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aditi the writer
Unsplash न हो सिद्धि, साधन तो है बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है यही बहुत जो इसे सँजोऊ अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ सखा, सूत वा दूत न होऊँ पर यह जन प्रभु-जन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! माना मुक्त नहीं हो पाया, खींच मुझे यह बंधन लाया तब भी मेरी ममता-माया मिला मुझे नर-तन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! बाहर भी क्या आज खड़ा मैं काले कोसों दूर पड़ा मैं देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं तेरा खुला भवन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! ©aditi the writer #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
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Unsplash न हो सिद्धि, साधन तो है बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है यही बहुत जो इसे सँजोऊ अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ सखा, सूत वा दूत न होऊँ पर यह जन प्रभु-जन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! माना मुक्त नहीं हो पाया, खींच मुझे यह बंधन लाया तब भी मेरी ममता-माया मिला मुझे नर-तन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! बाहर भी क्या आज खड़ा मैं काले कोसों दूर पड़ा मैं देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं तेरा खुला भवन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! ©aditi the writer #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
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read moreArjun Singh Rathoud #Gwalior City
शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय: आज का दिन हुआ समाप्त, तारे निकले, चाँद आया। हवा चलती, शीतल लगती, मन शांत, आनंद भरा। * शाम की यादें: बचपन की शामें याद आतीं, दोस्तों संग खेलते थे। खेतों में दौड़ते फिरते, खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍 ©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की
शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की
read moreAsarlal Dhiku
जिंदगी में अभिनेत्री बनना, मेरा जुनून है,आपके अन्दर भी हो सकते हैं।❤ ©Asarlal Dhiku अभिनेत्री छोटी दीदी
अभिनेत्री छोटी दीदी
read moreGiridhar Rai
White नोटबंदी तो कर दिए,कुछ और भी करिए बंद तब मानेंगे आपको हम बड़का अक्लमंद ©Giridhar Rai #happy_diwali देशभक्ति कविताएँ
#happy_diwali देशभक्ति कविताएँ
read morearpana dubey
White गुड़िया रानी गुड़िया रानी तू है मेरी प्यारी रानी हरदम तेरे संग खेलू मेरे दिल की तू है रानी काले काले तेरे बाल लाल गुलाबी तेरे गाल सुंदर प्यारे छोटे हाथ सदा रहे तू मेरे साथ हर बच्चों को प्यारी लगती सब रंगों में खूब जचती तुझे सवारूँ हर पल मैं साँझ सवेरे पास मैं रखती गुड़िया रानी बिटिया रानी एक राजा सा गुड्डा लाऊं तेरी शादी में जी भरकर सब संग खेलू नाचूँ गाऊं तू जादू की पुड़िया है सबसे न्यारी गुड़िया है भूल न जाना प्रीत हमारी दुश्मन हो चाहे दुनिया सारी....!!!! अर्पणा दुबे अनूपपुर। ©arpana dubey #Sad_Status देशभक्ति कविताएँ कविता कविता कोश कविताएं
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