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PФФJД ЦDΞSHI
आप क़ो पता है.... इन famous ग्रंथो क़ो लोग क्यो मानते है, क्यो कि इन मे ही छुपा ज़िन्दगी का सार है जो हुआ था वो सत्य था और उसका अच्छा बुरा परिणाम भी सब ने झेला यां उस से सीखा, इसलिए उन्ही बातो क़ो अगर लोग दोहराऐगे तो घर घर मे महाभारत और रामायण होंगी, सब किरदार होंगे राम, रावण, समझाने वाला कृष्णा, राधा, सीता, सुपनखा,,,,, etc.. अब समझे 🥴 gn🙏🏻 ©PФФJД ЦDΞSHI #ग्रंथ #Epic #pujaudeshi
#ग्रंथ #Epic #pujaudeshi #विचार
read moreAnita SHIVraan
White गिरना तेरा बहुत हुआ, रूक जा अब रुक जा कर झूठ पर वार प्रचंड, सच समक्ष है झुक जा । तू, तू नहीं ; तू, मैं हूं , तो मेरी ताकत तेरी है तू मैं, मैं तू हूं, तू दहाड़, न दूरी है न देरी है।। "श्री कृष्ण🌱" ©Anita SHIVraan #गीता
Ram Yadav
White सही कहा है गीता में.... भूखा मन है, भागता मन है, ऊंचा मन है, नीचा मन है, व्याभिचारी मन है, कुकर्मी मन है, अत्याचारी मन है, लालची मन है, इतिहास को रौंदता मन है, भविष्य को उजाड़ता मन है, सृष्टि को मिटाता वो मन है,,, जिसे संतोष नहीं मिल रहा।।।। आत्मा तो बदल ही लेगी ये शरीर... कभी कुत्ता बन कर, कभी कीड़ा बन कर..... पर, मन मिट्टी के साथ मिट जाएगा।।।।।। असंतोष से भूंखा, अतृप्त🥹एक चीज़ हरि ॐ २४.०५.२०२४ ©Ram Yadav #Sad_shayri #अध्यात्म #गीता #भारत
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read morePawan Kumar
White श्री कृष्ण कहते है अंहकार उसी को होता है जिसे बिना मेहनत के सब कुछ मिल जाता है। मेहनत से सुख प्राप्त करने वाला व्यक्ति दूसरे की मेहनत का भी सम्मान करता है। ©Pawan Kumar भागवत गीता सार
भागवत गीता सार #विचार
read moreआगाज़
White एक नवल आचार उतारो जीवन में एक मात्र दातार उतारो जीवन में मानवता की ख़ातिर जीना मरना है तो गीता का सार उतारो जीवन में - गोविन्द द्विवेदी ✍🏿 ©आगाज़ #flowers गीता सार
Neel
प्रेम पर ग्रंथ एक लिख दूं या कह दूं अनगिनत किस्से, प्रेम से इतर क्या है यहां, कितने हैं अनछुए हिस्से। कोई आंखों से पढ़ता है, कोई होठों से गढ़ता है, कोई हाथों की नरमी से, दिल की हर बात कहता है। कोई कहकर भी न समझे, कोई जाने अनकहे ही, कोई चाहे न रहकर साथ, कोई पूजे बिन मिले ही। प्रेम की न कोई भाषा, प्रेम की न कोई बोली, जिसने मन राम बन साधा, सीता बन वो उसकी हो ली। प्रेम अनवरत बहता झरना, प्रेम पावन गंगा- यमुना, प्रेम सा कुछ पवित्र न जग में, प्रेम के जैसा दूजा सम ना। कितना कुछ कह चुके हैं लोग, कितना कहना अभी बाकी, प्रेम पर कितना कुछ लिख दूं, कितना लिखना अभी बाकी। प्रेम पर ग्रंथ एक लिख दूं, या कह दूं अनगिनत किस्से, प्रेम से इतर क्या है यहां, कितने हैं अनछुए हिस्से।। 🍁🍁🍁 ©Neel प्रेम ग्रंथ 🍁
प्रेम ग्रंथ 🍁 #लव
read moreVk Virendra
गीता-सार ★ क्यों व्यर्थ की चिन्ता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा न पैदा होती है, न मरती है। ©Vk Virendra गीता सार #कान्हा
Vk Virendra
गीता-सार ★ क्यों व्यर्थ की चिन्ता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा न पैदा होती है, न मरती है। ©Vk Virendra गीता सार #gita #गीतासार