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Best “कर्म” Shayari, Status, Quotes, Stories

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Atul Sharma

📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“1/5/2022”*🖋️ ✍🏻 *“ रविवार”*📘 #“जीवन” #“परंपराएं” #Thoughts #“कर्म” #“सुखी” #“शुभ” #“चार #“मदद”

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📚 *“सुविचार"*📝 
🖊️*“1/5/2022”*🖋️
✍🏻*“ रविवार”*📘

“जीवन” में हम सभी “परम्पराओं” से बंधे हुए है 
और ये सोचते है कि “चार लोग” क्या कहेंगे?
और हम उन “परम्पराओं” को तोड़ना नहीं चाहते
मैं आपसे पूछता हूं कौन है ये चार लोग ?
जब आपका “जन्म” हुआ तो ये चार लोग कहाँ थे ?
जब आप किसी “विकट समस्या” में फंस जाते है
 तब ये चार लोग कहा थें ?
क्या इन्होंने आपकी कभी “मदद” की 
या फिर आप अपनी सहायता स्वयं करते है
इन चार लोगों की चिंता त्यागिए 
यदि आपको जीवन जीना है,
“चिंतन” किजिए कि जीवन में क्या “शुभ” है 
और क्या “शुभ” किया जा सकता है 
ये सोचिए कि आप जीवन में कौनसे “शुभ कार्य” कर सकते है और ये सोचिए कि आपने कोई ऐसा “कर्म”
 तो नहीं कर दिया जिसके कारण 
किसी के “दिल” को “ठेस” पहुँची हो,
“शुभ” पर अपना “ध्यान” केंद्रित किजिए 
आप सदैव “सुखी” रहेंगे,
*अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 
🖊️ *“1/5/2022”*🖋️
✍🏻 *“ रविवार”*📘

#“जीवन” 

#“परंपराएं”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*🎶 🎵 *“7/2/2022”*🎤 🖋️ *“सोमवार”* 🌼 *#“नाम”* *#“जन्म”* #Thoughts #LataMangeshkar #“कर्म” #“मृत्यु” #“स्वभाव #“शिष्टाचार

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*✍🏻“सुविचार"*🌷 
📓 *“7/2/2022”*📚
🖋️ *“सोमवार”* 🌼

*“नाम”...*
*आपका “वास्तविक नाम” 
वो नहीं जो आपको “जन्म” से मिला है,*
*क्योंकि “जन्म” से मिला नाम 
“मृत्यु” के साथ खत्म हो जाता है,*
*आपका “वास्तविक नाम” वो जो 
आपने अपने “कर्म” से कमाया है,*
*क्योंकि इस “कमाई” के पीछे 
अनन्त “प्रयास” छिपे हुए है,*
*यदि आप चाहते हो कि “लोग” 
आपको आपके नाम से “स्मरण” रखें*,
*तो आपको “कर्म” करने होंगे,
“शुभ कर्म” करने होंगे,अपने 
“स्वभाव” में “मधुरता” 
और “शिष्टाचार की भावना” 
लानी होगी और “विश्वास” किजिए 
आपके “अच्छे स्वभाव” और
 “अच्छे कर्म” के कारण लोग 
आपको “दिलों” में सदैव स्मरण रखेंगे,*
*अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*🎶
🎵 *“7/2/2022”*🎤
🖋️ *“सोमवार”* 🌼

*#“नाम”*

*#“जन्म”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“16/12/2021”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 *#“प्रतिदिन”* *#“अनेक लोगों”* #Thoughts #“मन #“कर्म” #“विचार” #“परिस्थितियां” #“स्वयं #“कुछ #“व्यतीत #“एकांत

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“16/12/2021”*📚
🖋️*“गुरुवार”* 🌟

हम “प्रतिदिन” अनेक “लोगों” से,
“विचारों” से,“कर्मों” से,
“परिस्थितियों” से “सुख दुःख” से घिरे ही रहते है,
“जीवन” के इस “चक्र” में 
“उलझने” बढ़ती ही जाती है,
जैसे ही हम इन “उलझनों को सुलझाते” है 
हम “स्वयं भी उलझ” जाते है,
देखिए “जीवन” में बहुत आवश्यक है 
कि “कुछ समय” आप स्वयं के लिए
 “व्यतीत” कीजिए “एकांत” में,
“गहराई” से अपने “अस्तित्व” में “झांक” कर देखिए,“स्वयं को समझिए” 
“अद्भुत शांति” की अनुभूति होगी,
अब जैसे ही ये “वायु” है,ये “वृक्ष” है,
ये “पुष्प” है ये सब “निसर्ग” है,
इसी की भांति आप भी कभी “एकांत” में आए,
कभी इन “निसर्ग” का “एक भाग” बनकर देखिए 
ये “मन” “प्रसन्न” अवश्य रहेगा...
*अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“16/12/2021”*📚
🖋️ *“गुरुवार”* 🌟

*#“प्रतिदिन”* 

*#“अनेक लोगों”*

Atul Sharma

*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“16/11/2021”*📝 ✨ *“मंगलवार”*🌟 *#“मनुष्य”* *#“समय पर नियंत्रण”* #“प्रयास” #“कर्म” #“सहायता” #“पूर्ण #“पुण्य” #“बदलाव

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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘*“16/11/2021”*📝
✨*“मंगलवार”*🌟

“मनुष्य” कभी कभी “समय पर नियंत्रण” 
पाने का “प्रयास” करता है,
कभी कभी “समय के महत्व” को समझ नहीं पाता,
सोचता है कि ये “कुछ पल” बीत जाए,
इन्हें मैं “व्यतीत” कर दूं तो क्या “अंतर” पड़ जाएगा,
आज का ये “पल” “भविष्य” के बड़े “बदलाव की नींव” है,आज का ये “पल” आपके 
“कल” को “निखार” सकता है,
तो इन छोटे छोटे “क्षणों” को अनदेखा न करे,
इनका पूरा “लाभ” उठाइए,अब यदि आप किसी की “सहायता”कर रहे है,किस कारण से रूके हुए है उचित है क्योकि आप किसी की “सहायता” करके उनके “जीवन” को और “अच्छा” बना रहे है,और “श्रेष्ठ” बना रहे है,
ये “पुण्य”,ये “कर्म” लौट कर आपके पास आएगा और आपके लिए “अच्छा” ही करेगा,किंतु यदि आप “आलस्य” में रूके हुए है कुछ नहीं कर रहे है,“समय को व्यर्थ” कर रहे है,तो इस से केवल एक ही बात होगी,
आपका “भविष्य संकट” में होगा और कुछ नहीं,
इसलिए ये आवश्यक है कि कब रूकना है 
और क्यों रुकना है ?
 यदि आपके “रूकने का कारण” और “समय” अनुचित है तो आपका “भविष्य” कभी भी “उचित” नहीं हो सकता,
इसलिए “समय का सम्मान” किजिए 
और उसका “पूर्ण उपयोग” किजिए...
 *“अतुल शर्मा”🖋️*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“16/11/2021”*📝
✨ *“मंगलवार”*🌟

*#“मनुष्य”*

*#“समय पर नियंत्रण”*

Atul Sharma

*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“28/10/2021”*📝 ✨ *“गुरुवार”*🌟 #“परिश्रम” #“ज्ञान” #“कर्म” #“सफलता” #“धर्म” #“धन” #“विवेक”

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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“28/10/2021”*📝
✨ *“गुरुवार”*🌟

महाभारत के समय में “पांडव” बड़े “कुशल” थे,
बड़े “शक्तिशाली” थे,
युधिष्ठिर ने अपने “परिश्रम” से कुछ इस प्रकार “ज्ञान” प्राप्त किया कि “संसार”
 उसे “धर्मराज युधिष्ठिर” कहने लगे,
देखा जाए तो पांडवों के पास सब कुछ है 
किंतु जब बात आए और “धन” पाने की,
तो “युधिष्ठिर” जो “पांडवों” में “श्रेष्ठ” थे,
शेष सभी पांडवों के साथ द्यूत(जुए) का ये खेल बैठे,
न केवल इसमें केवल “धन”,“विवेक” और “धर्म” हार गए,
बल्कि इसमें अपनी
 “ग्रहलक्ष्मी द्रौपदी” को भी हार गए,
कारण क्या है ?
“भूल” गए एक सरल सी बात कि इस संसार में “मान” और “सफलता”... “परिश्रम” और “कर्म” से पाए जाते है,
“द्यूत(जुए)” का ये खेल ये तो “भाग्य” पर ही चलता है,
अब संसार में दो मार्ग है संसार में एक “मार्ग” वो जहां “कर्म” और “परिश्रम” से आप अपना भाग्य स्वयं रचते है एक मार्ग वो जहां ये “भाग्य” एक क्षण में आपको “बना” सकता है या फिर आपको “मिटा” भी सकता है, 
आप कौनसा “मार्ग” चुनेंगे,
चयन आपका है,
*“अतुल शर्मा”🖋️📝*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“28/10/2021”*📝
✨ *“गुरुवार”*🌟

#“परिश्रम” 

#“ज्ञान”

Atul Sharma

*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“16/10/2021”*🖋️ 📘✨ *“शनिवार”*✨📙 #“जीवन” #“परंपराएं” #we #“कर्म” #“सुखी” #“शुभ” #“चार #“मदद” #congratulationscsk

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*📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“16/10/2021”*🖋️
📘✨*“शनिवार”*✨📙

“जीवन” में हम सभी “परम्पराओं” से बंधे हुए है 
और ये सोचते है कि “चार लोग” क्या कहेंगे?
और हम उन “परम्पराओं” को तोड़ना नहीं चाहते
मैं आपसे पूछता हूं कौन है ये चार लोग ?
जब आपका “जन्म” हुआ तो ये चार लोग कहाँ थे ?
जब आप किसी “विकट समस्या” में फंस जाते है 
तब ये चार लोग कहा थें ?
क्या इन्होंने आपकी कभी “मदद” की या फिर 
आप अपनी सहायता स्वयं करते है
इन चार लोगों की चिंता त्यागिए 
यदि आपको जीवन जीना है,
“चिंतन” किजिए कि जीवन में क्या “शुभ” है और क्या “शुभ” किया जा सकता है 
ये सोचिए कि आप जीवन में कौनसे “शुभ कार्य” कर सकते है और ये सोचिए कि आपने कोई ऐसा “कर्म” तो नहीं कर दिया जिसके कारण 
किसी के “दिल” को “ठेस” पहुँची हो,
“शुभ” पर अपना “ध्यान” केंद्रित किजिए 
आप सदैव “सुखी” रहेंगे,
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙*

©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“16/10/2021”*🖋️
📘✨ *“शनिवार”*✨📙

#“जीवन” 

#“परंपराएं”

Atul Sharma

*📝“सुविचार"*📚 ✍🏻 *“26/8/2021”*🖋️ 📘 *“गुरुवार”*🐄 #“दुग्ध” #“दही” #“कर्म” #“अस्तित्व” #“फल” #“माखन” #“घी” #“परीक्षा”

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*📝“सुविचार"*📚
✍🏻 *“26/8/2021”*🖋️ 
📘 *“गुरुवार”*🐄

एक “गाय/भैंस” जब “दुग्ध” देती है तो उसका एक “मूल्य” होता है,उस “दुग्ध” का आप यदि “दही” बना दो तो मूल्य थोड़ा बढ़ जाता है,“दही” का यदि “माखन” बना दो तो मूल्य थोड़ा और बढ़ जाता है,और “माखन” का यदि “घी” बना दो तो मूल्य और भी अधिक बढ़ जाता है,
अब कारण क्या है और ऐसा क्यो होता है ?
कारण है “परीक्षा”...
“दुग्ध” में जब “जावन” मिलाया जाता है तो उसमें “दही की खठास” आती है,“दुग्ध का अस्तित्व” बदलने लगता है,दुग्ध को अपने इस “अस्तित्व” को बदलने का “दुःख सहना” पड़ता है तब जाके वो “दही” बनता है,तब जाके उसका मूल्य भी बढ़ता है,इस “दही” को “मथने” की चोट सहनी पड़ती है,तब जाके ये दही से “माखन” बनता है,तब जाके मूल्य भी बढ़ता है,इस “माखन” को जब “आग” पर “तपाया” जाता है तब जाके इस “माखन” से “घी” बनता है 
और तब जाके इसका मूल्य और भी अधिक बढ़ जाता है,“मनुष्य” के साथ भी यहीं है “कर्म” करते जाइए 
“कर्म की परीक्षा” में “उत्तीर्ण” होते जाइए,
आपका “मूल्य” भी अवश्य बढ़ता जाएगा,
श्रीकृष्ण जी कहते है “कर्म” करते जाइए 
और “फल की चिंता” न करे...
_*अतुल शर्मा🖋️📝*_

©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚
✍🏻 *“26/8/2021”*🖋️ 
📘 *“गुरुवार”*🐄

#“दुग्ध” 

#“दही”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“17/7/2021”*📚 ✨ *“शनिवार”*🌟 #“संसार” #“सुखी व्यक्ति” #Quotes #“मन #“कर्म” #“सुख” #“संतुष्टि” #“धैर्य” #“धारण”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“17/7/2021”*📚
✨*“शनिवार”*🌟

आज आपसे एक बहुत “महत्वपूर्ण प्रश्न” पूछ रहा हूं कि इस “संसार” में सबसे “अधिक सुखी” कौन है ?
अब कोई कहेगा “धनी व्यक्ति” जिसके पास सबसे “अधिक धन” है,कोई कहेगा कि किसी “राज्य का राजा” 
क्योंकि वो “शासन” कर पाता है,
उसके “आदेश” के बिना कुछ भी नहीं होता आदि इत्यादि...
इसका “उत्तर” यदि मैं दूं तो मैं तो बस इतना ही कहुंगा कि इस “संसार” का “सबसे सुखी” व्यक्ति वो है जो “संतुष्ट” है,
उसके पास “संतुष्टि रूपी धन” है 
जो उसे “सुखी” रखता है,
अब ये “संतुष्टि” कैसे आती है इस “जीवन” में ?
ये आती है “धैर्य के साथ”,“धैर्य” ये अत्यंत शक्तिशाली है ये “धैर्य” ही है जो हमारी “धरती” को “धरती माता” बनाता है,क्योंकि ये धरती माता “धारण” करती है, “सहती” है,
“धैर्य” रखती है और अपना “कर्म” करती जाती है,
ये धैर्य ही था “सीता माता” में तभी “रावण का अन्त” हुआ,ये “धैर्य” ही था जब “नारायण” ने “कच्छप अवतार” गृहण किया, एक बड़े से “पर्वत” को अपने ऊपर “धारण” किया,और “समुद्र मंथन” संभव करवाया,तो “सर्वप्रथम” धैर्य को अपने “मन” में लाइए,यही “धैर्य” आपको 
“संतुष्टि” की ओर ले जाएगा,
और यहीं “संतुष्टि” आपको “लोभ”, “मोह”,“लालच” से “दूर” ले जाएगी केवल “सुख” की ओर...
और तब ये मन आनंदित रहेगा...
*“अतुल शर्मा 🖋️📝*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“17/7/2021”*📚
✨ *“शनिवार”*🌟

#“संसार”  

#“सुखी व्यक्ति”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“17/6/2021”*🌟 🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️ #“सूर्य” #“उदित”(उदय) #“कर्म” #“सुख” #“शरीर” #“समय #“अनुचित” #“आलस्य”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“17/6/2021”*🌟
🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️

सोचिए यदि “सूर्य” यह कहे कि कल “उदित”(उदय) नहीं होते कुछ दिनों पश्चात “उदित” होते है,
तब समस्त “पृथ्वी” का “नाश” हो जाएगा,
“आलस्य” “शरीर” के लिए “उचित” नहीं है, 
देखिए इस “आलस्य” पर एक बहुत अच्छी “कहावत” है 
“अलसस्य कुतो विद्या”
अर्थात जो “आलस” करता है 
उसे “विद्या” नहीं मिलती,“ज्ञान” नहीं मिलता,
अब जिसके पास “ज्ञान” नहीं वो “धन अर्जित” नहीं कर पाता,उसके “जीवन” में “सुख संसाधनों” का “अभाव” रहता है,“मित्रों का अभाव” रहता है,
जहां “सुख-संसाधन” नहीं,“मित्र” नहीं,“अपने लोग” नहीं,“ज्ञान” नहीं,वहां “आनंद” कैसे प्राप्त हो सकता है ? 
इसलिए कहते है कि जो “कर्म” करता है वो इस “संसार” का हर वो “सुख” प्राप्त कर सकता है,
इसलिए “कर्म” किजिए,“समय का सम्मान” किजिए और इस “आलस्य” पर “विजय” प्राप्त किजिए...
*🖊️“अतुल शर्मा🖋️📝✨*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“17/6/2021”*🌟
🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️

#“सूर्य” 

#“उदित”(उदय)

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“10/6/2021”*⭐ 🌳 *“गुरुवार”*🌴 #“कर्म” #“कर्मफल” #“संबंध” #“भूल” #“सत्कर्म” #“ईश्वर” #“क्षमा” #“फल”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
✨*“10/6/2021”*⭐
🌳 *“गुरुवार”*🌴

आपके “कर्म” और “कर्मफल” 
का एक “संबंध” होता है, 
आप जो भी “कर्म” करेंगे तो आपके “कर्म” आपके “कर्मफल” को पुकार लगाएंगे,
और आपका “कर्मफल” आपको कही न कही आपको ढूंढते ढूंढते आपके पास आ ही जाएंगे,
तो उचित तो यहीं होगा कि आप “सत्कर्म” करें,
भले ही “ईश्वर” एक बार आपको 
आपकी “भूल” के लिए “क्षमा” कर दे 
लेकिन आपके “कर्म” नहीं करेंगे,
तो यदि आप “दुष्कर्म” करने वाले है 
तो आप “संभल” जाइए,
अब यदि आप “शुभकर्म” करने वाले है
 तो आप “समझ” जाइए,
जो आपका “कर्म” होगा आपका “फल”(परिणाम) आपके पास अवश्य आएगा,
आज नहीं तो “कल”,“कल” नहीं तो कुछ और “समय” में किंतु आएगा अवश्य...
 *“अतुल शर्मा”🖋️🌳*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
✨*“10/6/2021”*⭐
🌳 *“गुरुवार”*🌴

#“कर्म”
 
#“कर्मफल”
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