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Sweta
मेरी यादों का मौसम सुहाना हुआ जबसे मिरी जिस्त में तेरा आना हुआ अब ना दर्द ना वो फैली तन्हाई हैं मोहब्बत में जबसे दिल दिवाना हुआ लो तय हो चुका तूँ हमसफ़र हैं मिरा तेरी ही गलियों में ये दिल आवारा हुआ होगें अब शहरों में कई लोग अच्छे तुम्हारे अलावा ना कोई मिरा अपना हुआ हम से रूठा-रूठा था खुशियों का जमाना Queen के गमों का मौसम सुहाना हुआ ।। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1055 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Nitesh Prajapati
यादों का मौसम, धीरे धीरे छा रहा है मुझ पर, और ना चाह कर भी खुद को, धकेल रहा हूंँ मैं तन्हाइयों के मंज़र में। कितने सुहाने वह दिन थे जब, हमारे रिश्ते भी प्यार से महकते थे, खोए रहते थे हम शाम के वक़्त, इस नायाब प्रकृति के संग। वक़्त बदला, मौसम बदला, वो भी अपने वादे से बदली, बसंत गई हमारी ज़िंदगी में से, और पतझड़ का मौसम छाया। काली तन्हाइयों का साया छाया, जो अपने थे वह भी हमारे खिलाफ हुए, ना रहा अब कोई किरदार हमारा, रहा अब तो मैं और मेरी तन्हाइयां। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1055 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Dr Upama Singh
यादों का मौसम तेरा सदाबहार रहता है दिल के ज़मीं में हरा भरा रहता है तेरे यादों की खुशबू इन हवाओं में है उनकी महक चारों दिशाओं में है हर तरफ़ प्यार की ख़ूबसूरत फिज़ायें हैं उनका इंतज़ार बसा मेरी निगाहों में है ऐसा ना हो दूरियाँ दर्द बन जायें ऐसा ना हो हम जी ही ना पायें ढ़ूँढ़ने पर फ़िर इस मर्ज का दवा ना मिले मौसम–ए–इश्क़ में बरसती रहती हैं आँखें तेरे यादों के मौसम के सहारे आज़कल जी रहे हैं बिन तेरे ना जाने कितने मौसम मेरे गुज़रे हैं यादों के खराब मौसम में दो बूंद आँसू गिर पड़े बिन तेरे हर अच्छे बुरे यादों के मौसम में जीना सीख गए ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1055 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Shashwati Haldar
यादों के बदल, बरस गए, और बरस के खत्म हो गए, अब न यादें आती हैं, और न यादों का मौसम,,, ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1055 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Tarot Card Reader Neha Mathur
तेरे आने से अब यादों का ये मौसम सुहाना है फ़िज़ा में अब असर तेरा लबालब आशिक़ाना है खिले गुल अब जो अरसों बाद आया है तू गुलशन में तेरी ख़ुशबू से अब आबाद मेरा आशियाना है कफ़स में खिंजाँ का ही तो आना और जाना था जो लौटे ज़िंदगी में तुम,हसीं मौजूँ तराना है सुख़न पर तेरी रंगीन ख़्वाहिश उभरती जब तो लगता है कि दुल्हन का कोई जोड़ा शहाना है। ग़ज़ब ढा रहे हो तुम सनम अब रूह पे 'नेहा' के निगाहों से किया घायल मेरा दिल निशाना है। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1055 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Shashwati Haldar
यादों के बदल, बरस गए, और बरस के खत्म हो गए, अब न यादें आती हैं, और न यादों का मौसम,,, ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1055 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
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हे श्याम तुम क्या जानों विरह की वेदना जो तन लागे वो मन जाने तुम क्या जानों पीर पराई..?क्षण क्षण मुझे सताये कितना तुम क्या जानों व्यथा मेरी हे श्याम..? तुमको तो अपनी बंसी ही प्यारी मेरी स्मरणता तो तुमको होती नहीं, काश हो एक जन्म ऐसा भी कि तुम बनों राधा मैं बनूँ श्याम तब तुम समझों मेरे मन की व्याकुलता, नीर बहे नयनों से मेरे कितने तुमको मैं क्या अनुभूति कराऊँ..?रात दिन मैं श्याम-श्याम दोहराऊँ,तुमको होता न स्मरण मेरा कभी, वो अर्ध चन्द्र सी घटती बढ़ती स्मरणता तुम्हारी सारांश में तुमको कैसे समझाऊँ मैं..? मन ये चाहे पँछी बन तुम तक ये संदेशा पहुँचा कर तुमको ये अनुभूति कराऊँ मगर तुमको न एक क्षण भी न होता स्मरण मेरा, तुमको अपने मन की पीड़ा कैसे दिखाऊँ मैं हे श्याम..? ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1055 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
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