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Rohan Roy
White आस्था में डूबा हुआ मन, चारों तरफ ईश्वर को ढूंढता है। लेकिन प्रेम में जगा हुआ मन, अपने भीतर ही ईश्वर को पा लेता है। इसलिए मीरा ने खुद को प्रेम में समर्पण कर, अपने भीतर ही ईश्वर को पाया। और हम आस्था में डूब कर भी, ईश्वर को समझ ना सके। ©Rohan Roy आस्था में डूबा हुआ मन, चारों तरफ ईश्वर को ढूंढता है। | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | positive
आस्था में डूबा हुआ मन, चारों तरफ ईश्वर को ढूंढता है। | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | positive
read moreNaveen Dutt
White "Sab kuchh kho gaya, bas yaadon ka sahaara hai, Maa ke haathon ka pyaar, aur baap ka sharaara hai. Woh pal jo unki baaton mein ghul jata tha, Ab khamoshi ke samundar mein doob jata tha. Ek sui aur dhaaga, bas yeh bacha hai haath mein, Un rishtey ki silai karta hoon raat mein. Unki muskaan ka ek tukda, unki baaton ka raag, In bikharte tukdon ko jodta hoon dhyaan bhaag. Mitti ke sukoon mein unki baatein dhundhta hoon, Pankh bina udte khwabon mein unko dekhta hoon. Har silai mein ek yaad silti jaati hai, Dil ke kone mein ek roshni jagati hai. Par sukoon toh unke saath hi chhoot gaya, Dil ka har kona ab khud se rooth gaya. Bas yeh dhaaga hai, jo yaadon ko jode rakhta, Aur ek ujale din ka sapna todta aur buna rakhta. Maa-baap ke bina zindagi adhoori si lagti hai, Par unki yaadon se duniya roshan lagti hai. Yeh sui aur dhaaga ab bhi kaam karte hain, Unka pyaar har silai mein zinda rakhte hain." ©Naveen Dutt "उनकी यादों की सिलाई से दिल के जख्म भरता हूँ, मां के प्यार और पापा की ताकत से जीने की वजह ढूंढता हूँ।" #Tags: #ParentsLove #LostButNotForgo
"उनकी यादों की सिलाई से दिल के जख्म भरता हूँ, मां के प्यार और पापा की ताकत से जीने की वजह ढूंढता हूँ।" #Tags: #ParentsLove LostButNotForgo
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो पुरानी कितनी प्यारी थी, जहां हफ्तों रुकता था हर मेहमान। भाईचारे की भावना एक हस्ती थी, अब भाई को नहीं मिलता सम्मान। अब किराए का शहर छोड़कर, उसी गांव में फिर से बस रहा इंसान। खो दिया है सबका अपमान कर, अब गैरों में ढूंढता है सम्मान। ये कैसा दौर चला है कलयुग का, देखकर भी कुछ न सीखता है इंसान। मुकर जाता है एक मदद के नाम से, अभय से ना रखता है जान-पहचान। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
#sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
read moreनवनीत ठाकुर
तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ। राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं , गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ, हार नहीं मानता कभी, हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ। हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है, जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है। राख से उगने की आदत है मुझमें, जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ। मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं, मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं। ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है, पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
#नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
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