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अदनासा-
विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार 💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/Czvs90uSehw/?igshid=ODhhZWM5NmIwOQ== #हिंदी #बचपन #सलून #खिझना #मनभावन #Irritation #Pinterest #Instagram #Facebook #अदनासा भाई ने तो सारे जज़्बात निकाल के रख दिया, यार जब मैं छोटा था ना तो मेरे बाल काटने के लिए, एक रूस्तम चाचा आते थे, सफेद पायजामा और सफेद शर्ट पहने, उनको देखकर कर ऐसा लगता था, जैसे वे मम्मी को आकर कहने ही वाले हैं कि, "बहनजी संदीप के बाल काट दूं" सच में जब मैं बड़ा हुआ तो मेरे मन में उनके लिए और इज़्ज़त बढ़ ग #ज़िन्दगी
read moreRadheshyam
देंगे वो दर्शन अपने पावन, धन्य हो जीवन, धन्य मन भावन प्रेम की भक्ति स्वीकारेंगे, अपने मन की हमको कहेंगे, जीवन विश्वास हैं, मिलन की आस हैं कभी तो आएंगे नारायण भी, मेरे भगवन भी ©दिव्यांशी त्रिगुणा "राधिका" #ishq #NojotoHindi #मनभावन
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read moreVandana
एक खुला आसमां पूरा कैप्शन में एक अपना आसमां,, एक अपना आँगन,,, फूलों की क्यारी और कुछ लताएं जैसे पहरा दे रही हो घर द्वार पर,,, कई तरह की सब्जियां पंक्तियों में आंगन के कोने में मुस्कुरा रही हो,,,
एक अपना आसमां,, एक अपना आँगन,,, फूलों की क्यारी और कुछ लताएं जैसे पहरा दे रही हो घर द्वार पर,,, कई तरह की सब्जियां पंक्तियों में आंगन के कोने में मुस्कुरा रही हो,,, #मनभावन #धरतीआकाश #saveplanetearth #प्यारी_सी_दुनिया
read moreJay Krishan Kumar
सुनहरी धूप और पीपल की छाँव , मनभावन लगता है बहुत अपना प्यारा गांव । अल्हड़ बलखाती मद्धम पवन , छू जाती है नाजुकता इसकी अन्तर्मन । ये हर ओर पक्षियों का कलरव , गाय भेड़ बकरियों के गले की घंटियों की रूनझुन । सुनहरी धूप और पीपल की छाँव , मनभावन लगता है बहुत अपना प्यारा गांव । सूख चुकी मगर अपनी उपस्थिति दर्ज करता , वह कुंआ आज भी हमें लुभाता है । वो मिट्टी की पगडंडियाँ आज भी मुस्काती हैं , हमें आगे बढ़ने की राह दिखाती है । सुनहरी धूप और पीपल की छाँव , मनभावन लगता है बहुत अपना प्यारा गांव । शहरों की भागमभाग से परे , सुकूं का अहसास कराता है । कम संसाधनों में भी हंसकर जीना सिखाता है । यह सरल सा जीवन यहां , सरलता की पाठ हमें सिखाता है । सुनहरी धूप और पीपल की छाँव , मनभावन लगता है बहुत अपना प्यारा गांव । स्वछंद विचरती तितलियाँ और भौरों की भन्नाहट , वायु की निर्मलता दिखलाती है । ये हरे पेड़ और सर्वत्र बिखरी बिखरी हरियाली , आंखों को बड़ा लुभाती है । सुनहरी धूप और पीपल की छाँव , मनभावन लगता है बहुत अपना प्यारा गांव । हालांकि कुछ तो अवश्य बदले हैं हालात , बदल गए हैं थोड़े यहां के भी जज्बात । पर अब भी बहुत कुछ बांकी है , हाँ थोड़ा कम ही सही पर अब भी गांव हमारा बांकी , चबूतरो पर बरगद और पीपल की छाँव अब भी बांकी है । अब भी लोग होते हैं शरीक बिन बुलाए ही खुशी और गम में , एक - दूसरे के लिए ये मानवीय अहसास अभी बांकी है । सुनहरी धूप और पीपल की छाँव , मनभावन लगता है बहुत अपना प्यारा गांव ॥ #ManbhawanHaiBahutPyaraGaonApna
#ManbhawanHaiBahutPyaraGaonApna
read moreShailendra Singh Yadav
सावन आया। मनभावन आया। मिलकर सब झूला झूलें। नील गगन को छू लें। पींगे खूब बढ़ाएं । आकाश को चूम आएं। कल फिर न आएगा मनभावन सावन। अतीत की यादों में खो जाएंगे दिल को बहुत रूलााएगा बीता सुन्दर सावन। कविः-शैलेन्द्र सिंह यादव #gif शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता मनभावन सावन।
शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता मनभावन सावन। #Gif
read moreShiwalika_SSS
#OpenPoetry “ रक्षाबंधन” स्नेह ,प्रेम,सौहार्द का तर्पण,अखंडित विश्वास का दर्पण, कच्चे धागों का पक्का संगम,ऐसा मनभावन ये रक्षाबंधन।। कृष्ण- द्रौपदी के पवित्र बंधन के किस्से अपार सुने हैं, नारायण और गिरिजा भी तो इसी बंधन में बंधे हैं, जब संकट पड़ा द्रौपदी पर और कोई न रक्षा को आया, तब मीलों दूर से केशव ने ही भ्राता का फर्ज निभाया। नहीं कोई पराकाष्ठा जिसकी,जीवन भर का ऐसा है वचन, ऐसा मनभावन ये रक्षाबंधन..।। ये बंधन ही है जिसने इतिहास में दो धर्मों को जोड़ा था, बुलावे पर कर्णावती के, हुमायूँ रण से दौड़ा था, जब पोरस को रोक्साना ने,भ्राता कह धागा बाँध दिया, तब सिकंदर को परास्त कर भी,पुरुश्रेष्ठ ने जीवनदान दिया। भीषण शत्रुता के मध्य भी जो, प्रेम जगा दे अनुपम, ऐसा मनभावन ये रक्षाबन्धन..।। read full in the caption.... है कथा अनोखी करुणामयी माँ संतोषी के प्रकटोत्सव की, ये बात है श्री गणेश और माँ मनसा के राखी उत्सव की, देख भाई-बहन का प्रेम ,शुभ-लाभ का मन भी ललचाया, तब कृपा हुई श्री गणेश की और संतोषी को भगिनी पाया। खिला जगत संसार मे तब, संतोष क्षमा का उपवन, ऐसा मनभावन ये रक्षाबंधन..।।
है कथा अनोखी करुणामयी माँ संतोषी के प्रकटोत्सव की, ये बात है श्री गणेश और माँ मनसा के राखी उत्सव की, देख भाई-बहन का प्रेम ,शुभ-लाभ का मन भी ललचाया, तब कृपा हुई श्री गणेश की और संतोषी को भगिनी पाया। खिला जगत संसार मे तब, संतोष क्षमा का उपवन, ऐसा मनभावन ये रक्षाबंधन..।। #कविता #hindipoetry #Rakhi #nozotohindi #rakshabandhan #NozotoNews #poetrycompetition #OpenPoetry #upcomingfestival #openpoetrycompetition
read moreGeet
तपती भू राह देखे , मनभावन सावन की कंपती रुह राह देखे ,मनभावन साजन की #TeriMeriKahani #सावन
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