Find the Latest Status about जस्टिस लोया मर्डर केस from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जस्टिस लोया मर्डर केस.
Pooja Mehra poetry
#OpenPoetry एक सच्ची मर्डर स्टोरी -प्रद्युम्न मर्डर केस कभी शक कि सुई घूमी स्कूल के सिस्टम पर, तो कभी घूमी स्कूल के ड्राइवर पर कभी दोष दिया उन टीचर्स को, तो कभी उंगली उठाई स्कूल के मालिक पर.... रहा सवाल हर इक के मन में, कि बच्चे सुरक्षित नहीं अब स्कूलों में? माँ की आँखें रही चीखती, क्या दोष था उसकी मासूमियत में? क्या भला हुआ उस ज़ालिम का, जिसने चिर दिया प्रद्युम्न को इक पल में? ग़ुस्से का उफान उठा था, हर इक माँ के सीने में कि कौन है ऐसा जंगली दानव, जिसने चीर दिया उसे इक पल में पर दोषी निकला इक ऐसा बच्चा, जिसका मन नहीं पढने में घर के झगड़ो में पिस बैठा,थी क्रोध सी ज्वाला सीने में..... क्या हमने कभी ऐसा सोचा कि, क्यों अपराध हुआ उस बालक से कुछ तो गलत हुआ था उसके साथ भी, जो यह कर बैठा अनजाने में उसकी ख़ामोशी को पढ़ना चाहिए था, है सवाल मेरा उन माँ बाप से कि बच्चे मुजरिम होते है, अपने ही जन्म से ? बच्चे तो मासूम है होते,क्यों बड़ा बना डाला उन्हें हमने, फर्ज़ हमारा भी बनता है कि झांके हम उनके अंतर्मन में, बच्चे तो गीली मिट्टी होते है जो रूप बनाओ बचपन में, फर्ज हमारा भी बनता है कि झांके हम उनके अंतर्मन में, आज भी ना जाने कितने बच्चे है जो ना कह पाते अपनो से, कि ना लड़ो मम्मी पापा यहीं गुजारिश है आपसे, मैं ना हस पाता हू में ना रो पता हू, आपको क्या मिलेगा इन झगड़ो से ? फर्ज़ हमारा भी बनता है कि,झांके हम इनके अंतर्मन में आइये हम भी यह प्रण ले कि झांकेंगे,इनके अंतर्मन में ताकि फिर से कोई ऐसा, बाल दोषी ना बने किसी भी घर में, किसी भी घर में..... pooja mehra ✍️ एक सच्ची मर्डर स्टोरी पद्युम्न मर्डर केस उस मासूम की याद में एक दुखद कविता.....
Prashant Mishra
मोहब्ब्त में मलिन मुखड़े नहीं होते ज़ियादा दिन तलक दुखड़े नहीं होते 'हवस' टुकड़ों में बंटती देखी है लेकिन 'मोहब्ब्त' के कभी टुकड़े नहीं होते --प्रशान्त मिश्रा #श्रद्धा मर्डर केस , हवस टुकड़ों में बंटती देखी है लेकिन
richirich
मॉडर्न होना सही है लेकिन मॉडर्न विचारों से बनो... प्यार ,मोहब्बत तो सब कर बैठते है लेकिन इंसान सही है या नहीं इन सब की सलाह तुम अपने परिवार से जरुर लो.... ©richirich #जस्टिस
mohd shabab
बेटी का तुमने अन्तिम संस्कार नहीं किया हैं उसे मरने के बाद दोबारा जला कर मार दिया हैं इस बार अग्नि में इंसाफ और अहसास को भी जला दिया हैं वाह! वाह!वाह!वाह! क्या इंसाफ किया हैं ©mohd shabab #जस्टिस
akhil rajawat@74
कुछ लोग हर बार गलत नहीं होते बस वो अपने आप को सही साबित नहीं कर पाते। ©akhil@74 #जस्टिस
Naveen Jain
मेरी आवाज, सुनाई नही देती किसी को। वो डरा धमका रहे है, आज सभी को कुछ हाथों में, हाथ रख कर बैठे है। कुछ कानून से ,आस लगाए बैठे। कुछ कानून हाथ में लेकर, न्याय करने चले है। गोली तमंचों से, फैसला करने लगे है। उनको किसी का,खौफ नहीं है। कानून से उनको भय नहीं है। शांति में उनका ,विश्वास नहीं है। मेरा ऐसा लिखना ,क्या सही नही है। जैन नवीन ©Naveen Jain जस्टिस
Er.Mahesh
sunset nature क्या प्रभु राम ने ऐसे रामराज्य की कभी कल्पना की थी जिसमे उस राज्य के व्यक्ति , अपने ही व्यक्तियों पर सिर्फ इसलिए गोलियां चलाए कि प्रजा ने राजा से अपने अधिकार मांगने की हिम्मत क्यों जूटा ली ©Er.Mahesh #जस्टिस