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vasundhara pandey
कहानी मैं वैलेन्टाइन नीं मनाती भाग ३ Part-3 कहानी- मैं वेलेंटाइन नहीं मनाती राहुल बाबा पर कोई पोस्ट हो और वो रुक जाये ऐसा हो ही नहीं सकता था आखिर आलू से सोना बनाने की खोज करते ही पहली बार उसीने तो नामकरण किया था "वैज्ञानिक महोदय" फिर यहाँ तो बात उसके मोदी जी की थी हाहाहा... इधर से धकधकाता हुआ तोप के गोले सा कमेंट गया "आइ थिंक यू आर कम्पलीटली रांग हियर" जब किसी से लङना होता तो अंग्रेजी ही निकलती थी उसके मुंह से, क्योंकि हिंदी में तो बस मक्खन लपेट के बेज्जती करती थी सबकी... उधर से जवाब आया-"तनिक प्रकाश डालिये कैसे"
Amitesh Mishra
इस बात का ऐब। त उम्र कायम रहेगा। मुझमे कि आजतक कोई ट्रेंड फॉलो नही किया। #yqdidi #yqhindi #yqstoryteller
مومن
Read the story in caption Mereh hamdard, Tum mereh mohabbat ho, jisko mei sub se afzal samja, aur tum ho b mereh liye azeem. Tum mereh zindagi ka voh hissa ho, jis se mera wajood juda hai. Tum mereh mohabbat k kitab ka pehla haraf hu, tum mereh voh pehle mohabbat jise mei har waqt aapne naseeb mei mangte hu, tum voh mohabbat ho,jise dil ne na bhola, na he mukddar ne apnaya. Babut anmol hote hai, pehle mohabbat,
مومن
Read the story in caption Story:Naaz tum itne batein kyu karte ho.. Note:just imaginary story.. voh kehta tha, naaz tum itne batein kyou karte hu,? mei toh kuch batein sunta b nahi...,😔 naaz ne kaha..😘 "hmm...,
Devang shukla
...................... और मुझे पता है वक्त ज्यादा लगेगा पर जिसका मै हर दिन इंतज़ार करता हूं, वो एक दिन जरूर हमेशा के लिए मुझे मिल जाएंगी। ❤️ Story of beautiful evening with pure heart girl. वो शाम अकसर याद आती रहती है मुझे। बहुत खूबसूरत शाम थी वो। पूरा दिन मज़े किए दोस्तो के साथ और शाम को वादा था अपनी सबसे अच्छी दोस्त से मिलने का। तारीख तो नहीं याद है, पर हा वो दिन मेरे लिए सबसे खास था , और ये भी कह सकते है सबसे बकवास था। एक तरफ खुशी थी मुझे अपने जन्मदिन की और बहुत दिन बाद उससे मिलने की, और दूसरी तरफ दुख था उसका मेरे शहर से जाने की। पूरा दिन दोस्तो के साथ घूम इसलिए सारे रुपए खत्म हो गए थे। बस ये कहो कि वापिस आने का किराया भी कम पड़ रहा था। तो सबने सोचा वापिस हम ट्रेन से घर जाएंगे। पर मुझे तो अपनी दोस्त से मिलने की जल्दी थी। क्यों की दूसरे दिन उसे अपने घर निकलना था हमेशा के लिए। और अगर मै आज वक्त से अपने घर ना पहुंचता तो शायद उससे मिल भी ना पाता। और मौसम भी कुछ कुछ खराब हो रहा था। पर किसी के पास ज्यादा रुपए नही बचे थे। मै भी थोड़ा परेशान था। क्यों मेरे पास भी ज्यादा रुपए नहीं थे , और अगर मै बस से सारे दोस्तो के साथ वापिस आता , तो मेरे पास एक भी रुपए ना बचते। और ये रुपए मैंने अपनी दोस्त से मिलने के लिए बचा कर रखे थे। पर अगर मै वो रुपए ना खर्च करता तो मै वक्त पर अपने घर नहीं पहुंच पाता। फिर मुझे लगा अगर मैंने ये रुपए बचा भी लिए और उससे ना मिल पाया तो क्या फायदा इन रुपयों का। इसलिए मैंने फैसला लिया कि हम सब बस से अपने घर जाएंगे। हम सबने बस का टिकट लिया और बैठ गए। बस चल पड़ी , मुझे बहुत टेंशन हो रही थी कि उससे मिल पाऊंगा या नहीं। इसी सोच में मै डूबा , सड़क के किनारे लगे पेड़ और जाती हुई गाड़ी को देखते हुए उसको याद कर रहा था। तब तक हमारी बस बीच रास्ते में खराब हो जाती है। जब की मुश्किल से ही कभी ऐसा होता है कि बीच रास्ते में रोडवेज खराब हो जाए। कंडक्टर ने सबको नीचे उतरने को बोला। मै नीचे उतरा, और मन ही मन सोचने लगा मेरी किस्मत ही नहीं चाहती मै उससे मिल पाऊं। और मेरे दोस्त भी मुझ पर गुस्सा कर रहे थे क्योंकि मै उन्हे ये बोलकर जल्दी वापिस ले आया था, कि मुझे अपनी दोस्त से मिलना है, और कल वो चली जाएगी इसलिए आज मिलना बहुत जरूरी है। मै चुप चाप खड़ा सबकी बातें सुन रहा था और उसके बारे के सोच रहा था। तब तक कंडक्टर ने दूसरी बस को रोका और हम सबको दूसरी बस में बैठने को बोला। हम सब दूसरी बस में बैठे। और इन सबमें मै पूरा 1 घंटा लेट हो गया था। और ये बस बहुत धीमी धीमी चल रही थी। मैंने मन ही मन सोच लिया था कि अब मै उससे नहीं मिल पाऊंगा। क्यों की अगर मै देर से घर पहुंचता तो उसके घर वाले उस बाहर मिलने की परमिशन ना देते। खैर ये सब सोचते सोचते हम उन्नाव पहुंच गए। तब मुझे फिर उम्मीद दिखी की अभी भी कोशिश की जाए तो मै उससे मिल सकता हूं। पर मिलना कहां है , क्यों की मेरी जेब रुपए के नाम पर एक रुपया भी नहीं था। और उसे सड़क पर बुलाकर तो मिल नहीं सकता था। खैर अगर मै उससे सड़क पर भी मिलता ,तो वो उसे बिल्कुल बुरा ना लगता। पर हा मुझे जरूर लगता। ये सब सोचते हुए मैंने सारे दोस्तो से रुपए के लिए पूछा , तो सबने मना कर दिया कि नहीं अब तो किसी के पास रुपए नहीं है। मैंने कहा ठीक है घर जाते है सब लोग। और सब चले गए। पर मेरा उसमे से मेरा एक सबसे अच्छा दोस्त था , वो हमेशा मेरी मदद करता था। और मुझे उम्मीद थी इस बार भी वो मेरी मदद करेगा। सारे दोस्त जा चुके थे, बस वो और मै घर के रास्ते पर सड़क के किनारे चल रहा था। मैंने अपने दोस्त से पूछा, भाई आज मै उससे नहीं मिल पाऊंगा क्या ? और वो कल अपने घर भी हमेशा के लिए जा रही है। तो वो मुझसे थोड़ा सा हंसते हुए बोला , अबे तेरा भाई अभी जिंदा है। मैंने हंसते हुए कहां पर तेरे पास रुपए कहां है? उसने कहा तुम अपनी दोस्त को फोन करो और मिलने को बोलो, मै अभी घर जाकर रुपए लेकर आता हूं। मै भी अपने घर आ गया। और वो भी अपने घर चला गया। मै थोड़ा तैयार हुआ , और अपनी दोस्त के पास फोन किया कि मुझे उससे मिलना है , वो आधे घंटे में मुझे बाहर मिले। क्योंकि अभी मुझे भी नहीं पता था कि मिलना कहां है , और रुपए मिलेंगे भी या नहीं। पर मैंने रिस्क लेके उससे मिलने का वादा कर दिया। अब मै और परेशान था। मै तैयार होके घर से अपने दोस्त के घर को निकला जिससे मुझे रुपए लेने थे। मै उसके घर पहुंच कर उसको आवाज़ लगाई , वो बाहर निकला।मैंने उससे पूछा क्या हुए भाई रुपए मिले। उसने हंसते हुए बोला हा बे। तब मुझे थोड़ी खुशी हुई। मैंने उससे भी कहा को वो भी मेरे साथ चले। उसने कहा मै क्या करूंगा, मै अकेला जाऊं मिलने। पर मेरे जिद करने पर वो चलने को तैयार हो गया। हम रास्ते पर थे पर पता नहीं था जाना कहा है। इसी बीच मेरे दोस्त ने मुझसे पूछा , तुमने अपनी दोस्त को मिलने कहां बुलाया है। मैंने कहां अभी सिर्फ मैंने उससे मिलने को बोला है, पर ये नहीं बोला कहां मिलना है। मैंने अपने दोस्त से कहा कि वो बताए कहां बुलाए उसको।।तो उसने पास के ही एक रेस्टोरेंट में बुलाने को कहा। मैंने फिर अपनी दोस्त को फोन लगाया ,जो अभी अपने घर पर ही थी। मैंने उसे रेस्टोरेंट का पता बताया और कहा कि मै वही पर हूं वो जल्दी आ जाए। उसने ठीक है करके फोन काट दिया। मै वही परेशान सा अपने दोस्त के साथ बाहर खड़ा उसका इंतज़ार कर रहा था। और परेशान था कि अब वो चली जाएगी। इसी बीच वो आ जाती है। फिर हम तीनों अंदर जाते है। मै बहुत खुश था, और दुखी भी क्यों की मै लगभग एक महीने के बाद उससे मिल रहा था। और दुखी इस बात पर था कि ना जाने अब कब मिलूंगा, या नहीं भी मिलूंगा। यही सब सोचते हुए मैंने अपनी दोस्त से पूछा क्या खाना है। पर वो कुछ नहीं बोली। फिर मैंने मीनू कार्ड अपने दोस्त की तरफ करते हुए , ऑर्डर देने को कहा। सच में मेरा उस शाम किसी चीज में मन नहीं लग रहा था। मै चुप चाप अपनी दोस्त के हाथ पकड़े सर झुकाए बैठा था, मैंने वहां पर कुछ खाया भी नहीं। बस सिर झुकाए , हाथ पकड़े काफी देर तक बैठा रहा। अब काफी देर हो चुकी थी। और मेरा दोस्त कुछ देर पहले ही जा चुका था। और मेरी दोस्त के घर से भी फोन आ गया था कि जल्दी घर वापिस आ जाए। तो हम दोनों वहां से वापिस घर को निकल पड़ते है। मेरी दोस्त ने मुझे वहां पर बर्थडे गिफ्ट भी दिया। सच में वो गिफ्ट मेरे लिए अब तक का सबसे कीमती और खूबसूरत तोहफा है। हम दोनों रास्ते में थे।अंधेरा हो चुका था। सामने से आती हुई गाड़ियों की रोशनी आंखो में लग रही थी। हम दोनों बहुत उदास थे उस दिन। दोनों लोग वादे कर रहे थे, हमेशा साथ रहेंगे, कभी भी गलतफहमी नहीं आने देंगे। उसने मुझसे कहा वो सिर्फ शहर से दूर जा रही है, पर वो हमेशा मेरे साथ है। और वो बहुत जल्द ही फिर मुझसे मिलेगी। मै भी उससे वादे ले रहा था, कि वो अपना ध्यान रखेगी, कभी मुझसे गुस्सा नहीं होगी 😂😂। क्यों की वो मुझसे गुस्सा बहुत होती थी। हम दोनों मुस्कुरा रहे थे ,पर अंदर से दोनों उदास थे। हम नहीं जानते थे हम दुबारा कब मिलेंगे। यही सब बाते करते करते उसका घर आ जाता है। घर के कुछ कदम पहले , मैंने उदास होकर कहा, भूल मत जाना मुझे। उसने कहा ऐसा कभी नहीं होगा। और ये कहकर वो अपने घर चली गई । और अब मै अकेले था, क्यों की मेरा घर उससे थोड़ा दूर था। मै धीरे धीरे चल रहा था हाथ में उसका गिफ्ट लिए हुए। और ये सोचा रहा था कि ना जाने अब कब मिलूंगा
Srilatha Gugunta
Story: Hello Dear (Sarcasm) He: Hello, This is me She: This,is also me, go ahead He: Sorry for last night, I shouldn't have behaved like that She: Oh, no. Is it? Do you think so? Well, I heard this your dialogue many times too He: I know, I would get to hear this dialogue of yours as well She: Is it? Then why in the world you dialled my number? He: Wanted to ask, but your dramas will not allow me to proceed further She: Ask what? Want to ask what? What did you just say? Dramas? Who's yours? Or Mine? He: Ok, Fine. I agree and accept my mistake, I'm sorry. She: No problem, History repeats. He: Whatever🥴 She: Yes, whatever 🙄 #yqstory #yqstorywriting #yqstories #yqstoryteller #yqtales #yqbaba #yostowrimo
Akash Yadav
अंजाम ए इश्क़ हर आशिक़ को पता होता है, आंखों में समुंदर लेकर भी हंसना पड़ता है। #yqwritersnetwork #yqbaba_yqdidi #yqstoryteller #instawriters #instapoetry #quoteoftheday #untoldwords #brokensoul
Shilpi Signodia
Kammo Part VI इंदर ने कम्मो को बाजू बैठाया और उसका कलाई अपने हाथ में ली। क: क्या दिखा रा है जल्दी दिखा। इ: थोड़ी देर भी सबर नहीं है तैनू । फिर इंदर ने अपनी जेब से एक कवर निकाला । क: ये क्या है? इ: सबर सोहनेयो कवर मे एक मलमल का डिब्बा था, उसे खोला। क: वाह, ये तो बड़ा चंगा है ।
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