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Prakash writer05
एक मुद्दत से नहीं गाँव में नज़र आये हैं रोज़ी रोटी के लिये छोड़ के घर आये हैं चल रही हैं ज़िन्दगी बस किश्तों के भरोसे, इन्ही रास्तो से चलकर हम शहर आये हैं . ©Prakash writer05 एक मुद्दत से नहीं गाँव में नज़र आये हैं रोज़ी रोटी के लिये छोड़ के घर आये हैं चल रही हैं ज़िन्दगी बस किश्तों के भरोसे, इन्ही रास्तो से चलकर
एक मुद्दत से नहीं गाँव में नज़र आये हैं रोज़ी रोटी के लिये छोड़ के घर आये हैं चल रही हैं ज़िन्दगी बस किश्तों के भरोसे, इन्ही रास्तो से चलकर
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White लोगों के फरेबी चेहरे देख कर, जज़्बातों से रिस रहा हूँ , दिल और दिमाग की इस रस्साकशी में, मैं पिस रहा हूँ ...!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha लोगों के
लोगों के
read moreकवि: अंजान
White वो चाहतों का अम्बार लेकर गया हैं अपने गाँव से शहर में आकर दूर हो गया माँ-पिता के छाँव से। ©कवि: अंजान #sad_quotes #मोटिवेशनल #गाँव #Life #Trending #Shayari #Poetry #Struggle
#sad_quotes #मोटिवेशनल #गाँव Life #Trending Shayari Poetry #Struggle
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash कर के मोहब्बत भरपूर तुमसे .. हिस्से में सिर्फ तेरी बेरुखी के हक़दार हुए .. ख़बर भी ना लगी कब दिल खो गया कब तेरी चाहतों के शिद्दत से तलबगार हुए .. ©हिमांशु Kulshreshtha कर के..
कर के..
read moreGhanshyam Ratre
जंगल उपवन के छेड़छाड़ पेड़ -पौधों की कटाई कर रहें हैं। वन्य प्राणी पशु-पक्षियों का जीवन संकटों से प्रभावित हो रहें हैं।। जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियां गांवों- शहरों में आ रहें हैं। खेती-बाड़ी फसल को उजाड़ कर बर्बाद कर रहे हैं।। ©Ghanshyam Ratre जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ.. सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..
#समंदर के किनारे आ के अक्सर..
read moreअनिल कसेर "उजाला"
मौसम बदल रहा है सम्हल के चल, दिल से दिल मिल रहा है सम्हल के चल। तूफां तो बहुत आयेंगे जिंदगी में तेरे, वक़्त भी निकल रहा है सम्हल के चल। ©अनिल कसेर "उजाला" सम्हल के चल
सम्हल के चल
read moreGhanshyam Ratre
शीत लहरें कोहरे का ठंडा का महिना है । गरम वाले सुती ऊनी वस्त्र लगते सुहाने हैं।। बहुत ठंडा लगता है ठंड से शरीर कांपते हैं। ठंडा में गर्मागर्म खाने के चीजें अच्छे लगते हैं।। ©Ghanshyam Ratre ठंडा के महिने
ठंडा के महिने
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