Find the Latest Status about अपना ही राग अलापना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अपना ही राग अलापना.
आधुनिक कवयित्री
White वक्त अपना हैं, पर वक्त पर कोई अपना नहीं होता। तो फिर इसे क्यों बरबाद करते हैं, जिंदगी एक बार ही मिलती हैं। चलो इसे अपने नाम करते हैं। ©आधुनिक कवयित्री वक्त अपना......
वक्त अपना......
read moreParasram Arora
White क्योंकि. मै ही इस जगत का नियंता हू जगत का आदि और जगत का अंत भी हू इसलिए हर प्रान्नी के अधिकार और कर्तव्य मै ही नियंत्रित करता हू मै ही तय करता हू ©Parasram Arora मै ही आदि मै ही अंत
मै ही आदि मै ही अंत
read moreVinod Mishra
हिमांशु Kulshreshtha
White इश्क की राहों में मिलते हैं, सपनों के रंग, हकीकत की परछाइयाँ, हर आँसू में तेरा अक्स है, हर खुशी में समाया तेरा ही साया ©हिमांशु Kulshreshtha तेरा ही..
तेरा ही..
read moreParasram Arora
White जिन्हे हम प्रेम करते है. उन्हें एक बार तो जाने डो अगर वे लौटते है तो समझ लेना वे अपने है और जो नहीं लौटते समझना वे कभी. अपने थे ही नहीं ©Parasram Arora कौन अपना कोयन प्राया
कौन अपना कोयन प्राया
read moreF M POETRY
White किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए.. किसको अपना कहूं ज़माने में.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए....
#किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए....
read moreDinesh Sharma Jind Haryana
White जिक्र से नहीं फिक्र से मालूम होता है अपना कौन ©Dinesh Sharma Jind Haryana #अपना
Shashi Bhushan Mishra
हंसती आंखें दिल रोता है, अपना चाहा कब होता है, गाने वाला रो दे अक़्सर, पाने वाला ही खोता है, राम नाम रटने वाला भी, फंसा जाल में ज्युं तोता है, रोज़ नहाये गंगा जल से, मन का मैल नहीं धोता है, पछताने से क्या होगा जब, बीज दुखों का ख़ुद बोता है, रात में करता है रखवाली, श्वान दिवस में ही सोता है, ज्ञान बिना दुनिया में गुंजन, भंवर बीच खाता गोता है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' ©Shashi Bhushan Mishra #अपना चाहा कब होता है#
#अपना चाहा कब होता है#
read moreRomil Shrivastava
वो किस हुनरमंदी से ये सच्चाई छुपाती है कि जैसे सिसकियों का ज़ख्म शहनाई छुपाती है जो इसकी तह में जाता है वो फिर वापस नहीं आता नदी हर तैरनें वाले से गहराई छुपाती है ©Romil Shrivastava यूँ ही
यूँ ही
read moreRomil Shrivastava
White पत्ते पर लिखी वो शायरी इक बकरी खा गई... और..चर्चा पूरे शहर में रहा इक बकरी शेर खा गई! ©Romil Shrivastava यूँ ही
यूँ ही
read more