Find the Best sreeram Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutbe happy with sree, sre shayri army love vapas jachi 0, sree buddha life history in malayalam, words of sree narayana guru in malayalam, sree krishna quotes in malayalam,
Music club
‼️🙏जय श्री राम 🙏‼️ एकबार लक्ष्मण जी ने तीर्थ यात्रा जाने के लिए श्रीराम जी से प्रार्थना करने लगे ! श्रीराम जी ने यात्रा करने के लिए आज्ञा दे दी आज्ञा देने के बाद श्रीराम जी मुस्कराने लगे ! लक्ष्मण जी ने कहा— भगवन ! दास से कौन सी त्रुटि हो गयी जिसके कारण आप मुस्करा रहे है ! श्रीराम जी ने कहा— लक्ष्मण ! समय आने पर खुद ही आप समझ जायेंगे ! लक्ष्मण जी तीर्थ यात्रा जाने के लिए तैयारी करने लगे ! गुरूदेव श्री वसिष्ठ जी ने यात्रा का महूर्त श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी का निकाला ! महूर्त के अनुसार सूर्योदय के पहले प्रस्थान करना था ! लक्ष्मण जी को तैयारी करते करते रात्रि के दो बज गये ! लक्ष्मण जी सोचने लगे आज प्रात: पाँच बजे यात्रा करनी है ! यदि अब विश्राम करूँगा तो विलम्ब होगा ! अब ब्रह्म महूर्त भी होने वाला है ! अत: पहले जाकर श्री सरयू जी का स्नान कर ले ! ऐसा निश्चय करके स्नान करने के लिए लक्ष्मण जी सरयू के किनारे पधारे ! वहाँ बहुत प्रकाश हो रहा था ! राज घाट पर हजारों राजा महराजा स्नान कर रहे थे और संध्या करके आकाश मार्ग से चले जा रहे थे ! लक्ष्मण जी सोचने लगे कोई राम नवमी का पर्व नही कोई उत्सव – विशेष नही फिर इस ब्रह्म बेला में इतनी भीड कैसे इकट्ठा हो गयी ! लक्ष्मण जी यह दृश्य देखकर लौट आये ! श्रीराम ने पूछा – लक्ष्मण ! आज आप के तीर्थ यात्रा जाने का महूर्त था परंतु आप अभी तक स्नान ही नही किये ! लक्ष्मण जी ने कहा –भगवन ! आज मैने एक आश्चर्यमय घटना सरयू जी के किनारे देखा और राम जी को सारी घटना सुना दी ! श्रीराम ने कहा – लक्ष्मण ! आपने उन लोगों से पूछा नही कि आप कौन है कहाँ से पधारे है ! लक्ष्मण जी ने कहा – भगवन ! यह तो दास से बडी भूल हो गयी ! मैं संकोचवश कुछ भी नही पूछ सका क्योंकि वहाँ हजारों लोग स्नान कर रहे थे ! आज मैं पुन: जाऊँगा और सबसे परिचय पूछूँगा ! लक्ष्मण जी पुन: गये ! देखते है कल की तरह हजारों लोग स्नान कर रहे है लेकिन कोई किसी से बोलता नही है ! लक्ष्मण जी हाथ जोडकर प्रणाम करते हुए बोले — भगवन ! आप लोगों का परिचय जानना चाहता हूँ ! हजारों राजाओं ने कहा – हम लोग काशी गया जगन्नाथ बद्रीनाथ केदारनाथ श्रीरंगम रामेश्वरम और द्वारिकापुरी आदि अडसठ ( 68 करोड ) करोड तीर्थ देवताओं का रूप धारण करके यहाँ नित्य प्रति श्री अयोध्या का दर्शन एवं सरयू जी का स्नान करने आते है ! इसके बाद लक्ष्मण जी महिलाओं के घाट पर गये और उन्होंने उन माताओं को प्रणाम करते पूछा ! माताओं ने कहा – हम गंगा यमुना सरस्वती ताप्ती तुंगभद्रा कमला कोशी गंडकी नर्मदा कृष्णा एवं क्षिप्रा आदि भारत की हजारों पवित्र नदियाँ नित्य प्रति श्री राम पुरी का दर्शन एवं श्री सरयू जी का स्नान करने आते है ! उसी समय एक विकराल काला पुरूष आकाश मार्ग से आया और श्री सरयू जी की धारा में गिरा ! थोडी देर बाद जल से निकला तो गौरवर्ण,हाथ में शंख चक्र गदा आदि धारण किये प्रकट हुआ ! लक्ष्मण जी ने ऋषियों से पूछा – भगवन ! ये देवता कौन हैं जो अभी काले थे फिर गौरवर्ण के हो गये ! ऋषियों ने कहा लक्ष्मण ये तीर्थ राज प्रयाग है ! लक्ष्मण जी ने सारी घटना राम जी से बतायी ! श्रीराम जी ने कहा – भैया लक्ष्मण ! इस पुरी के दर्शन एवं स्नान हेतु 68 करोड तीर्थ अयोध्या में आते हैं और आप अयोध्या छोडकर अन्य तीर्थों का दर्शन करने जा रहे थे ! इसीलिए जब आप ने मुस्कराने का कारण पूछा था तब मैने कहा था उचित समय पर आप स्वयं जान जायेंगे ! अब आप निर्णय कर लीजिये कि तीर्थ यात्रा में जाना है या नही !! *अवधपुरी मम् पुरी सुहावन !* *उत्तर दिश बह सरयु पावन !!* *!! जय श्री सीता राम !!* ©Music club #Chhavi #sreeram
Sumit Pandey
माता सुमित्रा जी, लक्ष्मण जी से कहती है, " पुत्रवती जुवती जग सोई। रघुपति भगत जासु सुत होइ ।। " अथार्थ ~ संसार में पुत्रवती तो केवल वह नारी है, जिसका पुत्र श्रीराम का भक्त हो । रामायण का अंश राम वनगमन के वक़्त, जब लक्षमण जी ने माता सुमित्रा से आज्ञा मांगी, श्रीराम जी के कहने पर । श्री लक्ष्मण में राम भक्त का संचार, उनके बाल्यकाल मे ही माता सुमित्रा जी ने कर दिया था । उन्होंने , श्रीराम को लक्षमण का पिता और माता सीता को लक्ष्मण की माता बताया। और बताया ... श्री राम भी यह अयोध्या तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं।
रामायण का अंश राम वनगमन के वक़्त, जब लक्षमण जी ने माता सुमित्रा से आज्ञा मांगी, श्रीराम जी के कहने पर । श्री लक्ष्मण में राम भक्त का संचार, उनके बाल्यकाल मे ही माता सुमित्रा जी ने कर दिया था । उन्होंने , श्रीराम को लक्षमण का पिता और माता सीता को लक्ष्मण की माता बताया। और बताया ... श्री राम भी यह अयोध्या तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं।
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited