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Ekta Gour
बचपन छुटा, बड़े हुये आज हम खुद के पैरो पर खड़े हुई, #बचपन #छुटा #yqdidi
Ravikant Mishra
#रिश्ता कभी #खतम नही होता बातो से #छुटा तो #आंखों में #रह जाता है ---- और #आंखों से छुटा तो #यादों में रह जाता है🌹 💕 🦋 🌹 🦋 💕 #shayri
Ravikant Mishra✨
#रिश्ता कभी #खतम नही होता बातो से #छुटा तो #आंखों में #रह जाता है ---- और #आंखों से छुटा तो #यादों में रह जाता है🌹 💕 🦋 🌹 🦋 💕 #shayri
Indal Kumar
कोई भी रिश्ता कभी खत्म नहीं होता , बातो से छुटा तो आंखों मैं रह जाता है , ओर आंखों से छुटा तो यादो मैं रह जाता है 😊😔
ROHITPRATAPSINNGH
अपने शहर गए अरसा बीत चुका है, एक ठंड सी सांस में आज भी वो दर्द छुपा है, कुछ बेवक़्त सी बात लगती है, थोड़ा अलग-थलग सा सबसे रखती है, इतनी दूर आ गया हूँ, खुद से भी बात नही करता हूँ, हाँ जब बारिश होती है तो सबसे छुप कर कागज़ की एक नाव बना लेता हुँ, पर सुर्ख पड़े अपनत्व पर कुछ घाव और बढ़ जाते हैं, मुझे मिलना है खुद से एक दिन यह पुकार दोहराते हैं, अब इस दौड़ में थोड़ी देर कहीं रुक जाता हूँ, फिर इस सड़क पे अनगिनत रौशनियों का हिस्सा बन जाता हूँ। #छुटा शहर
राघव_रमण (R.J)..
जीवन पथ पर चलते चलते निकल गये है दुर बहुत पीछे मुड़कर जब देखा तो सब छुट गया मुझसे अब तो स्नेह भरा सागर छुटा मां की ममता की छुटी गगरी बहन के धागे का नेह कहीं तो छुट गई अपनी नगरी पिता का आत्मबल छुटा भाई की छुटी मजबुती मित्रों का हौंसला छुटा तो छुट गई अपनी ही तुती समाज का बंधन छुटा परिवार की छुटी अनुभुति अपनी मिट्टी का रंग छुटा तो छुटी अपनों की आजादी अब क्या खोजुं और क्या पाऊं कुछ भी संभव नहीं जमाने मे दुर बहुत मैं निकल गया अब क्या होगा पछताने में।।
Naman Advik
गाँव छुटा, कस्बा छुटा और छुट गए मेरे यार कुछ अच्छा पाने के चाहत में, छुट गया जो अच्छा था.... यार #nijoto
MD Verma
#OpenPoetry """ रिश्ता """ कोई भी रिश्ता कभी भी खत्म नहीं होता बातों से छुटा तो , आंखों में रह जाता है आंखों से छुटा तो , यादों में रह जाता है it's true lines my friends "" Madhav Verma "" रिश्ता ,,,, it's true lines my friends 👍👍👍👍
Manish Nagar
जगह जगह पर लुट लुटकर, बिखरा बिखरा कतरा कतरा, संभालु भी कहां कहां सें हर हिस्से सें टुटा हुं, थोड़ा थोड़ा चलते चलते पीछे गया छुटा हुं, मार दिल की ईश्क खेल में, झेल झेलकर खेल खेलकर, ईश्कवालों की बस्ती में हारा गया घसीटा हुं, थोड़ा थोड़ा चलते चलते पीछे गया छुटा हुं, पीछे गया छुटा हुं,