पुष्प नहीं बन सकते तो फिर कांटे बनकर मत रहना.... मुबारक हो हमने कर दिखाया ©neelu #love_shayari #भजन #सुनते थे बचपन में.. घर ना किसी का बसा सको तो #झोपड़िया मत जला देना.. मरहम पट्टी कर ना सको तो घाव भी मत लगा देना #दी
#love_shayari #भजन #सुनते थे बचपन में.. घर ना किसी का बसा सको तो #झोपड़िया मत जला देना.. मरहम पट्टी कर ना सको तो घाव भी मत लगा देना दी
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..! हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..! अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..! बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..! एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..! इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..! बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..! ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..! ©अज्ञात #है ना साहिब
#है ना साहिब
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