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Best गाँव_की_यादें Shayari, Status, Quotes, Stories

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Ashish Mishra

वो जो गांव के छप्पर में सुकून है,
वो शहर के घरों में कहाँ।

वो जो गांव के घरों में अपनापन है,
वो शहर की चारदीवारी में कहाँ।

वो जो  गांव के हंसी ठिठोली के किस्से हैं,
वो शहर की महफिलों में कहाँ।

जो गांव के लोगों का सादापन है,
वो शहर के लोगों में कहाँ।

वो जो गांव के खेतों की सैर में सुकून है,
वो शहर की गलियों में कहाँ।

वो जो गांव के मेलों का मजा है,
वो शहर के चकाचौंधमें कहाँ। #गाँव_की_यादें

Nir@j

मुझे नहीं चाहिए शहर में ये भवन आलीशान।
बहुत सुकून था जब पहले गाँव में था मकान।

आज शहर में ना फुरसत ना चैन ना आराम,
गाँव वालों के पास है, वक़्त, सब्र, इत्मिनान।

वहाँ शुद्ध  हवा थी, स्वच्छ  फ़ज़ा,पर्यावरण,
यहाँ तो सिर्फ़ और सिर्फ़ कंपनी और दुकान।

पशुओं का विचरना, बगीचा, घास का मैदान,
देखने से भी नहीं दिखते यहाँ खेत खलिहान।

कहकर गए लोग बसती है भारत माता ग्राम,
शायद! इसलिए गाँव में बसती है मेरी जान। #गाँव #गाँवकीबातें #गाँव_की_यादें 
#yqdidi #yqbaba #hindi #yqurdu #yqquotes

Nir@j

#yqdidi #yqbaba #yqlove #gaav #गाँव #गाँव_की_यादें #छूटता_हुआ_बचपन #nirajnandini गाँव की याद कुछ यूँ आ रही है। हर चीज़ ही अब दूर जा रही है।। दादा-दादी से कहानी सुनते रहना। हमेशा ही उनकी देखभाल करना।।

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गाँव की याद कुछ यूँ आ रही है।
हर चीज़ ही अब दूर जा रही है।।

दादा-दादी से कहानी सुनते रहना।
हमेशा ही उनकी देखभाल करना।।

खेतों में गेहूँ के फ़सल कट रहे होंगे।
कहीं पटवन हेतू रहट चल रहे होंगे।।

महुआ का वो पेड़, लटकते हुए आम।
सुबह में डाल-पात, गुलिडण्डा शाम।।

चरती हुईं गायें, वो विचरते हुए भैड़।
झड़ते हुए पत्ते, रंग बदलते हुए पेड़।।

दोस्तों के साथ खेलना, छत पर सोना।
आँधी आ जाने पर बिस्तर नीचे ढोना।।

चने के खेत से, जाकर चना उखाड़ना।
खेलने जाने के लिए दोस्त को पुकारना।।

कुल्फ़ी वाले का आना, बर्फ़ देकर जाना।
बर्फ़ ख़त्म हो जाने पर भी डंटी चबाना।।

गाँव घर की शादी, वो पत्तल पर खाना।
दोस्तों के साथ मिलकर मौज उड़ाना।।

गाँव घर में ढेर सारे, मेहमानों का आना
अजनबी रिस्तेदारो को परिचित कराना।। #yqdidi #yqbaba #yqlove #gaav #गाँव #गाँव_की_यादें
#छूटता_हुआ_बचपन #nirajnandini

गाँव की याद कुछ यूँ आ रही है।
हर चीज़ ही अब दूर जा रही है।।

दादा-दादी से कहानी सुनते रहना।
हमेशा ही उनकी देखभाल करना।।

Madhav Jha

अब प्रेम की गरिमा में दिल ने दिमाग खो दिया
अब कुछ नही बचा है यहाँ आज चलूं में उनके पास बसने
हो चली है इश्क की जलन इतनी तेज, के मेरा अस्तित्व भी अब कहीं दिखता नहीं #गाँव #शहर #छाँव #अपनोंकाप्यार #गाँव_की_यादें #शहरीजीवनशैली #योरकोटऔरमैं  #YourQuoteAndMine
Collaborating with अविनाश पाल 'शून्य'📙

अविनाश पाल 'शून्य'

अपनों से दूर हूँ पर उनके प्यार की सिर पर छाँव रखता हूँ,
माना बस गया हूँ शहर में पर दिल में अब भी गाँव रखता हूँ। #शून्य #गाँव #शहर #छाँव #अपनोंकाप्यार #गाँव_की_यादें #शहरीजीवनशैली #योरकोटऔरमैं

Supriya sinha

मिल जाए  कहीं  से  'खुशबू' गाँव  की  मेरे
काफ़ी अरसा हो गया 'सुकून' की साँस लिए ।

©Supriya sinha #खुशबू #गाँव_की_यादें #सुकून #सांस

भरत सिंह जोधाणा

મારું ગામડું याद बहुत आता हे गाँव,
बरगद दादा की वह छाँव।

ठंडी ठंडी हवा मचलती, आंगन मेरे वह आती।
मैदानो मे चरती गाये, इधर दौड़ती उधर दौड़ती।।

रोज सुबह चिड़िया का गुंजन, मीठी मीठी तान सुनाती।
ऐसी मीठी ध्वनि सुनकर, पुलकित हो जाता हे मन।।

चोगानो मे रोज खेलना, गिल्ली डंडे, कंचे आदि।
अवारों की तरह झगड़ना, लुफ्त का मौज उठाते थे।।

बेलो से वह खेती करना, तालाबों का वह सौंदर्य।
महिलाओ का पानी भरना, बड़ा ही मनमोहक गाँव।।

पगडंडी पर चलते चलते, पतली पतली गलियों मे।
थकते नही थे पाँव मेरे, ऐसा था वह मेरा गाँव।

याद बहुत आता हे गाँव,
बरगद दादा की वह छाँव।

©bharat singh mer #गाँव_की_छाँव #गाँव_की_यादें #गाँव_मेरा #गाँव_मेरा_मुझे_बहुत_याद_आता_है 

#village

Neelima singh

आज कितने भी महंगा सोफ़ा क्यूं ना बैठें,
दिल तो अब भी वो गांव के आम के झूलो में 
ही है।

©Neelima singh #गांव_की_गलियां #गाँव_की_छाँव #गाँव_की_यादें #गाँव_और_रास्ता

Gaurav's write

गाँव में उस नुक्कड़ पर
खाली है एक मिट्टी का मकां,
रोबे में रखा
बो दीपक जलाये कोई ।
मेरे मोहल्ले की गरियों का
रास्ता सूना हो गया है,
दूर से भागकर आये
'गौरव' आस-पास कह जाये कोई ।
सिमटी हुयी हैं कुछ यादें
गले में खराश बनकर,
तोड़कर टहनी हबा में
कठगुल्ले उडाये कोई ।
परिवरिशे करियर ने मोड़े हैं
बचपन के रास्ते,
बहुत मन है छत पर जाऊँ
पतंग उड़ाये फलक पर
पेंचे लड़ाये कोई ।

-Gaurav iit #खोयाबचपन #गाँव_की_यादें
#gaurav_iit 
#Nojoto 
#nojotophoto 
#nojotopoetry 
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#nojotoLove

Gaurav's write

गाँव में उस नुक्कड़ पर
खाली है एक मिट्टी का मकां,
रोबे में रखा
बो दीपक जलाये कोई ।
मेरे मोहल्ले की गरियों का
रास्ता सूना हो गया है,
दूर से भागकर आये
'गौरव' आस-पास कह जाये कोई ।
सिमटी हुयी हैं कुछ यादें
गले में खराश बनकर,
तोड़कर टहनी हबा में
कठगुल्ले उडाये कोई ।
परिबरिशे करियर ने मोड़े हैं
बचपन के रास्ते,
बहुत मन है छत पर जाऊँ
पतंग उड़ाये फलक पर
पेंचे लड़ाये कोई ।

-Gaurav iit #खोयाबचपन #गाँव_की_यादें
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