Find the Latest Status about उपकारी शब्द में है– from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उपकारी शब्द में है–.
Bebo
कौन सी नजर से अब देखू तुम्हे की तुम पराए लगने लगो..... तुम्हे अपना समझ के हम रोते बहोत है,!!! R.P,✍️*Bebo 21/12/2024 1.05 pm ©Bebo अनकहे शब्द
अनकहे शब्द
read moremani naman
Unsplash रद्दी अख़बार की मर चुकी ख़बरों के बीच बची-खुची ज़िद्दी और स्वाभिमानी टैग लाइन से बस किसी तरह दो शब्द झाड़ लाया हूँ; तुम हेडलाइन देखकर कन्फ्यूज़ न होना, क्योंकि, अतीत से लाए गए शब्द अपना वजूद खोकर धुंधला ही जाते हैं; बस किसी तरह अपने वाक्यों के बीच मेरे शब्द सहेजकर उन्हें ज़िंदा रख लेना। ©mani naman मेरे शब्द
मेरे शब्द
read moreShashi Bhushan Mishra
दीप जलता है सदन में, अंधेरा है व्याप्त मन में, चलाता है श्वास सबका, वही रक्षक है भुवन में, प्रेम और विश्वास से ही, प्रकट होते ईश क्षण में, कर रहे गुणगान सारे, धरा से लेकर गगन में, सिंधु से जलश्रोत लेता, वही भरता नीर घन में, जागता है साथ हरपल, साथ रहता है सयन में, हृदय में है व्याप्त गुंजन, बसा ले उसको नयन में, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दीप जलता है सदन में#
#दीप जलता है सदन में#
read moreMayuri Bhosale
White प्रश्नांचे शब्दकोडे......❓❓❓ बोल माझ्या मनातले पण सांगू का कोणाला? 🤫 प्रश्न बरेच भोवती पण सोडवू का कशाला? 😇 खेळ चाले विचारांचा पण आहे तरी का कोणासाठी? 🤨 उत्तर काही मिळेना पण ते पाहू तरी का कशासाठी?🤔 हो की नाही बुद्धीचा डाव सारा पण हा संपेल तरी का जाऊन पुढे कुठे? ♟️♟️ खरंच या जगी स्वतःपेक्षा पण हे प्रश्नच महत्वाचे असतात का कधी? 🙆🙋 सोडवत बसतो असले पण कारण नसताना प्रश्नांचे असे हे शब्दकोडे?🎲🌀 ©Mayuri Bhosale #प्रश्नांचे शब्द कोडे
#प्रश्नांचे शब्द कोडे
read moreneelam jatov
White मर से गए हैं शब्द भी हमारे जैसे ©neelam jatov #sad_quotes शब्द
#sad_quotes शब्द
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी रेवड़ियों में लोकतंत्र फ़ँसा है व्यवस्था सब कराहती है रोजगार व्यापार सब ठप्प महँगाई सुरसा जैसी बढ़ती जाती है चुनाव जीतना ही कामयाबी लोकतंत्र की पाप सियासतों के सब छिपाती है पौधे सब मुरझा रही,युवा बनकर भविष्य अपना तय नही कर पा रही है दखल राजनीतिक चहुँ और बढ़ गया आमजनों का जीवन दुष्वार हो रहा है ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho रेवड़ियों में लोकतंत्र फ़ँसा है
#Likho रेवड़ियों में लोकतंत्र फ़ँसा है
read moreVinod Mishra
नवनीत ठाकुर
वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने, सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में। अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा, ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में। मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में, अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में। खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में, अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में। जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे, जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में। सवाल हजारों हैं दिल के आईने में, बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में। गुज़री हुई बातों की सदा आती है, जैसे कोई पुकार हो वीराने में। जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं, ना जाने क्या जादू है बेगाने में। ©नवनीत ठाकुर ना क्या जादू है बेगाने में
ना क्या जादू है बेगाने में
read more