Nojoto: Largest Storytelling Platform

New १९९० कैलेंडर विथ नक्षत्र Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about १९९० कैलेंडर विथ नक्षत्र from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, १९९० कैलेंडर विथ नक्षत्र.

Stories related to १९९० कैलेंडर विथ नक्षत्र

AwadheshPSRathore_7773

#Happy new year#Happy life. इस नए कैलेंडर वर्ष 2025 के शुभारंभ पर सभी nojotos viewers & lovers को नए साल की मंगलकारी अगणित अशेष शुभकामनायें

read more
green-leaves "जो हूँ,जैसा हूँ,वाकिफ हूँ अपने आप से 
 औरों की निगाहों से खुद को क्यों परखूं "

 "शुभ-आगमन,शुभारम्भ,शुभ-प्रवेश,शुभनूतन-वर्ष,
 हो चुका इसका आगाज सजे-धजे हैं देखो रणधीरे,
 2025 है करो ऐसा कुछ की दुनिया करे तोहरे जैसा,
 नव-कलरव,नव-हर्ष,नव-दीप-जले,गांव-गीत-गुंजार हो,
 न कोई विषाद वैमनस्य का हो,न राग-द्वेष का स्थान हो"
🙏👍नववर्ष की अप्रतिम💖आत्मीय शुभकामनायें👍🙏
 ।। नमो🇮🇳भारत/नमो🇮🇳इन्डिया/शाइनिंग🇮🇳हिंदुस्तान।।

😉मैं देर करता नहीं...........देर हो जाती है😉

©AwadheshPSRathore_7773 #Happy new year#Happy life.
 इस नए कैलेंडर वर्ष 2025 के शुभारंभ पर सभी nojotos viewers & lovers को नए साल की मंगलकारी अगणित अशेष शुभकामनायें

BANDHETIYA OFFICIAL

#newyearresolutions #कैलेंडर बदलता है मोटिवेशनल कोट्स

read more
New Year Resolutions कुछ नया जीवन में हो,
बस कैलेंडर बदलता है।
वक्त बदल भी पाये,
सोचूं, तेवर बदलता है।

©BANDHETIYA OFFICIAL #newyearresolutions #कैलेंडर बदलता है  मोटिवेशनल कोट्स

theABHAYSINGH_BIPIN

#Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के

read more
वक्त के साथ किरदार बदलता है,
वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं।
कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर,
वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं।

वक्त के साथ मिटती हैं दूरियाँ,
वक्त के साथ अपने भी बदलते हैं।
क्यों पकड़े हो कसकर पतंग की डोर,
इशारे में थामो, उड़ान बदलती है।

क्यों बढ़ने हैं तुम्हें सब एक दिशा से,
वक्त के साथ रिश्ते भी बिखरते हैं।
क्यों आवेश में पड़े चिंतित हो,
वक्त पर ही सारी पहेलियाँ सुलझती हैं।

हर रिश्ते में वो जज़्बात रहते हैं,
हर रिश्ते में वो तड़प रहती है।
क्यों हो इतना भी बेकरार तुम,
वक्त पर ही नींद सुकून की आती है।

जिंदगी का फ़लसफ़ा किसे पता,
वक्त पर ही जिंदगी सब सिखाती है।
क्यों कार्यों के बोझ तले डूबे हो,
वक्त ही वक्त ख्वाहिशें जगाता है।

नासूर ज़ख्मों की परवाह क्यों,
वक्त पर ही दवा मिलती है।
दिल अगर टूटा है तो क्या हुआ,
वक्त पर ही अपने मिलते हैं।

क्या हुआ जो मौसम सावन चला गया,
वक्त पर ही तो सारे मौसम बदलते हैं।
क्या हुआ जो रिश्ते पतझड़ बन गए,
वक्त पर ही बसंत की बहार खिलती है।

छोड़ दो बेफिक्री में बेफिकर उसे,
वक्त पर ही दबे राज भी खुलते हैं।
वक्त पर सब कुछ अच्छा मिलता है,
वक्त पर ही सही, नक्षत्र मिलते हैं।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Hope  
वक्त के साथ किरदार बदलता है,
वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं।
कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर,
वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं।

वक्त के
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile