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Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“14/5/2022”*📚 📘*“शनिवार”*💫 “जीवन” में सबसे “महत्वपूर्ण वस्तु” कौनसी है ? “घर”,“वाहन”,“स्वर्ण”,“धन”... यदि मैं आपको “सत्य” बताऊं तो “जीवन” में सबसे “महत्वपूर्ण वस्तु” कोई है ही नहीं, यदि कुछ “महत्वपूर्ण” है तो वो है “भाव”...जैसे “करूणा”,“मित्रता”,“मातृत्व”,“वात्सल्य”, और “अधिक महत्वपूर्ण” “प्रेम” अपने इस “जीवन” में यदि आप अपने इस समस्त “जीवन” को “वस्तुओं का खेल” बनाकर रख देंगे तो “जीवन” में “आनंद” नहीं रहेगा, अपने इस जीवन को “भावनाओं का घर” बनाइए, और महत्वपूर्ण बात यह भी है की “भावनाओं की कदर” भी कीजिए और एक दूसरे का “सम्मान” भी कीजिए, ये सदैव “प्रसन्न” एवं “आनंदित” रहेगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“14/5/2022”*📚 📘 *“शनिवार”*💫 #“जीवन” #“महत्वपूर्ण वस्तु”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“13/5/2022”*📚 📘*“शुक्रवार”*💫 देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”, हर एक “परिवार”,हर एक “सम्प्रदाय”, हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है, “परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है, इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” आपस में ही लड़ने लगे तो वो “लोग” राजा नहीं बनते अपितु कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है, “एकता का महत्व” समझिए, आज आकर बात आती है “प्रेम” की, क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों “एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है, “प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं, तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए, आपके “जीवन” में “आनंद” और “सुख” दोनों अवश्य होगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“13/5/2022”*📚 📘 *“शुक्रवार”*💫 #“परिवार” #“मतभेद”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“5/5/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 आप किसी नन्हें से “बालक” को देखिए वो क्या करता है, वो सबको “समान दृष्टि” से देखता है, उसके “मन” में न तो कोई “छल” है ना ही “कपट” है,न “अहंकार है और न ही किसी बात की “चिंता” है,सबको “समान दृष्टि” से देखता है और “स्वयं में ही प्रसन्न” रहता है, “सारे विकारों” से “मुक्त” यहीं तो सारे गुण है उस नन्हें बालक में जो “ईश्वर का स्वरूप” होते है,सोचिए हर एक “मनुष्य” इस “नन्हें बालक” की भांति ये “सारे गुण” अपने भीतर “जाग्रत” कर ले तो क्या होगा? वो भी “ईश्वर तुल्य” ही बन जाएगा तो आप भी ऐसा ही किजिए, इस “मन को मुक्त” किजिए इन “विकारों” से एक “नन्हें बालक” की भांति, “कोशिश” किजिए कि “मन” में कोई “चिंता”,“क्रोध”, किसी प्रकार का “छल कपट” इनको “समान दृष्टि” से देखिए आप “स्वयं में प्रसन्न” रहना सीख जाएंगे.. *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“5/5/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 #“नन्हा सा बालक” #ईश्वर का स्वरूप”
Atul Sharma
📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“15/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“शुक्रवार”*📙 “जीवन” में “हास्य” (मुस्कान) अत्यंत आवश्यक होती है कहते है जीवन में “हास्य”(हंसी) और “मुस्कान” “औषधि” का कार्य करती है, हमें “स्वस्थ” रखती है किंतु हर एक “औषधि” की भांति इसके साथ भी ऐसा ही है,हर “औषधि” उचित मात्रा में उचित प्रकार से ली जाती है, यदि ऐसा नहीं होता है तो यही “औषधि” हमें “नुकसान” पहुंचा सकती है, अब आप सोचेंगे कि “हास्य” से क्या “हानि” पहुंच सकती है ? यदि आप किसी और पर “हंसते” है या उसके दुःख में हंसते है तो उससे उसके “हृदय को ठेस” पहुंचती है, और यदि हम इसी “हास्य”(मुस्कान) में सबको साथ लाकर “हंसते” है तो “आनंद” और “प्रसन्नता” बढ़ती है, तो कैसे “हंसना” चाहेंगे आप ? “किसी और के ऊपर” या “सभी के साथ मिलकर” चयन आपका है *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“15/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“शुक्रवार”*📙 #“हास्य” (मुस्कान) #“औषधि”
Atul Sharma
📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“13/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“बुधवार”*📙 “धर्म” वो जो “मनुष्य” को अन्य “मनुष्य” के साथ,समस्त “सृष्टि” के साथ “आनंद” के साथ “जीना” सिखाता है, इसलिए तो कभी आप किसी “धार्मिक स्थान” पर जाते है,उस “धर्म के स्थान” पर जाने के पश्चात हमें “शांति” की “अनुभूति” होती है, अगर “व्यक्ति” को “धर्म” का “ज्ञान” हो तो इसका मतलब ये नहीं कि “व्यक्ति” “धर्म” के “मार्ग” पर चल ही पाएगा, इसलिए “जीवन” में दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण “गुण” है जो “इंसान” में होना चाहिए, वो है “धर्मवीर” होना, यदि आप “धर्मवीर” है,“धर्म के मार्ग” पर चलते है तो आपको “शांति”,“आनंद”,“प्रसन्नता” और “सफलता” अवश्य मिलेगी... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“13/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“बुधवार”*📙 #“धर्म” #“मनुष्य”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“27/2/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 “प्रेम” ... क्या है ये प्रेम ? “प्रेम” वो भाव है जो एक “सुगंधित पुष्प” की भांति आपके “जीवन” को,आपके “मन” को “आनंद” और “प्रसन्नता” से भर देगा,इसलिए यदि आप “प्रेम” समझना चाहते है तो “प्रेमी के भाव” को समझें,“प्रेम” को “जीना” चाहते है तो “भाव से प्रेम” को जीए, “स्मृतियों” से नहीं,“स्मृतियों” का क्या है ये आज है और आगे जाके शायद नहीं, “समय” के साथ ये “स्मृतियां” मिट जाती है किंतु ये “प्रेम का भाव” सदैव “मन” में रहता है और यही हमारे जीवन का एक “एहसास” भी होता है, ये जीवन प्रेम ही तो है, इतना छोटा सा “जीवन” “प्रेम” करने के लिए कम पड़ जाता है, “घृणा” करके “समय व्यर्थ” क्यो करना, मैं भी यहीं करता हूं आप भी यहीं किजिए, “प्रेम ”कीजिए और “प्रेम” सब में बांटिए, आपको भी “आनंद” और “प्रेम” अवश्य मिलेगा... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“27/2/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 #“प्रेम” #“सुगंधित पुष्प”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“21/2/2022”*📚 🖋️*“सोमवार”* 🌟 आप किसी नन्हें से “बालक” को देखिए वो क्या करता है, वो सबको “समान दृष्टि” से देखता है, उसके “मन” में न तो कोई “छल” है ना ही “कपट” है,न “अहंकार है और न ही किसी बात की “चिंता” है,सबको “समान दृष्टि” से देखता है और “स्वयं में ही प्रसन्न” रहता है, “सारे विकारों” से “मुक्त” यहीं तो सारे गुण है उस नन्हें बालक में जो “ईश्वर का स्वरूप” होते है, सोचिए हर एक “मनुष्य” इस “नन्हें बालक” की भांति ये “सारे गुण” अपने भीतर “जाग्रत” कर ले तो क्या होगा? वो भी “ईश्वर तुल्य” ही बन जाएगा तो आप भी ऐसा ही किजिए, इस “मन को मुक्त” किजिए इन “विकारों” से एक “नन्हें बालक” की भांति, “कोशिश” किजिए कि “मन” में कोई “चिंता”,“क्रोध”, किसी प्रकार का “छल कपट” इनको “समान दृष्टि” से देखिए आप “स्वयं में प्रसन्न” रहना सीख जाएंगे.. *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚 ✨ *21/2/2022*🖋️ 🖊️ *“सोमवार*📘 #“नन्हा सा बालक” #ईश्वर का स्वरूप”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🇮🇳 *“14/2/2022”*📚 ❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”, हर एक “परिवार”,हर एक “सम्प्रदाय”, हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है, “परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है, इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” आपस में ही लड़ने लगे तो वो “लोग” राजा नहीं बनते अपितु कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है, “एकता का महत्व” समझिए, आज आकर बात आती है “प्रेम” की, क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों “एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है, “प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं, तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए, आपके “जीवन” में “आनंद” और “सुख” दोनों अवश्य होगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🇮🇳 *“14/2/2022”*📚 ❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 *#“परिवार”* *#“मतभेद”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“11/2/2022”*📚 🖋️*“शुक्रवार”* 🌟 हम “आनंद” पाने के लिए “प्रेम” करते है, “माता-पिता” से,“भाई-बहन” से, “परिवार वालों से”,“प्रेमिका” से, हम चाहते है सब “अपने बनकर” रहे,हमारे “पास” रहें, किंतु “मनुष्य” की एक “प्रवृत्ति” है कि वो जो “प्राप्त” कर लेता है उसका “मूल्य” वो “समझ” नहीं पाता, यदि आपके “घर” के पास कोई “मीठा सरोवर” है या कोई “सुंदर सी नदी” है, आपको “जल का महत्व” क्या है ? यह आपको “ज्ञात” नहीं होगा आप वहीं “रेतीले मरूस्थल” में चले जाइए आपको “अनुभव” होगा कि एक “एक बूंद” का “महत्व” क्या है और उसका “मूल्य” क्या है ? “सुख के क्षणों” में अपनों को “स्मरण” करोगे तो “दुःख के क्षण” अपने आप “दूर” चले जाएंगे, “प्रेम करना” और “साथ” में “स्मरण करना” यहीं तो “जीवन” और “प्रेम का वास्तविक” मूल्य है, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“11/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 #“आनंद” #“प्रेम”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“26/12/2021”*📚 🖋️ *“रविवार”*🌟 देखिए यदि इस “जीवन” में आप अपनी “भाषा को शुद्ध” रखोगे, तो यह आपके “चरित्र” को भी “शुद्ध” रखेगी, ये आपकी “एकाग्रता” को बढ़ा देती है, हर एक “शब्द की ध्वनि” का “रस” लेते हुए, यदि आप “शब्दों का उच्चारण” करोगे, “भाषाओं का उच्चारण” करोगे, तो आपको भी “आनंद” आएगा और “सुनने” वाले “व्यक्ति के कानों” में “मधु” सी बहती है, स्मरण रखिए जो “व्यक्ति”“भाषा” की “पवित्रता” का “सम्मान” करता है, “संसार” भी उसका “सम्मान” करता है, “भाषा को शुद्ध” और “पवित्र” रखिए, “भाषा” आपके “चरित्र को शुद्ध” और “पवित्र” भी अवश्य रखेगी, और ये “मन” सदैव “प्रसन्न” रहेगा... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“26/12/2021”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“भाषा को शुद्ध”*