Find the Latest Status about मूल्यों का महत्व from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मूल्यों का महत्व.
Ek villain
मूल्य वह है जो मानव व्यवहार सोच नजरिए और व्यवहार को एक सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शन देकर जीवन को परिष्कृत सार्थक और गरीबी ए बनाते हैं यह वह कसोतिया है जिनके आधार पर हम उचित अनुचित और कल्याण कल्याण आदि का निर्धारण कर सकते हैं मनुष्य अपने जीवन में लक्ष्य को निर्धारित करते हैं इसी लक्ष्य की प्राप्ति में जो आदर्श सहायक बनते हैं वही वास्तव में मुल्ले होते हैं जिसके कारण मनुष्य पथभ्रष्ट और पत्र विमुख होने से बचे रहते हैं मुल्ले मानव जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाते हैं जिससे मनुष्य के भीतर सदाचार और उन्नत चरित्र का निर्माण होता है इन्हीं आत्महत्या करने से जीवन में व्यक्तित्व और चरित्र उत्थान होने के साथ-साथ स्वास्थ्य और संतुलित जीवन एवं राष्ट्रीय का विकास होता है मूल्य ही नेता की स्थिति सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक असंतुलन की संकेता होती है वही मूल्यों के विकास से यह सभी मापदंड सम्मिलित होते हैं परिवारिक मूल्यों के निर्माण की पहली सीढ़ी है जो मूल्य को मूल्यों से परिचित कराती है ऐसा इसलिए क्योंकि बाहर मन को नैतिक और अनैतिक का ज्ञान नहीं होता इसलिए बच्चे का नैतिक व अनैतिक की प्रति जागरूक होना मुख्य रूप से परिवारिक एवं परिवारिक परिवेश पर निर्भर करता है इसके उपरांत मूल्य निर्माण में समाज शिक्षा और सामाजिक आर्थिक पर आवेश की भूमिका होती है जहां व्यक्ति के भीतर व्यक्तित्व परिवर्तन चारित्रिक परिवर्तन परिपक्वता और व्यवहारिक समझ विकसित होती है यही सत्य है कि किसी भी राष्ट्रीय समाज और व्यक्ति की पहचान उसके मूल्यों के द्वारा ही होती है भारतीय जीवन शैली और सांस्कृतिक के व्यापक परिवेश में हमेशा से मूल्य पर दांता की स्थिति आरंभ से ही विद्वान रही है इतना ही नहीं यह परंपरा बारंबार प्रकट और अभिव्यक्त होती आई है बुल्ले प्रधानता की यही समृद्धि परंपरा भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखती है ©Ek villain # मूल्यों का महत्व मानव जीवन में #WritingForYou
ajit
लोग घूमने के लिए जंगल में नहीं बल्कि बगीचे में जाते है क्योंकि वहां सभी पौधे अच्छे ढ़ंग से लगे होते है इसी प्रकार जीवन में योग्यता के साथ साथ अनुशासन भी आवश्यक है । ©ajit अनुशासन का महत्व
अद्वैतवेदान्तसमीक्षा
राहें उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः | नहि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः || - सुभषितरत्नाकर भावार्थ - निरन्तर उद्यम करने से ही विभिन्न कार्य सम्पन्न (सिद्ध) होते हैं न कि मात्र मनोरथ (इच्छा) करने से | निश्चय ही एक सोये हुए सिंह के मुख में हिरण स्वयं प्रविष्ट नहीं होते हैं | (एक सिंह को भी अपनी भूख मिटाने के लिये प्रयत्न पूर्वक हिरणों का पीछा कर उनका वध करना पडता है | निष्क्रिय व्यक्तियों की की तुलना एक सोये हुए सिंह से कर इस सुभाषित में उद्यमिता के महत्व को प्रतिपादित किया गया है ।. Udyamena = by continuous and strenuous efforts, Hi= surely. Sidhyanti = are accomplished. Kaaryaani = various tasks Na = not. Manorathaih= by simply desiring. Nahi = by no means. Suptasya = sleeping. Simhasya = a loin's Pravishanti = enter, Mukhe = mouth. Mrugaah = antelopes. i.e. We can accomplish var प्रयत्न का महत्व
Subant Kumar dangi(Poet, Writer)
खोटा समझकर जिसे आज ठुकराया जिसे तूने कल वही खूंटा बनकर तेरी जिन्दगी में गड़ जाएगा खोटा का महत्व
Kundan Rathore
आज का ज्ञान जो व्यक्ति समय की कद्र नहीं करता ,समय उस व्यक्ति की कद्र नहीं करता.... समय का महत्व