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*Nee₹
#ImShockedTodaySomebodyFoundPositiveFromCovid-19 NearMeDespiteTakingPrecautionsByThem #YoLeWriMo आज फिर से इस बात का ‘आभास’ हो गया कि ‘पृथ्वी गोल’ है, चाहे जिस भी बिंदु से प्रारंभ करें, वहीं आकर ठहरने को ‘विवश’ हो जाते हैं, ‘मानव’ को अपनी सीमाओं का ‘भान’ होना चाहिए, यदि वह अपनी ‘सीमाएँ’ लांघेगा तो ‘प्रकृति’ भी उसके किसी भी ‘बंधन’ में ‘जकड़-कर’ नहीं रहेगी । अब तक ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ‘मानव’ ने स्वयं के चारों ओर सुरक्षा ‘घेरा’ निर्मित कर लिया है किंतु ऐसा नहीं है ‘मानव’ को अपनी ‘सोच’ पर घेरा डालना होगा जो ‘प्राकृतिक’ ‘संसाधनों’ के ‘अति’ ‘दोहन’ करने की मंशा से ‘प्रकृति’ को अपने ‘अधीन’ घेरने की चेष्टा करता आया है । चाहे कितनी भी दूरी बनाएं हम, किंतु जब तक निरंतर ऐसी ‘भूल’ करने से ‘दूरी’ न बना लें तब तक हम यूं ही कहीं न कहीं सदैव उन्हीं भूलों से वापस टकराते ही रहेंगे, उस समय बहुत ‘देर’ हो चुकी होगी और ‘मानव’ प्रजाति की ओर से हुईं वे ‘भूल’ ऐसे विराट ‘अपराध’ का रूप ले चुकी होंगी जिसकी ‘क्षमा-याचना’ भी ‘प्रकृति’ को कभी मान्य न होगी ।। #Covid19 #covid19india #nature #humanbeing #yourquotehindi #yourquotebaba ImShockedTodaySomebodyFoundPositiveFromCovid-19NearMeDespiteTakingPrecautionsByThem #YoLeWriMo आज फिर से इस बात का ‘आभास’ हो गया कि ‘पृथ्वी गोल’ है, चाहे जिस भी बिंदु से प्रारंभ करें, वहीं आकर ठहरने को ‘विवश’ हो जाते हैं, ‘मानव’ को अपनी सीमाओं का ‘भान’ होना चाहिए, यदि वह अपनी ‘सीमाएँ’ लांघेगा तो ‘प्रकृति’ भी उसके किसी भी ‘बंधन’ में ‘जकड़-कर’ नहीं रहेगी । अब तक ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ‘मानव’ ने स्वयं के चारों ओर सुर
#covid19 #COVID19india #Nature #humanbeing #yourquotehindi #yourquotebaba ImShockedTodaySomebodyFoundPositiveFromCovid-19NearMeDespiteTakingPrecautionsByThem #yolewrimo आज फिर से इस बात का ‘आभास’ हो गया कि ‘पृथ्वी गोल’ है, चाहे जिस भी बिंदु से प्रारंभ करें, वहीं आकर ठहरने को ‘विवश’ हो जाते हैं, ‘मानव’ को अपनी सीमाओं का ‘भान’ होना चाहिए, यदि वह अपनी ‘सीमाएँ’ लांघेगा तो ‘प्रकृति’ भी उसके किसी भी ‘बंधन’ में ‘जकड़-कर’ नहीं रहेगी । अब तक ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ‘मानव’ ने स्वयं के चारों ओर सुर
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