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F M POETRY
White कौन सुनता है ईश्क़ वालों की.. किसको समझाऊँ हाल-ए-दिल अपना.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #किसको समझाऊं.....
#किसको समझाऊं.....
read moreShashi Bhushan Mishra
कुत्तों की भरमार, किसको है दरकार, अराजक हैं तत्व, न्यायालय लाचार, अनुशासन कमज़ोर, सोई है सरकार, अशिक्षित सब लोग, बेबस घर परिवार, कुनबा बना समाज, लालच लोभ अपार, सत्ता पाना लक्ष्य, मानवता बेज़ार, नारी का सम्मान, स्वर्ग बने घरबार, धरती का उपकार, रक्खो नहीं उधार, 'गुंजन' मन में प्रीत, सही रखो व्यवहार, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra #किसको है दरकार#
#किसको है दरकार#
read moreShubham Bhardwaj
दास्ताने मोहब्बत मैं किसको सुनाऊँ। दर्दोगम अपना है,अपने दिल में छिपाऊँ।। ©Shubham Bhardwaj #Dhund #दास्ताने #मोहब्बत #किसको #सुनाऊँ #दिल
Shashi Bhushan Mishra
किसको दर्द सुनाऊँ जाकर, कौन मिटेगा पीड़ा आकर, सबकी है अपनी तकलीफें, है संतुष्ट न सबकुछ पाकर, माया भटकाती है दिनभर, बने हुए सब मन के चाकर, पूछे प्रतिभावान की माँ से, पैदा किया इसे क्या खाकर, ख़ुश्बू बनकर जिओ जगत में, ख़ुशियाँ बाँटो बनो सुधाकर, दिल को भाये गीत जो 'गुंजन', बार-बार देखूँ मैं गाकर, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra #किसको दर्द सुनाऊँ जाकर#
#किसको दर्द सुनाऊँ जाकर#
read moreShubham Bhardwaj
किसको अपनी पीर सुनाऊँ, किसको अपना दर्द दिखाऊँ। हर एक साथी खुद मुझको, अब दर्द के छाले देने आया ।। दुख दर्द मिटाने की बातें, किस्सों में अच्छी लगती हैं । अपनी हस्ती के आगे,हर कोई भाले देने आया ।। बचपन मेरा अच्छा था,सपन सलोना अच्छा था । जबसे होश संभाला मैंने, हर कोई ताने देने आया ।। ©Shubham Bhardwaj #UskiAankhein #किसको #अपनी #पीर #सुनाऊँ #अपना #दर्द
Shubham Bhardwaj
जख्म दिल के,किसको दिखाओगे। बढ़ जायेंगे घाव,अगर मरहम लगवाओगे।। हाथों में नमक मिर्च का दस्ताना लिये हैं। कहने को सभी अपने हैं,क्यों गम बढ़वाओगे।। ©Shubham Bhardwaj #जख्म #किसको #दिखा #बढ़ #जाये #घाव #अगर
#शून्य राणा
Kavi Hari Shanker
किसको है परवाह तुम्हारी ? यूँ तो सबको चाह तुम्हारी किसको है परवाह तुम्हारी ? चाहत का यह भ्रम है जबतक खुशियों की दरगाह तुम्हारी। जब टूटेगी भ्रम की पसली तब निकलेगी आह तुम्हारी। तुमने पाया मुफ्त नहीं वह करनी की तनख्वाह तुम्हारी। जूठे बैर के प्रेम को जाएँ 'हरि' वह पथ है राह तुम्हारी। - कवि हरि शंकर। ©Hari Shanker Kumar #किसको है परवाह तुम्हारी ?
#किसको है परवाह तुम्हारी ?
read moreसुरज काकडा
तु मुझसे मत पुछ कि किसको अपनाया और किसको जुदा किया मैने, ये मेरे चाहने वाले ही बता देंगे तुझे की किसका अच्छा किया और किसका बुरा किया मैने ।
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